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लॉकडाउन में भी मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं पोस्टमैन, चिट्ठी के अलावा पहुंचा रहे हैं अन्य सुविधाएं

राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को लोगों की मदद पहुंचाने के लिए डाक विभाग से सहयोग लेने का निर्देश दिया है. ऐसे में राज्य भर के डाकघरों से न केवल चिट्टियां लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं, बल्कि उनकी सहूलियत के सामान और यहां तक कि नकदी भी लोगों तक सुगमता से पहुंच रहे हैं.

लॉकडाउन में भी मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं पोस्टमैन
Postmen are duty-bound during lockdown in ranchi
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Published : Apr 22, 2020, 8:45 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के मकसद से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, लेकिन एक शख्स ऐसा है जो रह-रह कर घरों के दरवाजे खटखटा रहा है या कॉलबेल बजा रहा है. यह है भारतीय डाक विभाग का डाकिया जो न केवल लोगों तक उनके अपनों की 'पाती' पहुंचा रहा है, बल्कि लॉकडाउन से हो रही परेशानी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

देखें स्पेशल खबर

नागरिकों की मूलभूत सुविधाएं

दरअसल, राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को लोगों की मदद पहुंचाने के लिए डाक विभाग से सहयोग लेने का निर्देश दिया है. ऐसे में राज्य भर के डाकघरों से न केवल चिट्टियां लोगों तक जा रही हैं, बल्कि उनकी सहूलियत के सामान और यहां तक कि नकदी भी लोगों तक सुगमता से पहुंच रहे हैं. राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार डाक विभाग का उपयोग नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं जैसे राशन, दवा, धनराशि का भुगतान सैनिटाइजेशन उपलब्ध कराने में किया जा सकता है. आंकड़ों के अनुसार राज्य में ग्रामीण और शहरी इलाकों को मिलाकर 3 हजार 784 डाकघर है, जिनमें 6 हजार 599 पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवक पोस्टेड है.

ये भी पढ़ें-IDBI बैंक के असिस्टेंट मैनेजर को जॉब से निकालने का मामला, HC ने शीघ्र नियुक्ति का दिया आदेश

किन परिस्थितियों में कर रहे हैं ड्यूटी

रांची के नामकोम पोस्ट ऑफिस में तैनात पोस्टमास्टर अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि आम दिनों की तरह ही ड्यूटी समय से शुरू हो जाती है, जहां तक सर्विस की बात है चिट्ठियों के साथ-साथ लोगों को पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस नकद निकासी की भी सुविधा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि पूरी तरह से लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग करा कर काम हो रहा है. हालांकि, वह साफ करते हैं कि लोगों को छोटी-मोटी जरूरतों के लिए पोस्ट ऑफिस नहीं आने की सलाह भी दी जा रही है.

लोग पोस्टमैन से बना रहे हैं दूरी

उपोस्टमास्टर ने बताया कि दिक्कत फील्ड में हो रही है जब डाकिया चिट्टियां और सामान लेकर लोगों तक जा रहे हैं. लोग अवॉइड करते हैं और संक्रमण के भय से लिफाफा या चीजों को घर के बाहर ही रखने को कहते हैं. यह थोड़ा सा अजीब लगता है, लेकिन ड्यूटी का हिस्सा ही है. फील्ड में तैनात पोस्टमैन जलेश्वर सिंह ने कहा कि लोग थोड़ा दूरी तो बना ही रहे हैं. यहां तक कि अब साइन करने से भी कतराते हैं. थोड़ी दिक्कत होती है, लेकिन मैनेज करना पड़ता है.

माइक्रो एटीएम या एईपीएस का उपयोग

वहीं, राजधानी के राजा उलातू में पोस्टल डिपार्टमेंट के मीरा शर्मा बताती हैं कि अब पेपर वर्क के अलावा भी गंभीर जिम्मेदारी भी हो गई है क्योंकि लोग अब लोग नकदी निकालने के लिए पोस्ट ऑफिस तक आते हैं. उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए पोस्टमैन खुद उनके घरों में जाकर भी उन्हें पेमेंट उपलब्ध करा रहे हैं. यहां तक कि फोन नंबर भी जारी किया हुआ है. लोग सुविधानुसार फोन कर उसको बुला लेते हैं और माइक्रो एटीएम या एईपीएस का उपयोग कर पैसे निकाल रहे है.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के मकसद से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, लेकिन एक शख्स ऐसा है जो रह-रह कर घरों के दरवाजे खटखटा रहा है या कॉलबेल बजा रहा है. यह है भारतीय डाक विभाग का डाकिया जो न केवल लोगों तक उनके अपनों की 'पाती' पहुंचा रहा है, बल्कि लॉकडाउन से हो रही परेशानी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

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नागरिकों की मूलभूत सुविधाएं

दरअसल, राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को लोगों की मदद पहुंचाने के लिए डाक विभाग से सहयोग लेने का निर्देश दिया है. ऐसे में राज्य भर के डाकघरों से न केवल चिट्टियां लोगों तक जा रही हैं, बल्कि उनकी सहूलियत के सामान और यहां तक कि नकदी भी लोगों तक सुगमता से पहुंच रहे हैं. राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार डाक विभाग का उपयोग नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं जैसे राशन, दवा, धनराशि का भुगतान सैनिटाइजेशन उपलब्ध कराने में किया जा सकता है. आंकड़ों के अनुसार राज्य में ग्रामीण और शहरी इलाकों को मिलाकर 3 हजार 784 डाकघर है, जिनमें 6 हजार 599 पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवक पोस्टेड है.

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किन परिस्थितियों में कर रहे हैं ड्यूटी

रांची के नामकोम पोस्ट ऑफिस में तैनात पोस्टमास्टर अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि आम दिनों की तरह ही ड्यूटी समय से शुरू हो जाती है, जहां तक सर्विस की बात है चिट्ठियों के साथ-साथ लोगों को पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस नकद निकासी की भी सुविधा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि पूरी तरह से लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग करा कर काम हो रहा है. हालांकि, वह साफ करते हैं कि लोगों को छोटी-मोटी जरूरतों के लिए पोस्ट ऑफिस नहीं आने की सलाह भी दी जा रही है.

लोग पोस्टमैन से बना रहे हैं दूरी

उपोस्टमास्टर ने बताया कि दिक्कत फील्ड में हो रही है जब डाकिया चिट्टियां और सामान लेकर लोगों तक जा रहे हैं. लोग अवॉइड करते हैं और संक्रमण के भय से लिफाफा या चीजों को घर के बाहर ही रखने को कहते हैं. यह थोड़ा सा अजीब लगता है, लेकिन ड्यूटी का हिस्सा ही है. फील्ड में तैनात पोस्टमैन जलेश्वर सिंह ने कहा कि लोग थोड़ा दूरी तो बना ही रहे हैं. यहां तक कि अब साइन करने से भी कतराते हैं. थोड़ी दिक्कत होती है, लेकिन मैनेज करना पड़ता है.

माइक्रो एटीएम या एईपीएस का उपयोग

वहीं, राजधानी के राजा उलातू में पोस्टल डिपार्टमेंट के मीरा शर्मा बताती हैं कि अब पेपर वर्क के अलावा भी गंभीर जिम्मेदारी भी हो गई है क्योंकि लोग अब लोग नकदी निकालने के लिए पोस्ट ऑफिस तक आते हैं. उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए पोस्टमैन खुद उनके घरों में जाकर भी उन्हें पेमेंट उपलब्ध करा रहे हैं. यहां तक कि फोन नंबर भी जारी किया हुआ है. लोग सुविधानुसार फोन कर उसको बुला लेते हैं और माइक्रो एटीएम या एईपीएस का उपयोग कर पैसे निकाल रहे है.

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