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रांचीः दिवाली पर पॉल्युशन नियंत्रण बोर्ड सजग, विश्वविद्यालय क्षेत्रों कों किया साइलेंट जोन घोषित

राजधानी में दिवाली के पटाखों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए राज्य सरकार ने झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ बैठक की, जिसमें पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने राज्य के प्रमुख स्थानों को साइलेंट जोन घोषित करने का नोटिस जारी किया है.

पटाखों से पर्यावरण दूषित
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Published : Oct 26, 2019, 10:07 PM IST

रांचाः ध्वनि और वायु प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार लगातार सजग दिख रही है. दीपावली से पहले राज्य सरकार ने झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ बैठक कर वायु और जल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने राज्य के प्रमुख स्थानों को साइलेंट जोन घोषित करने का नोटिस जारी किया है.

देखें पूरी खबर

जेएसपीसीबी के चेयरमैन एके रस्तोगी ने साइलेंट जोन के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए आदेश जारी किया, जिसमें राजधानी के यूनिवर्सिटी क्षेत्रों के 100 मीटर के दायरे में 40 से 50 डेसिबल से अधिक आवाज की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर इन निर्देशों का पलन नहीं किया जाएगा तो, लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, निर्मला कॉलेज, योगदा सत्संग महाविद्यालय धुर्वा और बीआईटी मेसरा यूनिवर्सिटी क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से साइलेंट जोन घोषित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सख्त झारखंड हाई कोर्ट, कहा- सरकार आम लोगों से जुड़े इस मसले को गंभीरता से ले

बता दें कि पिछले दिनों झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने राज्य के पांच प्रमुख जगहों पर ध्वनि प्रदूषण को माप कर अनुमान लगाते हुए पटाखा मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को आदेश जारी किया था कि दीपावली में 125 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि वाले पटाखों का निर्माण ना करें, जिससे ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकेगा.

रांचाः ध्वनि और वायु प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार लगातार सजग दिख रही है. दीपावली से पहले राज्य सरकार ने झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ बैठक कर वायु और जल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने राज्य के प्रमुख स्थानों को साइलेंट जोन घोषित करने का नोटिस जारी किया है.

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जेएसपीसीबी के चेयरमैन एके रस्तोगी ने साइलेंट जोन के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए आदेश जारी किया, जिसमें राजधानी के यूनिवर्सिटी क्षेत्रों के 100 मीटर के दायरे में 40 से 50 डेसिबल से अधिक आवाज की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर इन निर्देशों का पलन नहीं किया जाएगा तो, लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, निर्मला कॉलेज, योगदा सत्संग महाविद्यालय धुर्वा और बीआईटी मेसरा यूनिवर्सिटी क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से साइलेंट जोन घोषित कर दिया गया है.

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बता दें कि पिछले दिनों झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने राज्य के पांच प्रमुख जगहों पर ध्वनि प्रदूषण को माप कर अनुमान लगाते हुए पटाखा मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को आदेश जारी किया था कि दीपावली में 125 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि वाले पटाखों का निर्माण ना करें, जिससे ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकेगा.

Intro:नोट-यह खबर पहले भी भेजी गई है,लेकिन डेस्क के डिमांड पर दोबारा भेजी जा रही है पीटीसी के साथ कृपया कर देख लें ।

ध्वनि और वायु प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार लगातार सजग दिख रही है। दीपावली से पूर्व राज्य सरकार ने झारखंड स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ बैठक कर वायु एवं जल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आदेश जारी करते हुए कई सख्त दिशा-निर्देश भी दिए हैं।

सरकार के आदेशानुसार वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने राज्य के प्रमुख स्थानों को साइलेंट जोन में घोषित करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।




Body:पिछले दिनों झारखंड स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड ने राज्य के पांच प्रमुख पांच जगह पर ध्वनि प्रदूषण को माप कर अनुमान लगाते हुए पटाखा मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को आदेश जारी किया है कि दीपावली में 125 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि वाली पटाखा का निर्माण ना करें ताकि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण की जा सके।

वहीं पिछले दिनों ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद जेएसपीसीबी के चेयरमैन एके रस्तोगी ने साइलेंट जोन के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए आदेश जारी किया है कि राजधानी के यूनिवर्सिटी क्षेत्रों के 100 मीटर के दायरे में 40 से 50 डेसिबल से अधिक आवाज के अनुमति नहीं दी जाएगी अगर इन क्षेत्रों में 40 से 50 डेसीबल से अधिक आवाज की जाती है तो ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:जेएसपीसीबी के अध्यक्ष एके रस्तोगी ने बताया कि रांची विश्वविद्यालय रांची, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची, निर्मला कॉलेज रांची, योगदा सत्संग महाविद्यालय धुर्वा रांची और बीआईटी मिश्रा रांची क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से साइलेंट जोन घोषित कर दिया गया है।

वह दीपावली को लेकर स्थानीय लोगों ने भी बताया कि रांची को ध्वनि प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं से मुक्त रखने के लिए आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और दीपावली में प्रदूषण मुक्त पटाखों का उपयोग करें।

बाइट- ज्ञान कुमार, स्थानीय।
बाइट- रणधीर रजक, स्थानीय।
पीटीसी- हितेश कुमार चौधरी,संवाददाता।
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