रांची: राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी राज्य सरकार प्रज्ञा केंद्र खोलेगी. वर्तमान में झारखंड में करीब 20 हजार प्रज्ञा केंद्र संचालित हैं, जिसे सरकार बढ़ाकर 35 हजार करेगी. इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से निर्देश मिलने के बाद पंचायती राज विभाग ने कदम उठाना शुरू कर दिया है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा की गई विभागवार कार्यों की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया था.
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प्रज्ञा केंद्रों में ऑनलाइन उपलब्ध होगा प्रमाण पत्रः जानकारी के मुताबिक अगले तीन महीने में पूर्व से चल रहे प्रज्ञा केंद्रों को सशक्त बनाने के साथ-साथ नए प्रज्ञा केंद्र खोलने की कवायद पंचायती राज विभाग शुरू करेगा. पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने प्रज्ञा केंद्रों की उपयोगिता बताते हुए कहा है कि छोटे-मोटे प्रमाण पत्र जो ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हो सकते हैं इसके लिए भी ग्रामीणों को ब्लॉक तक का चक्कर लगाना पड़ता है, जिसे दूर करने के लिए प्रज्ञा केंद्र महत्वपूर्ण जगह है.
प्रज्ञा केंद्र होंगे सशक्त, मिलेगी सारी सुविधाः वर्तमान समय में ज्यादातर प्रज्ञा केंद्र शहरी क्षेत्र में चल रहे हैं. कुछ पंचायत भवनों में इसे शुरू भी किया गया है तो वह भी जिला या प्रखंड मुख्यालय से सटा हुआ क्षेत्र है. ऐसे में मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के प्रज्ञा केंद्रों में संसाधन मुहैया करा कर सशक्त करने की तैयारी है. प्रज्ञा केंद्रों में बिजली, पानी, जनरेटर, इंटरनेट, कनेक्टिविटी और सिक्योरिटी सहित अन्य जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे प्रज्ञा केंद्रों की उपयोगिता शत प्रतिशत लोगों को मिल सके.
सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं संचालित करेंगी प्रज्ञा केंद्रः प्रज्ञा केंद्रों में कंप्यूटर के माध्यम से सभी प्रकार के प्रमाण पत्र बनाने में ग्रामीणों को सहूलियत होगी. इसके अलावा बैंक और पोस्ट ऑफिस से संबंधित कार्यों की भी सुविधा प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से देने की सरकार की योजना है. इन प्रज्ञा केंद्रों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में कार्यरत सखी मंडल की महिलाओं के द्वारा संचालित कराने की तैयारी की जा रही है जिससे डिजिटाइजेशन के सपने को साकार किया जा सके.