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कर्मचारियों को बीमारी से बचाने के लिए उद्योगों को करना होगा उचित प्रबंध, कैबिनेट से मिली स्वीकृति - Preparation to provide safe environment for workers in Jharkhand

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक टीवी की बीमारी से देश को मुक्त करने की योजना है. इसी को देखते हुए स्वास्थ विभाग ने झारखंड में काम कर रहे सभी उद्योगों के लिए नीति बनाई है. इस नीति के तहत उद्योगों के मालिकों को अपने कार्यस्थल में कर्मचारियों को सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण का निर्माण कराना होगा.

Preparation to provide safe environment for workers in Jharkhand
झारखंड में कर्मचारियों को सुरक्षित वातावरण दिलाने की तैयारी
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Published : Dec 24, 2020, 6:43 AM IST

रांची: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत साल 2025 तक यह तय किया गया है कि पूरे भारत को टीवी की बीमारी से मुक्त कर दिया जायेगा. इसी को देखते हुए नेशनल स्ट्रैटेजिक प्लान के तहत स्वास्थ विभाग ने झारखंड में काम कर रहे सभी उद्योगों के लिए एक कार्यस्थल नीति बनाई है, जिसे झारखंड सरकार के कैबिनेट की ओर से स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है.

कर्मचारियों को देना होगा सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण


अब इस नीति के तहत उद्योगों के मालिकों को अपने कार्यस्थल में कर्मचारियों को सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण का निर्माण कराना होगा, ताकि कोई भी कर्मचारी टीवी की बीमारी से ग्रसित ना हो सके, साथ ही औद्योगिक इकाइयों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके कार्यस्थल में नियमित टीवी की जांच हो. अगर कोई कर्मचारी टीवी से ग्रसित मिलता है तो उसका समुचित देखभाल और इलाज हो सके. कार्यस्थल नीति के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह भी आदेश जारी किया गया है कि अगर किसी कर्मचारी को टीवी और उससे संबंधित कोई बीमारी होती है तो, उस कर्मचारी को इलाज कराने के लिए समुचित सहूलियत और काम से राहत भी देना होगा, ताकि उसे इलाज कराने में किसी तरह की समस्या उत्पन्न ना हो.

ये भी पढ़ें-छात्रा को पास कराने के नाम पर प्रोफेसर कर रहा था गंदी बात, एफआईआर दर्ज

फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के लिए भारत की पहली नीति

स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, यह भी बताया गया है कि भारत में इस तरह की यह पहली नीति है जो टीवी, मधुमेह, एचआईवी और अन्य फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के लिए बनाई गई है. इस नीति में राज्यक्षमा इकाई, एड्स नियंत्रण कार्यक्रम, एनसीडी इकाई, कर्मचारी यूनियन, गैर सरकारी संगठन और समुदायिक उत्प्रेरकों के संभावित जिम्मेदारियों का भी जिक्र किया गया है.

रांची: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत साल 2025 तक यह तय किया गया है कि पूरे भारत को टीवी की बीमारी से मुक्त कर दिया जायेगा. इसी को देखते हुए नेशनल स्ट्रैटेजिक प्लान के तहत स्वास्थ विभाग ने झारखंड में काम कर रहे सभी उद्योगों के लिए एक कार्यस्थल नीति बनाई है, जिसे झारखंड सरकार के कैबिनेट की ओर से स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है.

कर्मचारियों को देना होगा सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण


अब इस नीति के तहत उद्योगों के मालिकों को अपने कार्यस्थल में कर्मचारियों को सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण का निर्माण कराना होगा, ताकि कोई भी कर्मचारी टीवी की बीमारी से ग्रसित ना हो सके, साथ ही औद्योगिक इकाइयों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके कार्यस्थल में नियमित टीवी की जांच हो. अगर कोई कर्मचारी टीवी से ग्रसित मिलता है तो उसका समुचित देखभाल और इलाज हो सके. कार्यस्थल नीति के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह भी आदेश जारी किया गया है कि अगर किसी कर्मचारी को टीवी और उससे संबंधित कोई बीमारी होती है तो, उस कर्मचारी को इलाज कराने के लिए समुचित सहूलियत और काम से राहत भी देना होगा, ताकि उसे इलाज कराने में किसी तरह की समस्या उत्पन्न ना हो.

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फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के लिए भारत की पहली नीति

स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, यह भी बताया गया है कि भारत में इस तरह की यह पहली नीति है जो टीवी, मधुमेह, एचआईवी और अन्य फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के लिए बनाई गई है. इस नीति में राज्यक्षमा इकाई, एड्स नियंत्रण कार्यक्रम, एनसीडी इकाई, कर्मचारी यूनियन, गैर सरकारी संगठन और समुदायिक उत्प्रेरकों के संभावित जिम्मेदारियों का भी जिक्र किया गया है.

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