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झारखंड में 15 दिसंबर से धान खरीद की तैयारी, जानिए सरकार की क्या है तैयारी - 15 दिसंबर से धान खरीद

Paddy purchase from 15th December in Jharkhand. झारखंड सरकार के द्वारा राज्य में इस साल खरीफ मौसम में उत्पादित धान की खरीद 15 दिसंबर से करने की तैयारी की जा रही है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा लैम्प्स और पैक्स के माध्यम से होने वाले धान खरीद के लिए तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है.

Paddy purchase from 15th December in Jharkhand
Paddy purchase from 15th December in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 23, 2023, 10:30 PM IST

जानकारी देते जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप भगत

रांची: किसानों से खरीदे जाने वाले धान को लैम्प्स में रखने और मिलर द्वारा ससमय उठाव को लेकर विभाग इस बार पहले से तैयारी कर रही है. मिलर का निबंधन के साथ साथ किसानों का निबंधन को अंतिम रुप दिया जा रहा है. सहकारिता पदाधिकारी के माध्यम से लैम्प्स की वर्तमान स्थिति से संबंधित रिपोर्ट जिला स्तर पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से मिलने के बाद सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति केन्द्र की संख्या को अंतिम रुप दिया जायेगा.

आइये जानते हैं पिछले कुछ वर्षों के धान अधिप्राप्ति पर

वर्ष लक्ष्य (क्विंटल में) प्राप्ति
2018-1940,00,000 22,74,044.65
2019-20 30,00000 38,03,007.67
2020-21 60,85,000 62,88,529.11
2021-22 80,00,000 2,13,365.46
2022-23 36,30,000 1716078.88


एमएसपी को लेकर विभाग में चल रहा है मंथन: हर साल किसानों को धान के सरकारी समर्थन मूल्य के आधार पर भुगतान किया जाता है. वर्तमान समय में सरकारी दर 2050 रुपये प्रति क्विंटल है. इस साल किसानों से शिकायत यह आ रही है कि बाजार में सरकारी मूल्य की तरह खुले रुप से धान के दाम हैं ऐसे में वो सरकारी सिस्टम के तहत क्यों बेचें. यह मामला विभागीय मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव तक पहुंचा है जिसके बाद इस पर मंथन की जा रही है.

यदि किसान बाजार में सीधे धान बेच देंगे तो सरकार के पास धान मिलना मुश्किल हो जाएगा. यही वजह है कि किसानों के निबंधन में धीमी प्रगति देखी जा रही है. विभाग के द्वारा अब तक लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है. जानकारी के मुताबिक इस महीने के अंत तक जिलों से रिपोर्ट आने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप भगत के अनुसार सहकारिता पदाधिकारी से रिपोर्ट मिलने के बाद धान अधिप्राप्ति केंद्र की संख्या और खरीद का लक्ष्य तय होगा.

संभावना यह है कि रांची में पिछले साल की तरह इस बार भी 75000 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य तय होगा. गौरतलब है कि झारखंड के किसानों को इस बार भी मौसम की मार पड़ी है. कम वर्षा के कारण इस बार धान की बुआई अपेक्षा अनुरूप नहीं हो पाया है. आंकड़ों के मुताबिक अगस्त महीने तक करीब 46% धान की बुआई राज्य में हुई थी.

ये भी पढ़ें- Paddy Purchase in Jharkhand: झारखंड में धान की बर्बादी! जानने के लिए देखिए ईटीवी भारत की पड़ताल

ये भी पढ़ें- झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार ने बढ़ाई सरकार की चिंता, लक्ष्य से है काफी पीछे

ये भी पढ़ें- सूखा है जिला, फिर भी सरकार ने धान खरीद के लिए दे दिया है दोगुना टारगेट

जानकारी देते जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप भगत

रांची: किसानों से खरीदे जाने वाले धान को लैम्प्स में रखने और मिलर द्वारा ससमय उठाव को लेकर विभाग इस बार पहले से तैयारी कर रही है. मिलर का निबंधन के साथ साथ किसानों का निबंधन को अंतिम रुप दिया जा रहा है. सहकारिता पदाधिकारी के माध्यम से लैम्प्स की वर्तमान स्थिति से संबंधित रिपोर्ट जिला स्तर पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से मिलने के बाद सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति केन्द्र की संख्या को अंतिम रुप दिया जायेगा.

आइये जानते हैं पिछले कुछ वर्षों के धान अधिप्राप्ति पर

वर्ष लक्ष्य (क्विंटल में) प्राप्ति
2018-1940,00,000 22,74,044.65
2019-20 30,00000 38,03,007.67
2020-21 60,85,000 62,88,529.11
2021-22 80,00,000 2,13,365.46
2022-23 36,30,000 1716078.88


एमएसपी को लेकर विभाग में चल रहा है मंथन: हर साल किसानों को धान के सरकारी समर्थन मूल्य के आधार पर भुगतान किया जाता है. वर्तमान समय में सरकारी दर 2050 रुपये प्रति क्विंटल है. इस साल किसानों से शिकायत यह आ रही है कि बाजार में सरकारी मूल्य की तरह खुले रुप से धान के दाम हैं ऐसे में वो सरकारी सिस्टम के तहत क्यों बेचें. यह मामला विभागीय मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव तक पहुंचा है जिसके बाद इस पर मंथन की जा रही है.

यदि किसान बाजार में सीधे धान बेच देंगे तो सरकार के पास धान मिलना मुश्किल हो जाएगा. यही वजह है कि किसानों के निबंधन में धीमी प्रगति देखी जा रही है. विभाग के द्वारा अब तक लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है. जानकारी के मुताबिक इस महीने के अंत तक जिलों से रिपोर्ट आने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप भगत के अनुसार सहकारिता पदाधिकारी से रिपोर्ट मिलने के बाद धान अधिप्राप्ति केंद्र की संख्या और खरीद का लक्ष्य तय होगा.

संभावना यह है कि रांची में पिछले साल की तरह इस बार भी 75000 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य तय होगा. गौरतलब है कि झारखंड के किसानों को इस बार भी मौसम की मार पड़ी है. कम वर्षा के कारण इस बार धान की बुआई अपेक्षा अनुरूप नहीं हो पाया है. आंकड़ों के मुताबिक अगस्त महीने तक करीब 46% धान की बुआई राज्य में हुई थी.

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