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रांची में थर्मो विजन कैमरों से बचाए जा रहे हैं बिजली उपकरण, जानिए कैसे करता है काम - power demand

रांची में गर्मी के कारण बिजली विभाग के जंफर, कंडक्टर सहित कई उपकरण आये दिन जल रहे हैं. इन उपकरणों को जलने से बचाने के लिए विभाग तीसरी आंख यानी थर्मोविजन कैमरा की सहायता ले रहा है.

Ranchi Thermal Station
रांची थर्मल स्टेशन
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Published : May 5, 2022, 1:56 PM IST

रांची: झारखंड में बिजली संकट के बीच इन दिनों जेबीवीएनएल के अधिकारी बढ़ती गर्मी से बेहद परेशान हैं. गर्मी के कारण जंफर,कंडक्टर सहित कई उपकरण आये दिन जल रहे हैं. इन उपकरणों को जलने से बचाने के लिए विभाग की लंबी चौड़ी टीम लगाई गई है. इसके अलावे इनकी निगरानी तीसरी आंख यानी विभाग द्वारा थर्मोविजन कैमरा से 24 घंटे की जा रही है. इस दौरान कोई जंफर या कंडक्टर मेल्ट होने लगता है तो उसे ब्रेक डाउन होने से पहले बदलने की कोशिश की जाती है.

ये भी पढ़ें:- रांची में बिजली कटौती से छात्र परेशान, पढ़ाई हो रही प्रभावित

बिजली की कटौती से उपभोक्ता परेशान: झारखंड में बिजली आपूर्ति डिमांड के अनुरूप नहीं होने और बेतहासा गर्मी की वजह से बिजली सप्लाई में बाधा पहुंच रही है. राजधानी रांची से लेकर राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में बिजली की किल्लत देखी जा रही है. पुंदाग के रहनेवाले रविंद्र सिंह के मुताबिक बिजली का आना जाना लगा रहता है जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

देखें पूरी खबर
मौसम में बदलाव से डिमांड में कमी: मौसम में बदलाव के कारण बिजली की डिमांड में कमी आई है. लगातार तीसरे दिन बिजली की मांग एसएलडीसी में कम होता दिखा. बुधवार (4 मई) को हुई बारिश की वजह से पूरे राज्य में लगभग 1700 मेगावाट बिजली की मांग थी. डीवीसी कमांड एरिया में 450 मेगावाट बिजली की मांग रही. जबकि गर्मी की वजह से यह डिमांड 2400 मेगावाट तक पहुंच गया था. यानी बिजली की मांग में अब तक 700 से 800 मेगावाट तक की कमी आ चुकी है. इस कारण जेवीवीएनएल को थोड़ी सी राहत हुई है. बिजली की मांग घटने पर फिलहाल लोड शेडिंग कम हो रहा है.

रांची: झारखंड में बिजली संकट के बीच इन दिनों जेबीवीएनएल के अधिकारी बढ़ती गर्मी से बेहद परेशान हैं. गर्मी के कारण जंफर,कंडक्टर सहित कई उपकरण आये दिन जल रहे हैं. इन उपकरणों को जलने से बचाने के लिए विभाग की लंबी चौड़ी टीम लगाई गई है. इसके अलावे इनकी निगरानी तीसरी आंख यानी विभाग द्वारा थर्मोविजन कैमरा से 24 घंटे की जा रही है. इस दौरान कोई जंफर या कंडक्टर मेल्ट होने लगता है तो उसे ब्रेक डाउन होने से पहले बदलने की कोशिश की जाती है.

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बिजली की कटौती से उपभोक्ता परेशान: झारखंड में बिजली आपूर्ति डिमांड के अनुरूप नहीं होने और बेतहासा गर्मी की वजह से बिजली सप्लाई में बाधा पहुंच रही है. राजधानी रांची से लेकर राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में बिजली की किल्लत देखी जा रही है. पुंदाग के रहनेवाले रविंद्र सिंह के मुताबिक बिजली का आना जाना लगा रहता है जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

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मौसम में बदलाव से डिमांड में कमी: मौसम में बदलाव के कारण बिजली की डिमांड में कमी आई है. लगातार तीसरे दिन बिजली की मांग एसएलडीसी में कम होता दिखा. बुधवार (4 मई) को हुई बारिश की वजह से पूरे राज्य में लगभग 1700 मेगावाट बिजली की मांग थी. डीवीसी कमांड एरिया में 450 मेगावाट बिजली की मांग रही. जबकि गर्मी की वजह से यह डिमांड 2400 मेगावाट तक पहुंच गया था. यानी बिजली की मांग में अब तक 700 से 800 मेगावाट तक की कमी आ चुकी है. इस कारण जेवीवीएनएल को थोड़ी सी राहत हुई है. बिजली की मांग घटने पर फिलहाल लोड शेडिंग कम हो रहा है.
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