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सीनियर विद्यार्थियों के बाद अब बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने की हो रही है तैयारी, जानिए कितने तैयार हैं सरकारी स्कूल

झारखंड में अब प्राथमिक स्कूल खोले जाने की तैयारी हो रही है. अधिकांश प्राइवेट स्कूल पहले से तैयार हैं जबकि सरकारी स्कूलों में बहुत काम करना बाकी है.

Preparing to open primary schools
Preparing to open primary schools
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Published : Oct 19, 2021, 3:47 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 4:03 PM IST

रांची: कोरोना महामारी की कम होती रफ्तार के बीच धीरे-धीरे कई चीजें सामान्य हो रही है. विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था भी पटरी पर लौट रही है. हालांकि छोटे बच्चों के लिए परेशानियां अभी भी कम नहीं हुई है. इसके बावजूद कयास लगाए जा रहे हैं कि दिसंबर के बाद प्राथमिक बच्चों के लिए स्कूल धीरे-धीरे खोले जाएंगे. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग भी तैयारियों में जुटा है. लगातार विभागीय स्तर पर बैठकें हो रही है.


ये भी पढ़ें- Jharkhand Education: झारखंड में आज से खुले स्कूल, इन गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी

डेढ़ वर्ष से अधिक समय से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप है. अभी भी प्राथमिक स्कूलों में ताले लटके हुए है. कोरोना महामारी की कम होती रफ्तार को देखते हुए कई चीजें सामान्य हुई है. छठी से लेकर 12वीं और कई कॉलेज, यूनिवर्सिटी भी सीनियर बच्चों के लिए खोले गए हैं. जहां कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए पठन-पाठन संचालित हो रही है. लेकिन अभी भी पूरी तरह शिक्षा व्यवस्था सामान्य नहीं हुई है और इससे विद्यार्थियों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है.

देखें पूरी खबर

ऑफलाइन क्लासेस के साथ-साथ ऑनलाइन क्लासेज भी सुचारु रखा गया है. वैकल्पिक तौर पर जो विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज नहीं आना चाहते हैं. वह ऑनलाइन क्लासेज के जरिए अपना अपनी डाउट क्लियर कर सकते हैं. लेकिन विभिन्न प्रदेशों के साथ-साथ झारखंड में भी अब प्राथमिक शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों के लिए यानी क्लास वन (One) से फाइव (Five) तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने की तैयारी चल रही है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर के बाद संभवत जूनियर बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाएंगे. लेकिन उसके लिए अभिभावकों की राय जरूरी है. 80 फीसदी अभिभावकों की सहमति के बाद ही इस पर उचित निर्णय होगा.


सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत खराब.

राज्य के निजी स्कूल इसके लिए पूरी तरह पहले से ही तैयार है. लेकिन सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर है. डेढ़ वर्ष तक स्कूल बंद रहने के कारण स्कूल भवन जर्जर हो चुकी हैं. भवनों में मरम्मत का काम भी नहीं हुई है. साफ सफाई की बात तो छोड़िए इन सरकारी स्कूलों में कई परेशानियां हैं और राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग को स्कूल खोलने से पहले इन परेशानियों की ओर ध्यान देने की जरूरत है.

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर हमारी टीम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि साफ सफाई के साथ-साथ भवनों की मरम्मती के बाद ही प्राथमिक बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे. इसके लिए लगातार उच्च अधिकारियों के साथ बैठक भी हो रही है और जब भी स्कूल खोले जाएंगे उस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा जाएगा. बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

रांची: कोरोना महामारी की कम होती रफ्तार के बीच धीरे-धीरे कई चीजें सामान्य हो रही है. विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था भी पटरी पर लौट रही है. हालांकि छोटे बच्चों के लिए परेशानियां अभी भी कम नहीं हुई है. इसके बावजूद कयास लगाए जा रहे हैं कि दिसंबर के बाद प्राथमिक बच्चों के लिए स्कूल धीरे-धीरे खोले जाएंगे. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग भी तैयारियों में जुटा है. लगातार विभागीय स्तर पर बैठकें हो रही है.


ये भी पढ़ें- Jharkhand Education: झारखंड में आज से खुले स्कूल, इन गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी

डेढ़ वर्ष से अधिक समय से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप है. अभी भी प्राथमिक स्कूलों में ताले लटके हुए है. कोरोना महामारी की कम होती रफ्तार को देखते हुए कई चीजें सामान्य हुई है. छठी से लेकर 12वीं और कई कॉलेज, यूनिवर्सिटी भी सीनियर बच्चों के लिए खोले गए हैं. जहां कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए पठन-पाठन संचालित हो रही है. लेकिन अभी भी पूरी तरह शिक्षा व्यवस्था सामान्य नहीं हुई है और इससे विद्यार्थियों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है.

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ऑफलाइन क्लासेस के साथ-साथ ऑनलाइन क्लासेज भी सुचारु रखा गया है. वैकल्पिक तौर पर जो विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज नहीं आना चाहते हैं. वह ऑनलाइन क्लासेज के जरिए अपना अपनी डाउट क्लियर कर सकते हैं. लेकिन विभिन्न प्रदेशों के साथ-साथ झारखंड में भी अब प्राथमिक शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों के लिए यानी क्लास वन (One) से फाइव (Five) तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने की तैयारी चल रही है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर के बाद संभवत जूनियर बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाएंगे. लेकिन उसके लिए अभिभावकों की राय जरूरी है. 80 फीसदी अभिभावकों की सहमति के बाद ही इस पर उचित निर्णय होगा.


सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत खराब.

राज्य के निजी स्कूल इसके लिए पूरी तरह पहले से ही तैयार है. लेकिन सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर है. डेढ़ वर्ष तक स्कूल बंद रहने के कारण स्कूल भवन जर्जर हो चुकी हैं. भवनों में मरम्मत का काम भी नहीं हुई है. साफ सफाई की बात तो छोड़िए इन सरकारी स्कूलों में कई परेशानियां हैं और राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग को स्कूल खोलने से पहले इन परेशानियों की ओर ध्यान देने की जरूरत है.

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर हमारी टीम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि साफ सफाई के साथ-साथ भवनों की मरम्मती के बाद ही प्राथमिक बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे. इसके लिए लगातार उच्च अधिकारियों के साथ बैठक भी हो रही है और जब भी स्कूल खोले जाएंगे उस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा जाएगा. बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

Last Updated : Oct 19, 2021, 4:03 PM IST
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