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झारखंड पुलिस का मिशन 2020: जेल से सल्तनत चलाने वाले गैंगस्टर्स पर नकेल की तैयारी, पुलिस के राडार पर गैंगस्टर्स के गुर्गे

झारखंड पुलिस अब जेल में बंद अपराधियों के साथ-साथ बाहर घूम रहे गैंगस्टर्स के गुर्गे पर भी कड़ी नजर रखेगी. झारखंड पुलिस के वरीय प्रवक्ता एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार 2020 में पुलिस खौफ के इस बिजनेस को पूरी तरह से बंद कर देगी. वहीं अपराधियों पर नजर रखने के लिए सीसीए और थाना हाजिरी जैसी प्रक्रिया भी पुलिस कर रही है.

Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail
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Published : Jan 3, 2020, 7:50 PM IST

रांची: झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल में बंद रहकर भी सक्रिय है. जेल में होते हुए भी में रंगदारी मांग रहे है. जेल में बंद अपराधियों के धमकी भरे कॉल लगातार बड़े ठेकेदारों, बिजनेसमैन और कारोबारियों को आ रहे है. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

साल 2019 में सैकड़ों मामले ऐसे हैं, जिनमें जेल से रंगदारी की मांग की गई. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की कोशिश तक की गई. अब साल 2020 में झारखंड पुलिस का यह दावा है कि जेल से चल रहे इस रंगदारी के खेल को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा.

जेल सुरक्षा पर स्पेशल ब्रांच कर चुकी है रिपोर्ट
झारखंड के विभिन्न जिलों की अंदरूनी सुरक्षा और नेटवर्क की लचर व्यवस्था को लेकर स्पेशल ब्रांच ने साल 2019 में कई रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी थी. इससे संबंधित पत्र रांची, धनबाद, हजारीबाग, पलामू सहित कई जिलों के एसपी को भी भेजा गया था. 2019 में भेजा गया रिपोर्ट में जिक्र था कि जेल में बंद अपराधी अनिल शर्मा, लव कुश शर्मा, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा जैसे अपराधी अपने गुर्गों के बल पर रंगदारी, जमीन पर कब्जा और ठेका मैनेज जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. रिपोर्ट के बाद समय-समय पर विभिन्न जेलों में जिला प्रशासन की तरफ से रेड भी किया गया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. रेड के पहले ही जेल कर्मियों की मिलीभगत से अपराधियों के मोबाइल भूमिगत कर दिए जाते थे.

Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail
अपराधियों पर नजर

ये भी देखें- सरायकेला: पुलिस हत्याकांड से जुड़े दो और नक्सली गिरफ्तार, हथियार बरामद

पुलिस पर नहीं है लोगों को भरोसा
झारखंड के कुख्यात अपराध कर्मी जेल से ही अपनी सल्तनत को चला रहे हैं. अनिल शर्मा, लव कुश शर्मा, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, गेंदा सिंह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल कर करोड़पति बन रहे हैं. खौफ के इस बिजनेस में हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है, क्योंकि मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद भी पीड़ितों को सुरक्षा नहीं मिल पाती है. नाम नहीं बताने की शर्त पर रांची के कई कारोबारियों ने बताया कि कोई भी बड़ा काम मिलने पर तुरंत किसी न किसी बड़े अपराधी का उनके पास रंगदारी के लिए कॉल आ जाता है. रंगदारी मांगने वाले जेल में बंद कुख्यात अपराधियों के गुर्गे होते हैं.

Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail
झारखंड पुलिस

ये भी देखें- भूत की कहानी पर भड़के लालू-राबड़ी, कहा- नीतीश जी 2020 में जनता सब उतार देगी

2020 में खत्म होगा आतंक: एडीजी
झारखंड पुलिस के वरीय प्रवक्ता एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार 2020 में पुलिस खौफ के इस बिजनेस को पूरी तरह से बंद करेगी. एडीजी के अनुसार सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को या निर्देश दिया गया है कि वह जिन जिलों में कुख्यात गैंगस्टर बंद है, वहां से वे अपने किसी भी साथी को कम्युनिकेट ना कर पाए इसका ध्यान रखा जाए. साथ ही जेल के बाहर उनका कोई संदेश न जाए इस पर भी नजर रखी जाए. उनसे मिलने जुलने वाले हर लोगों पर नजर रखने की हिदायत भी दी गई है.

गैंगस्टर्स के गुर्गो को चिन्हित कर भेजा जाएगा जेल
एडीजी मुरारी लाल मीणा के अनुसार वैसे गैंगस्टर्स जिनके गुर्गे बाहर रहकर उनके इशारों पर काम करते हैं, वैसे गुर्गों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है. उन को चिन्हित कर उन्हें भी जेल भेजने का काम झारखंड पुलिस करेगी.

ये भी देखें- हजारीबाग में नक्सलियों का तांडव, पुल निर्माण कार्य में लगे 4 वाहनों को फूंका

कौन-कौन गैंगस्टर चला रहे हैं जेल से अपनी सल्तनत

1. अनिल शर्मा- आजीवन कारावास, जेल में, गैंग में 35 सदस्य
झारखंड के पुराने गैंगस्टरों में अनिल शर्मा का नाम सबसे ऊपर आता है. अनिल शर्मा फिलहाल जेल में बंद है. लेकिन उसके गुर्गे बड़े व्यापारियों से लेकर रेलवे और दूसरे ठेकेदारों से रंगदारी वसूल करते हैं. अनिल शर्मा को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है फिलहाल वह जेल में बैठकर ही अपने गिरोह का संचालन कर रहा है. उसके गिरोह में 35 सदस्य हैं जो उसके लिए किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं.

Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail
कारावास
2. लव कुश शर्मा- जेल में, गैंग में 12 सदस्यपथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र प्रताप सिंह से एक करोड़ की रंगदारी मांगी और पैसे नहीं मिलने पर दिनदहाड़े इंजीनियर को गोली मारकर चर्चा में आए कुख्यात अपराधी लव कुश शर्मा जेल में रहते हुए भी हर महीने करोड़ों की उगाही कर रहा है. कुछ व्यापारियों की शिकायत पर लव कुश को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं मिलने पर पुलिस उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई. फिलहाल लव कुश के गिरोह में 12 सदस्य हैं, जो लव कुश के सारे पर शहर में अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं.3. लखन सिंह और गेंदा सिंह- लखन पर दो लाख का इनाम, फरार, गेंदा जेल में, गैंग में 35 सदस्य हैराजधानी रांची में जमीन से जुड़े कारोबारियों में लखन और उसके छोटे भाई गेंदा सिंह का खौफ सर चढ़कर बोलता है. जमीन की खरीद बिक्री या फिर किसी भी बड़ी जमीन के डील में दोनों का हिस्सा नहीं देने वालों की आवाज बंद कर दी जाती है. यही वजह है कि जेल में बंद गेंदा सिंह का गिरोह फिलहाल एक नंबर पर चल रहा है, जबकि लखन फरार है पुलिस ने उसके ऊपर 2 लाख का इनाम भी रखा है लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई.4. सुजीत सिन्हा, जेल में बंद, गिरोह में 25 सदस्यजमशेदपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चित है. बीजेपी के एक बड़े नेता की सुपारी देकर वह साल 2019 के नवंबर महीने में चर्चा में आया था. बीजेपी नेता जमीन कारोबार से जुड़े हुए थे और उनसे सुजीत ने रंगदारी मांगी थी. रंगदारी नहीं देने पर सुजीत ने अपने गुर्गों को भेजकर बीजेपी नेता की हत्या करवाने की साजिश रची थी, लेकिन ऐन मौके पर पुलिस कोई साजिश की भनक लग गई और सुजीत के गुर्गे गिरफ्तार कर लिए गए.

ये भी देखें- भारतीय मजदूर संघ ने अपनी मांग को लेकर दिया धरना, प्रधानमंत्री को भेजा मांग पत्र

जमानत पर जेल से बाहर है कई कुख्यात
इसी तरह रांची में नरेश सिंह बुतरू संदीप थापा, बिट्टू मिश्रा, राजीव सिंह, निक्की शर्मा जैसे गैंगस्टर का भी आतंक है. यह सभी गैंगस्टर्स फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. समय-समय पर इनके द्वारा भी रंगदारी मांगने की सूचना पुलिस तक पहुंचती है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने की वजह से पुलिस इन पर हाथ नहीं डाल पाती है.

ये भी देखें- राजस्थान के सीएम बोले- स्वास्थ्य मंत्री के लिए अस्पताल जाना जरूरी नहीं था, बयान पर मचा हंगामा

सजा दिलाने पर जोर: आईजी
झारखंड पुलिस के कनीय प्रवक्ता सह आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह के अनुसार कई बार राज्य के बाहर के गिरोह भी झारखंड के गैंगस्टर्स की मदद करते हैं या फिर बाहर से आकर अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं. उन सब पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. पुलिस वैसे अपराधियों पर भी नजर रख रही है जो अपने आकाओं के इशारे पर वारदात को अंजाम देते हैं. अपराधियों पर नजर रखने के लिए सीसीए और थाना हाजिरी जैसी प्रक्रिया भी पुलिस कर रही है.

रांची: झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल में बंद रहकर भी सक्रिय है. जेल में होते हुए भी में रंगदारी मांग रहे है. जेल में बंद अपराधियों के धमकी भरे कॉल लगातार बड़े ठेकेदारों, बिजनेसमैन और कारोबारियों को आ रहे है. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

साल 2019 में सैकड़ों मामले ऐसे हैं, जिनमें जेल से रंगदारी की मांग की गई. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की कोशिश तक की गई. अब साल 2020 में झारखंड पुलिस का यह दावा है कि जेल से चल रहे इस रंगदारी के खेल को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा.

जेल सुरक्षा पर स्पेशल ब्रांच कर चुकी है रिपोर्ट
झारखंड के विभिन्न जिलों की अंदरूनी सुरक्षा और नेटवर्क की लचर व्यवस्था को लेकर स्पेशल ब्रांच ने साल 2019 में कई रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी थी. इससे संबंधित पत्र रांची, धनबाद, हजारीबाग, पलामू सहित कई जिलों के एसपी को भी भेजा गया था. 2019 में भेजा गया रिपोर्ट में जिक्र था कि जेल में बंद अपराधी अनिल शर्मा, लव कुश शर्मा, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा जैसे अपराधी अपने गुर्गों के बल पर रंगदारी, जमीन पर कब्जा और ठेका मैनेज जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. रिपोर्ट के बाद समय-समय पर विभिन्न जेलों में जिला प्रशासन की तरफ से रेड भी किया गया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. रेड के पहले ही जेल कर्मियों की मिलीभगत से अपराधियों के मोबाइल भूमिगत कर दिए जाते थे.

Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail
अपराधियों पर नजर

ये भी देखें- सरायकेला: पुलिस हत्याकांड से जुड़े दो और नक्सली गिरफ्तार, हथियार बरामद

पुलिस पर नहीं है लोगों को भरोसा
झारखंड के कुख्यात अपराध कर्मी जेल से ही अपनी सल्तनत को चला रहे हैं. अनिल शर्मा, लव कुश शर्मा, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, गेंदा सिंह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल कर करोड़पति बन रहे हैं. खौफ के इस बिजनेस में हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है, क्योंकि मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद भी पीड़ितों को सुरक्षा नहीं मिल पाती है. नाम नहीं बताने की शर्त पर रांची के कई कारोबारियों ने बताया कि कोई भी बड़ा काम मिलने पर तुरंत किसी न किसी बड़े अपराधी का उनके पास रंगदारी के लिए कॉल आ जाता है. रंगदारी मांगने वाले जेल में बंद कुख्यात अपराधियों के गुर्गे होते हैं.

Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail
झारखंड पुलिस

ये भी देखें- भूत की कहानी पर भड़के लालू-राबड़ी, कहा- नीतीश जी 2020 में जनता सब उतार देगी

2020 में खत्म होगा आतंक: एडीजी
झारखंड पुलिस के वरीय प्रवक्ता एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार 2020 में पुलिस खौफ के इस बिजनेस को पूरी तरह से बंद करेगी. एडीजी के अनुसार सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को या निर्देश दिया गया है कि वह जिन जिलों में कुख्यात गैंगस्टर बंद है, वहां से वे अपने किसी भी साथी को कम्युनिकेट ना कर पाए इसका ध्यान रखा जाए. साथ ही जेल के बाहर उनका कोई संदेश न जाए इस पर भी नजर रखी जाए. उनसे मिलने जुलने वाले हर लोगों पर नजर रखने की हिदायत भी दी गई है.

गैंगस्टर्स के गुर्गो को चिन्हित कर भेजा जाएगा जेल
एडीजी मुरारी लाल मीणा के अनुसार वैसे गैंगस्टर्स जिनके गुर्गे बाहर रहकर उनके इशारों पर काम करते हैं, वैसे गुर्गों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है. उन को चिन्हित कर उन्हें भी जेल भेजने का काम झारखंड पुलिस करेगी.

ये भी देखें- हजारीबाग में नक्सलियों का तांडव, पुल निर्माण कार्य में लगे 4 वाहनों को फूंका

कौन-कौन गैंगस्टर चला रहे हैं जेल से अपनी सल्तनत

1. अनिल शर्मा- आजीवन कारावास, जेल में, गैंग में 35 सदस्य
झारखंड के पुराने गैंगस्टरों में अनिल शर्मा का नाम सबसे ऊपर आता है. अनिल शर्मा फिलहाल जेल में बंद है. लेकिन उसके गुर्गे बड़े व्यापारियों से लेकर रेलवे और दूसरे ठेकेदारों से रंगदारी वसूल करते हैं. अनिल शर्मा को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है फिलहाल वह जेल में बैठकर ही अपने गिरोह का संचालन कर रहा है. उसके गिरोह में 35 सदस्य हैं जो उसके लिए किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं.

Preparation to crack down on gangsters who run Sultanate from Jharkhand Police Jail
कारावास
2. लव कुश शर्मा- जेल में, गैंग में 12 सदस्यपथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र प्रताप सिंह से एक करोड़ की रंगदारी मांगी और पैसे नहीं मिलने पर दिनदहाड़े इंजीनियर को गोली मारकर चर्चा में आए कुख्यात अपराधी लव कुश शर्मा जेल में रहते हुए भी हर महीने करोड़ों की उगाही कर रहा है. कुछ व्यापारियों की शिकायत पर लव कुश को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं मिलने पर पुलिस उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई. फिलहाल लव कुश के गिरोह में 12 सदस्य हैं, जो लव कुश के सारे पर शहर में अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं.3. लखन सिंह और गेंदा सिंह- लखन पर दो लाख का इनाम, फरार, गेंदा जेल में, गैंग में 35 सदस्य हैराजधानी रांची में जमीन से जुड़े कारोबारियों में लखन और उसके छोटे भाई गेंदा सिंह का खौफ सर चढ़कर बोलता है. जमीन की खरीद बिक्री या फिर किसी भी बड़ी जमीन के डील में दोनों का हिस्सा नहीं देने वालों की आवाज बंद कर दी जाती है. यही वजह है कि जेल में बंद गेंदा सिंह का गिरोह फिलहाल एक नंबर पर चल रहा है, जबकि लखन फरार है पुलिस ने उसके ऊपर 2 लाख का इनाम भी रखा है लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई.4. सुजीत सिन्हा, जेल में बंद, गिरोह में 25 सदस्यजमशेदपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चित है. बीजेपी के एक बड़े नेता की सुपारी देकर वह साल 2019 के नवंबर महीने में चर्चा में आया था. बीजेपी नेता जमीन कारोबार से जुड़े हुए थे और उनसे सुजीत ने रंगदारी मांगी थी. रंगदारी नहीं देने पर सुजीत ने अपने गुर्गों को भेजकर बीजेपी नेता की हत्या करवाने की साजिश रची थी, लेकिन ऐन मौके पर पुलिस कोई साजिश की भनक लग गई और सुजीत के गुर्गे गिरफ्तार कर लिए गए.

ये भी देखें- भारतीय मजदूर संघ ने अपनी मांग को लेकर दिया धरना, प्रधानमंत्री को भेजा मांग पत्र

जमानत पर जेल से बाहर है कई कुख्यात
इसी तरह रांची में नरेश सिंह बुतरू संदीप थापा, बिट्टू मिश्रा, राजीव सिंह, निक्की शर्मा जैसे गैंगस्टर का भी आतंक है. यह सभी गैंगस्टर्स फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. समय-समय पर इनके द्वारा भी रंगदारी मांगने की सूचना पुलिस तक पहुंचती है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने की वजह से पुलिस इन पर हाथ नहीं डाल पाती है.

ये भी देखें- राजस्थान के सीएम बोले- स्वास्थ्य मंत्री के लिए अस्पताल जाना जरूरी नहीं था, बयान पर मचा हंगामा

सजा दिलाने पर जोर: आईजी
झारखंड पुलिस के कनीय प्रवक्ता सह आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह के अनुसार कई बार राज्य के बाहर के गिरोह भी झारखंड के गैंगस्टर्स की मदद करते हैं या फिर बाहर से आकर अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं. उन सब पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. पुलिस वैसे अपराधियों पर भी नजर रख रही है जो अपने आकाओं के इशारे पर वारदात को अंजाम देते हैं. अपराधियों पर नजर रखने के लिए सीसीए और थाना हाजिरी जैसी प्रक्रिया भी पुलिस कर रही है.

Intro:झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल में बंद रहकर भी सक्रिय हैं. जेल में होते हुए भी में रंगदारी मांग रहे हैं .जेल में बंद अपराधियों के धमकी भरे कॉल लगातार बड़े ठेकेदारों बिजनेसमैन और कारोबारियों को आ रहे हैं. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. साल 2019 में सैकड़ों मामले ऐसे हैं जिनमें जेल से रंगदारी की मांग की गई. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की कोशिश तक की गई. अब साल 2020 में झारखंड पुलिस का यह दावा है कि जेल से चल रहे इस रंगदारी के खेल को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा.

जेल सुरक्षा पर स्पेशल ब्रांच कर चुकी है रिपोर्ट

झारखंड के विभिन्न जिलों की अंदरूनी सुरक्षा और नेटवर्क की लचर व्यवस्था को लेकर स्पेशल ब्रांच ने साल 2019 में कई रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी थी. इससे संबंधित पत्र रांची, धनबाद ,हजारीबाग ,पलामू सहित कई जिलों के एसपी को भी भेजा गया था. 2019 में भेजेगा रिपोर्ट में जिक्र था कि जेल में बंद अपराधी अनिल शर्मा , लव कुश शर्मा , अखिलेश सिंह ,सुजीत सिन्हा जैसे अपराधी अपने गुर्गों के बल पर रंगदारी ,जमीन पर कब्जा और ठेका मैनेज जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. रिपोर्ट के बाद समय-समय पर विभिन्न जेलों में जिला प्रशासन की तरफ से रेड भी किया गया ,लेकिन नतीजा सिफर ही रहा .रेड के पहले ही जेल कर्मियों की मिलीभगत से अपराधियों के मोबाइल भूमिगत कर दिए जाते थे.

पुलिस पर नहीं है लोगों को भरोसा

झारखंड के कुख्यात अपराध कर्मी जेल सही अपनी सल्तनत को चला रहे हैं .अनिल शर्मा ,लव कुश शर्मा ,अखिलेश सिंह ,सुजीत सिन्हा ,गेंदा सिंह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल कर करोड़पति बन रहे हैं .खौफ के इस बिजनेस में हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है, क्योंकि मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद भी पीड़ितों को सुरक्षा नहीं मिल पाती है. नाम नहीं बताने की शर्त पर रांची के कई कारोबारियों ने बताया कि कोई भी बड़ा काम मिलने पर तुरंत किसी न किसी बड़े अपराधी का उनके पास रंगदारी के लिए कॉल आ जाता है. रंगदारी मांगने वाले जेल में बंद कुख्यात अपराधियों के गुर्गे होते हैं.

2020 में खत्म होगा आतंक - एडीजी

झारखंड पुलिस के वरीय प्रवक्ता एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार 2020 में पुलिस खौफ के इस बिजनेस को पूरी तरह से बंद करेगी. एडीजी के अनुसार सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को या निर्देश दिया गया है कि वह जिन जिलों में कुख्यात गैंगस्टर बंद है वहां से वे अपने किसी भी साथी को कम्युनिकेट ना कर पाए इसका ध्यान रखा जाए. साथ ही जेल के बाहर उनका कोई संदेश ना जाए इस पर भी नजर रखी जाए .उनसे मिलने जुलने वाले हर लोगों पर नजर रखने की हिदायत भी दी गई है.

गैंगस्टर्स के गुर्गो को चिन्हित कर भेजा जाएगा जेल

एडीजी मुरारी लाल मीणा के अनुसार वैसे गैंगस्टर्स जिनके गुर्गे बाहर रहकर उनके इशारों पर काम करते हैं ,वैसे गुर्गों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है .उन को चिन्हित कर उन्हें भी जेल भेजने का काम झारखंड पुलिस करेगी.

बाइट - मुरारी लाल मीणा ,एडीजी अभियान ,झारखंड पुलिस





Body:कौन-कौन गैंगस्टर चला रहे हैं जेल से अपनी सल्तनत

1. अनिल शर्मा -आजीवन कारावास ,जेल में ,गैंग में 35 सदस्य

झारखंड के पुराने गैंगस्टरों में अनिल शर्मा का नाम सबसे ऊपर आता है. अनिल शर्मा फिलहाल जेल में बंद है. लेकिन उसके गुर्गे बड़े व्यापारियों से लेकर रेलवे और दूसरे ठेकेदारों से रंगदारी वसूल करते हैं. अनिल शर्मा को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है फिलहाल वह जेल में बैठकर ही अपने गिरोह का संचालन कर रहा है उसके गिरोह में 35 सदस्य हैं जो उसके लिए किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं.

2. लव कुश शर्मा -जेल में ,गैंग में 12 सदस्य

पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र प्रताप सिंह से एक करोड़ की रंगदारी मांगी और पैसे नहीं मिलने पर दिनदहाड़े इंजीनियर को गोली मारकर चर्चा में आए कुख्यात अपराधी लव कुश शर्मा जेल में रहते हुए भी हर महीने करोड़ों की उगाही कर रहा है. कुछ व्यापारियों की शिकायत पर लव कुश को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं मिलने पर पुलिस उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई. फिलहाल लव कुश के गिरोह में 12 सदस्य हैं जो लव कुश के सारे पर शहर में अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं.

लखन सिंह और गेंदा सिंह - लखन पर दो लाख का इनाम ,फरार ,गेंदा जेल में , गैंग में 35 सदस्य हैं

राजधानी रांची में जमीन से जुड़े कारोबारियों में लखन और उसके छोटे भाई गेंदा सिंह का खौफ सर चढ़कर बोलता है. जमीन की खरीद बिक्री या फिर किसी भी बड़ी जमीन के डील में दोनों का हिस्सा नहीं देने वालों की आवाज बंद कर दी जाती है यही वजह है कि जेल में बंद गेंदा सिंह का गिरोह फिलहाल एक नंबर पर चल रहा है .जबकि लखन फरार है पुलिस ने उसके ऊपर 2 लाख का इनाम भी रखा है लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई.

सुजीत सिन्हा ,जेल में बंद ,गिरोह में 25 सदस्य

जमशेदपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चित है .भाजपा के एक बड़े नेता की सुपारी देकर वह साल 2019 के नवंबर महीने में चर्चा में आया था. भाजपा नेता जमीन कारोबार से जुड़े हुए थे और उनसे सुजीत ने रंगदारी मांगी थी रंगदारी नहीं देने पर सुजीत ने अपने गुर्गों को भेजकर भाजपा नेता की हत्या करवाने की साजिश रची थी लेकिन ऐन मौके पर पुलिस कोई साजिश की भनक लग गई और सुजीत के गुर्गे गिरफ्तार कर लिए गए.

जमानत पर जेल से बाहर है कई कुख्यात

इसी तरह राजधानी रांची में नरेश सिंह बुतरू संदीप थापा, बिट्टू मिश्रा ,राजीव सिंह, निक्की शर्मा जैसे गैंगस्टर का भी आतंक है . यह सभी गैंगस्टर्स फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. समय-समय पर इनके द्वारा भी रंगदारी मांगने की सूचना पुलिस तक पहुंचती है लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने की वजह से पुलिस इन पर हाथ नहीं डाल पाती है.


Conclusion:सजा दिलाने पर जोर - आईजी

झारखंड पुलिस के कनीय प्रवक्ता सह आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह के अनुसार कई बार राज्य के बाहर के गिरोह भी झारखंड के गैंगस्टर्स की मदद करते हैं या फिर बाहर से आकर अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं. उन सब पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. पुलिस वैसे अपराधियों पर भी नजर रख रही है जो अपने आकाओं के इशारे पर वारदात को अंजाम देते हैं. अपराधियों पर नजर रखने के लिए सीसीए और थाना हाजिरी जैसी प्रक्रिया भी पुलिस के द्वारा की जा रही है.

बाइट - साकेत कुमार सिंह ,आईजी अभियान ,झारखंड पुलिस
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