रांची: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर चली बहस के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव होने की संभावना है. यह सवाल उठने के पीछे की वजह यह भी है कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस के विधायकों ने दिल्ली जाकर आलाकमान के सामने नाराजगी जाहिर की थी. हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि देशभर में कांग्रेस संगठन में एक साथ बदलाव किए जाएंगे. उसी दौरान झारखंड कांग्रेस में भी बदलाव देखेगा.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में हुई बहस
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर सीडब्ल्यूसी की बैठक में जमकर बहस हुई. सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष बने रहने पर अपनी सहमति जताई, जिसके बाद झारखंड कांग्रेस ने आभार व्यक्त किया है. इस तरह से कुछ दिनों पहले विधायकों ने दिल्ली जाकर एक व्यक्ति दो पद समेत विधायकों की बात सरकार में नहीं सुने जाने की वजह से जनता को किए गए वादे पूरे नहीं होने की समस्या से अवगत कराया है. उससे कहीं ना कहीं झारखंड कांग्रेस में भी बदलाव की संभावना बन रही है. खासकर प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर उलटफेर हो सकता है, क्योंकि रामेश्वर उरांव प्रदेश अध्यक्ष और सरकार में वित्त मंत्री भी हैं.
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झारखंड कांग्रेस ने आवाज की बुलंद
झारखंड कांग्रेस में फिलहाल किसी भी तरह की बदलाव से इनकार करते हुए प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने मंगलकर को कहा कि कांग्रेस के अंदर वैचारिक मतभेद नहीं है. जब भी चुनौतियां आती है तो कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता साथ मिलकर उन चुनौतियों से मुकाबला करता है. उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में झारखंड कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आरपीएन सिंह, रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम समेत लाखों कार्यकर्ताओं का प्रदेश कांग्रेस में बड़ा योगदान है. संगठन और सरकार के बीच रामेश्वर उरांव अच्छी तालमेल के साथ काम कर रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है. साथ ही कोरोना के 6 महीने के काल में बेरोजगारी, प्रवासी मजदूरों की समस्या, अर्थव्यवस्था की बात, चीन जैसे मुद्दों समेत सभी सेक्टर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने देश के आवाम का नेतृत्व किया है, जिसमे झारखंड कांग्रेस ने भी अपनी आवाज बुलंद की है.