रांची: राजधानी सहित राज्य के विभिन्न शहरों में बहुप्रतीक्षित प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द ही शुरू होने वाला है. राजधानी रांची में इसकी शुरुआत जून से होगी और तीन महीने के अंदर करीब 3.50 लाख घरों में बिजली मीटर को बदल कर स्मार्ट मीटर लगा दिये जायेंगे. रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक प्रभात कुमार के अनुसार स्मार्ट मीटर के लिए कंज्यूमर को अलग राशि नहीं देनी होगी. बिलिंग की सुविधा ऑनलाइन होगी. जो घर बैठे लोगों को प्राप्त हो जायेगा. आम तौर पर बिल नहीं मिलने की शिकायत आती रहती थी वो भी समस्या दूर हो जायेगी. राजधानी के विभिन्न भागों में मीटर बदलने का काम फेज वाइज किया जायेगा.
थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है महंगी: आने वाले समय में आपको मोबाइल की तरह बिजली मीटर रिचार्ज करने के लिए अलर्ट रहना होगा, नहीं तो थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए महंगी पड़ सकती है और कंज्यूमर के घर में अंधेरा छा सकता है. दरअसल, रांची, धनबाद और जमशेदपुर में पुराने बिजली मीटर को हटाकर नया प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी कर ली गई है. नाम के अनुरूप स्मार्ट मीटर काम भी स्मार्टली करेगा जिसके लिए ऊर्जा विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वर्ल्ड बैंक और राज्य सरकार का संयुक्त प्रयास हो रहा है. राजधानी रांची में वर्ल्ड बैंक के 2.50 करोड़ की लागत से 3.50 लाख घरेलू और कमर्सियल बिजली मीटर बदले जायेंगे. इसी तरह से धनबाद और जमशेदपुर के तीन लाख घरों के मीटर राज्य सरकार के फंड से बदले जाएंगे.
प्रीपेड स्मार्ट मीटर के फायदे: प्रीपेड स्मार्ट मीटर का ना केवल कंज्यूमर को बल्कि विभाग को भी लाभ मिलेगा. उदाहरण के तौर पर स्मार्ट मीटर में सॉफ्टवेयर इस तरह का इनेबल्ड है कि घरेलू या कमर्शियल बिजली की निर्धारित पावर लोड से अधिक होते ही बत्ती गुल हो जायेगी और बिजली विभाग में लगे डाटा सेंटर को लोड की पूरी जानकारी मिल जायेगी. जिसके बाद कंज्यूमर पर पैनल्टी हो सकती है. आइए जानते हैं इसके और क्या लाभ हैं.
- पैसा खत्म होते ही आपके घर की बत्ती गुल हो जायेगी. मोबाइल की तरह सेवा समाप्त होने से पहले रिचार्ज के लिए आपको अलर्ट रहना होगा.
- प्रीपेड स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली चोरी रुकने की उम्मीद है.
- बिजली बिल कलेक्शन के झंझट से विभाग को मुक्ति मिल जायेगी, यानी बिजली जलाने से पहले आपको पैसे खर्च करने होंगे.
- सिंगल फेज प्रीपेड स्मार्ट मीटर होने के कारण डोमेस्टिक और कामर्सियल कंज्यूमर के घर पर ही लगेंगे. इंडस्ट्री को इससे अलग रखा गया है.
- पुराने मीटर बदलते वक्त विभाग कंज्यूमर से मीटर की रीडिंग के साथ हस्ताक्षर करायेगा, जिससे पुराने बिजली बिल वसुलने में कोई परेशानी ना हो.