रांची: झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल में बंद रहकर भी सक्रिय है. जेल में होते हुए भी में रंगदारी मांग रहे है. जेल में बंद अपराधियों के धमकी भरे कॉल लगातार बड़े ठेकेदारों, बिजनेसमैन और कारोबारियों को आ रहे है. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.
साल 2019 में सैकड़ों मामले ऐसे हैं, जिनमें जेल से रंगदारी की मांग की गई. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की कोशिश तक की गई. अब साल 2020 में झारखंड पुलिस का यह दावा है कि जेल से चल रहे इस रंगदारी के खेल को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा.
जेल सुरक्षा पर स्पेशल ब्रांच कर चुकी है रिपोर्ट
झारखंड के विभिन्न जिलों की अंदरूनी सुरक्षा और नेटवर्क की लचर व्यवस्था को लेकर स्पेशल ब्रांच ने साल 2019 में कई रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी थी. इससे संबंधित पत्र रांची, धनबाद, हजारीबाग, पलामू सहित कई जिलों के एसपी को भी भेजा गया था. 2019 में भेजा गया रिपोर्ट में जिक्र था कि जेल में बंद अपराधी अनिल शर्मा, लव कुश शर्मा, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा जैसे अपराधी अपने गुर्गों के बल पर रंगदारी, जमीन पर कब्जा और ठेका मैनेज जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. रिपोर्ट के बाद समय-समय पर विभिन्न जेलों में जिला प्रशासन की तरफ से रेड भी किया गया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. रेड के पहले ही जेल कर्मियों की मिलीभगत से अपराधियों के मोबाइल भूमिगत कर दिए जाते थे.
![Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5583944_dadda.jpg)
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पुलिस पर नहीं है लोगों को भरोसा
झारखंड के कुख्यात अपराध कर्मी जेल से ही अपनी सल्तनत को चला रहे हैं. अनिल शर्मा, लव कुश शर्मा, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, गेंदा सिंह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल कर करोड़पति बन रहे हैं. खौफ के इस बिजनेस में हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है, क्योंकि मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद भी पीड़ितों को सुरक्षा नहीं मिल पाती है. नाम नहीं बताने की शर्त पर रांची के कई कारोबारियों ने बताया कि कोई भी बड़ा काम मिलने पर तुरंत किसी न किसी बड़े अपराधी का उनके पास रंगदारी के लिए कॉल आ जाता है. रंगदारी मांगने वाले जेल में बंद कुख्यात अपराधियों के गुर्गे होते हैं.
![Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5583944_sasa.jpg)
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2020 में खत्म होगा आतंक: एडीजी
झारखंड पुलिस के वरीय प्रवक्ता एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार 2020 में पुलिस खौफ के इस बिजनेस को पूरी तरह से बंद करेगी. एडीजी के अनुसार सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को या निर्देश दिया गया है कि वह जिन जिलों में कुख्यात गैंगस्टर बंद है, वहां से वे अपने किसी भी साथी को कम्युनिकेट ना कर पाए इसका ध्यान रखा जाए. साथ ही जेल के बाहर उनका कोई संदेश न जाए इस पर भी नजर रखी जाए. उनसे मिलने जुलने वाले हर लोगों पर नजर रखने की हिदायत भी दी गई है.
गैंगस्टर्स के गुर्गो को चिन्हित कर भेजा जाएगा जेल
एडीजी मुरारी लाल मीणा के अनुसार वैसे गैंगस्टर्स जिनके गुर्गे बाहर रहकर उनके इशारों पर काम करते हैं, वैसे गुर्गों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है. उन को चिन्हित कर उन्हें भी जेल भेजने का काम झारखंड पुलिस करेगी.
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कौन-कौन गैंगस्टर चला रहे हैं जेल से अपनी सल्तनत
1. अनिल शर्मा- आजीवन कारावास, जेल में, गैंग में 35 सदस्य
झारखंड के पुराने गैंगस्टरों में अनिल शर्मा का नाम सबसे ऊपर आता है. अनिल शर्मा फिलहाल जेल में बंद है. लेकिन उसके गुर्गे बड़े व्यापारियों से लेकर रेलवे और दूसरे ठेकेदारों से रंगदारी वसूल करते हैं. अनिल शर्मा को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है फिलहाल वह जेल में बैठकर ही अपने गिरोह का संचालन कर रहा है. उसके गिरोह में 35 सदस्य हैं जो उसके लिए किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं.
![Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5583944_qaqaq.jpg)
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जमानत पर जेल से बाहर है कई कुख्यात
इसी तरह रांची में नरेश सिंह बुतरू संदीप थापा, बिट्टू मिश्रा, राजीव सिंह, निक्की शर्मा जैसे गैंगस्टर का भी आतंक है. यह सभी गैंगस्टर्स फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. समय-समय पर इनके द्वारा भी रंगदारी मांगने की सूचना पुलिस तक पहुंचती है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने की वजह से पुलिस इन पर हाथ नहीं डाल पाती है.
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सजा दिलाने पर जोर: आईजी
झारखंड पुलिस के कनीय प्रवक्ता सह आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह के अनुसार कई बार राज्य के बाहर के गिरोह भी झारखंड के गैंगस्टर्स की मदद करते हैं या फिर बाहर से आकर अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं. उन सब पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. पुलिस वैसे अपराधियों पर भी नजर रख रही है जो अपने आकाओं के इशारे पर वारदात को अंजाम देते हैं. अपराधियों पर नजर रखने के लिए सीसीए और थाना हाजिरी जैसी प्रक्रिया भी पुलिस कर रही है.