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Jharkhand Assembly Session: मानसून सत्र को लेकर सरकार कर रही तैयारी, जानिए विधायकों ने क्या रखी मांग

संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अवधि 06 महीने की होनी चाहिए. जिसके तहत झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र (Jharkhand Assembly Session) 18 सितंबर से पहले होना चाहिए.

Jharkhand Legislative Assembly
झारखंड विधानसभा
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Published : Jul 9, 2021, 10:14 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 10:21 PM IST

रांची: संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है. ऐसे में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र (Jharkhand Assembly Session) भी बुलाने की तैयारी शुरू हो गई है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अंतराल 06 महीने का होना चाहिए. जिसके तहत झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से पहले होना चाहिए. पिछले साल कोरोना के कारण 18 से 22 सितंबर तक मानसून सत्र का आयोजन किया गया था जबकि 2019 में 22 से 26 जुलाई तक मानसून सत्र चला था.

ये भी पढे़ं- झारखंड में शराब के बाद अब बिजली का भी निजीकरण, विपक्ष ने कहा- गुणवत्ता में होगी गिरावट

अगस्त में हो सकता है मानसून सत्र

विधानसभा में मानसून सत्र को लेकर तैयारियां (Preparation for Monsoon Session) शुरू हो गई है. संभावना यह जताई जा रही है कि राज्य सरकार अगस्त महीने में झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) का मानसून सत्र को आहूत करे. मानसून सत्र आहूत करने पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत सत्र आहूत की जायेगी और सरकार इसके लिए तैयारी कर रही है. सदन की कार्यवाही ज्यादा दिन रखने की मांग बजट सत्र को छोड़कर मानसून और शीतकालीन सत्र एक औपचारिकता के तहत अमूमन कम दिनों का बुलाया जाता है. 2019 और 2020 में मानसून सत्र महज पांच दिनों का ही बुलाया गया था.

देखें पूरी खबर

विधायकों ने की सत्र बुलाने की मांग

बीजेपी विधायक और पूर्व स्पीकर सीपी सिंह ने मानसून सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा है कि सदन की कार्यवाही साल में कम से कम 60 दिनों का होना चाहिए. जिससे जनहित के मुद्दे सदन में विधायक उठा सके. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भी सदन की कार्यवाही ज्यादा दिनों का होने की मांग की है. जिससे क्षेत्र की समस्या सदन में जनप्रतिनिधि उठा सकें. कांग्रेस के सिमडेगा विधायक भूषण बड़ा ने भी सरकार से मानसून सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा कि कुछ समस्या तो सदन में सवाल उठते ही उसका समाधान हो जाता है.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन ने उद्याेग विभाग के साथ की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के दिए निर्देश

एक साल में तीन सत्र

विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर साल में तीन बार आहूत किए जाते हैं. जो कि बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के रुप में जाना जाता है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा सदन की कार्यवाही प्रत्येक 06 माह में कम से कम एक बार बुलाया जाता है. जाहिर है मानसून सत्र को लेकर सरकार के पास अभी पर्याप्त दिन शेष हैं ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में विधानसभा मानसून सत्र के जरिए एक बार फिर गुलजार हो.

रांची: संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है. ऐसे में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र (Jharkhand Assembly Session) भी बुलाने की तैयारी शुरू हो गई है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अंतराल 06 महीने का होना चाहिए. जिसके तहत झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से पहले होना चाहिए. पिछले साल कोरोना के कारण 18 से 22 सितंबर तक मानसून सत्र का आयोजन किया गया था जबकि 2019 में 22 से 26 जुलाई तक मानसून सत्र चला था.

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अगस्त में हो सकता है मानसून सत्र

विधानसभा में मानसून सत्र को लेकर तैयारियां (Preparation for Monsoon Session) शुरू हो गई है. संभावना यह जताई जा रही है कि राज्य सरकार अगस्त महीने में झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) का मानसून सत्र को आहूत करे. मानसून सत्र आहूत करने पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत सत्र आहूत की जायेगी और सरकार इसके लिए तैयारी कर रही है. सदन की कार्यवाही ज्यादा दिन रखने की मांग बजट सत्र को छोड़कर मानसून और शीतकालीन सत्र एक औपचारिकता के तहत अमूमन कम दिनों का बुलाया जाता है. 2019 और 2020 में मानसून सत्र महज पांच दिनों का ही बुलाया गया था.

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विधायकों ने की सत्र बुलाने की मांग

बीजेपी विधायक और पूर्व स्पीकर सीपी सिंह ने मानसून सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा है कि सदन की कार्यवाही साल में कम से कम 60 दिनों का होना चाहिए. जिससे जनहित के मुद्दे सदन में विधायक उठा सके. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भी सदन की कार्यवाही ज्यादा दिनों का होने की मांग की है. जिससे क्षेत्र की समस्या सदन में जनप्रतिनिधि उठा सकें. कांग्रेस के सिमडेगा विधायक भूषण बड़ा ने भी सरकार से मानसून सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा कि कुछ समस्या तो सदन में सवाल उठते ही उसका समाधान हो जाता है.

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एक साल में तीन सत्र

विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर साल में तीन बार आहूत किए जाते हैं. जो कि बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के रुप में जाना जाता है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा सदन की कार्यवाही प्रत्येक 06 माह में कम से कम एक बार बुलाया जाता है. जाहिर है मानसून सत्र को लेकर सरकार के पास अभी पर्याप्त दिन शेष हैं ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में विधानसभा मानसून सत्र के जरिए एक बार फिर गुलजार हो.

Last Updated : Jul 9, 2021, 10:21 PM IST
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