ETV Bharat / state

नए संसद भवन के उद्घाटन पर झारखंड में भी सियासत शुरू, झामुमो और कांग्रेस ने भाजपा को बताया दलित और आदिवासी विरोधी - ranchi news

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के बजाए प्रधानमंत्री द्वारा करने पर झारखंड में भी राजनीति गर्म हो गई है. कांग्रेस और झामुमो भाजपा को दलित और आदिवासी विरोधी बता रही है और संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग कर रही है.

नए संसद भवन का उद्घाटन
नए संसद भवन का उद्घाटन
author img

By

Published : May 25, 2023, 4:46 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को दिल्ली के सेंट्रल विस्टा में नए संसद भवन का उद्धाटन करने वाले हैं. राष्ट्रपति की जगह पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने पर देश के 19 राजनीतिक दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है. सभी ने इस गलत बताया है. यह मुद्दा झारखंड में भी उठने लगा है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है. झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी को दलित-आदिवासी विरोधी बताते हुए जनता के बीच जाने का मन बनाया है.

यह भी पढ़ें: नये संसद भवन के उद्घाटन पर जयराम रमेश बोले- 'Ashoka the Great, Akbar the Great, Modi the Inaugrate'

नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के समय तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपेक्षा और अब उद्घाटन के समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपेक्षा को झामुमो ने भाजपा का आदिवासी और दलित विरोधी चरित्र बताया है. कांग्रेस भी इस मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर ले रही है. वहीं नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर झारखंड में हो रही राजनीति को बकवास बताते हुए भाजपा के सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो आज खुद को आदिवासियों का हितैषी बता रही है, उन्होंने आजादी के 75 वर्ष में पहले किसी आदिवासी को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया?

अनुसूचित जाति-जनजाति को लेकर भाजपा की सोच विकृत- झामुमो: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि संसद के नए भवन का पहले शिलान्यास और अब उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कराए जाने की योजना से उजागर हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी की सोच विकृत है. झामुमो नेता ने कहा कि जिस समय नए संसद भवन की आधारशिला रखी जा रही थी, उस समय देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे. लेकिन, उस समय भी एक दलित राष्ट्रपति का अपमान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद शिलान्यास किया था. अब जब 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है, तब भी वर्तमान राष्ट्रपति की उपेक्षा की गई है.

झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा का नए संसद भवन के शिलान्यास के समय दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपेक्षा कर दलित विरोधी होने का साक्ष्य दिया था और अब वर्तमान राष्ट्रपति की उपेक्षा कर यह बता दिया है कि भाजपा आदिवासी विरोधी भी है. झामुमो नेता ने कहा कि देश की 10% आबादी आदिवासी समुदाय से आती है, वह आज यह जान गए हैं कि पीएम मोदी का चेहरा किस कदर आदिवासी विरोधी है, ऐसे में जनता उन्हें सबक सिखाएगी.

नया संसद भवन एक व्यक्तिवादी परियोजना-झारखंड कांग्रेस: दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन की तिथि और कार्यक्रम तय होते ही कांग्रेस आक्रामक हो गई है. झारखंड कांग्रेस ने नए संसद भवन के निर्माण को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में ज्यादा जरूरी महंगाई को रोकना, युवाओं को रोजगार देना और भारत की अर्थव्यवस्था को संभालना था, लेकिन एक व्यक्तिवादी सोच की वजह से संसद के नए भवन का करोड़ों रुपए खर्च कर निर्माण हुआ है.

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि एक तो गैर जरूरी संसद भवन का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिद्द से हुआ है. वहीं अब जब उसका उद्घाटन होने जा रहा है तो भारतीय संविधान और संसद की हेड राष्ट्रपति को ही उद्घाटन समारोह से दूर रखा जा रहा है, यह बेहद दुखद है. राकेश सिन्हा ने कहा कि अगर नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाता है, तब इसका अच्छा संदेश देश दुनिया में जाता.

यह भी पढ़ें: झारखंड दौरे पर खूंटी पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कहा- प्रदेश ने 22 सालों में उम्मीद के मुताबिक तरक्की नहीं की, सोचना चाहिए क्यों

झामुमो कांग्रेस को बोलने का हक नहीं-भाजपा: दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 28 मई को किये जाने के कार्यक्रम को भाजपा का आदिवासी-दलित विरोधी चेहरा बताने से नाराज भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि अपने कृत्यों से 2024 में कांग्रेस बंगाल की खाड़ी में और झामुमो हिंद महासागर में जाएगा.

उन्होंने कहा कि आज जो लोग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी बताकर हमदर्दी जता रहे हैं. दलित आदिवासी की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने आजादी के बाद किसी आदिवासी को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया था. भाजपा के मुख्य सचेतक ने कहा कि दरअसल, पीएम मोदी की लोकप्रियता से घबराए हुए लोग, इस बात से सदमे में हैं कि पीएम मोदी नए संसद भवन को रिकॉर्ड समय में बनवाकर एक और इतिहास रचने जा रहे हैं.

अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षित सीटों पर है नजर: झारखंड में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में जनजाति की सीट पर महागठबंधन की मजबूत पकड़ है, लेकिन अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर भाजपा 2019 विधानसभा चुनाव में मजबूत रही थी. ऐसे में झामुमो और कांग्रेस की रणनीति नए संसद भवन के उद्घाटन को मुद्दा बनाकर जहां आदिवासियों के लिए रिजर्व सीट पर और मजबूत होने की है, वहीं दलितों की सीट पर भाजपा को कमजोर करने की भी है. झारखंड में विधानसभा की 28 सीट अनुसूचित जनजाति और 09 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

नेताओं के बयान

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को दिल्ली के सेंट्रल विस्टा में नए संसद भवन का उद्धाटन करने वाले हैं. राष्ट्रपति की जगह पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने पर देश के 19 राजनीतिक दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है. सभी ने इस गलत बताया है. यह मुद्दा झारखंड में भी उठने लगा है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है. झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी को दलित-आदिवासी विरोधी बताते हुए जनता के बीच जाने का मन बनाया है.

यह भी पढ़ें: नये संसद भवन के उद्घाटन पर जयराम रमेश बोले- 'Ashoka the Great, Akbar the Great, Modi the Inaugrate'

नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के समय तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपेक्षा और अब उद्घाटन के समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपेक्षा को झामुमो ने भाजपा का आदिवासी और दलित विरोधी चरित्र बताया है. कांग्रेस भी इस मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर ले रही है. वहीं नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर झारखंड में हो रही राजनीति को बकवास बताते हुए भाजपा के सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो आज खुद को आदिवासियों का हितैषी बता रही है, उन्होंने आजादी के 75 वर्ष में पहले किसी आदिवासी को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया?

अनुसूचित जाति-जनजाति को लेकर भाजपा की सोच विकृत- झामुमो: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि संसद के नए भवन का पहले शिलान्यास और अब उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कराए जाने की योजना से उजागर हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी की सोच विकृत है. झामुमो नेता ने कहा कि जिस समय नए संसद भवन की आधारशिला रखी जा रही थी, उस समय देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे. लेकिन, उस समय भी एक दलित राष्ट्रपति का अपमान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद शिलान्यास किया था. अब जब 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है, तब भी वर्तमान राष्ट्रपति की उपेक्षा की गई है.

झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा का नए संसद भवन के शिलान्यास के समय दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपेक्षा कर दलित विरोधी होने का साक्ष्य दिया था और अब वर्तमान राष्ट्रपति की उपेक्षा कर यह बता दिया है कि भाजपा आदिवासी विरोधी भी है. झामुमो नेता ने कहा कि देश की 10% आबादी आदिवासी समुदाय से आती है, वह आज यह जान गए हैं कि पीएम मोदी का चेहरा किस कदर आदिवासी विरोधी है, ऐसे में जनता उन्हें सबक सिखाएगी.

नया संसद भवन एक व्यक्तिवादी परियोजना-झारखंड कांग्रेस: दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन की तिथि और कार्यक्रम तय होते ही कांग्रेस आक्रामक हो गई है. झारखंड कांग्रेस ने नए संसद भवन के निर्माण को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में ज्यादा जरूरी महंगाई को रोकना, युवाओं को रोजगार देना और भारत की अर्थव्यवस्था को संभालना था, लेकिन एक व्यक्तिवादी सोच की वजह से संसद के नए भवन का करोड़ों रुपए खर्च कर निर्माण हुआ है.

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि एक तो गैर जरूरी संसद भवन का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिद्द से हुआ है. वहीं अब जब उसका उद्घाटन होने जा रहा है तो भारतीय संविधान और संसद की हेड राष्ट्रपति को ही उद्घाटन समारोह से दूर रखा जा रहा है, यह बेहद दुखद है. राकेश सिन्हा ने कहा कि अगर नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाता है, तब इसका अच्छा संदेश देश दुनिया में जाता.

यह भी पढ़ें: झारखंड दौरे पर खूंटी पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कहा- प्रदेश ने 22 सालों में उम्मीद के मुताबिक तरक्की नहीं की, सोचना चाहिए क्यों

झामुमो कांग्रेस को बोलने का हक नहीं-भाजपा: दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 28 मई को किये जाने के कार्यक्रम को भाजपा का आदिवासी-दलित विरोधी चेहरा बताने से नाराज भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि अपने कृत्यों से 2024 में कांग्रेस बंगाल की खाड़ी में और झामुमो हिंद महासागर में जाएगा.

उन्होंने कहा कि आज जो लोग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी बताकर हमदर्दी जता रहे हैं. दलित आदिवासी की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने आजादी के बाद किसी आदिवासी को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया था. भाजपा के मुख्य सचेतक ने कहा कि दरअसल, पीएम मोदी की लोकप्रियता से घबराए हुए लोग, इस बात से सदमे में हैं कि पीएम मोदी नए संसद भवन को रिकॉर्ड समय में बनवाकर एक और इतिहास रचने जा रहे हैं.

अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षित सीटों पर है नजर: झारखंड में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में जनजाति की सीट पर महागठबंधन की मजबूत पकड़ है, लेकिन अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर भाजपा 2019 विधानसभा चुनाव में मजबूत रही थी. ऐसे में झामुमो और कांग्रेस की रणनीति नए संसद भवन के उद्घाटन को मुद्दा बनाकर जहां आदिवासियों के लिए रिजर्व सीट पर और मजबूत होने की है, वहीं दलितों की सीट पर भाजपा को कमजोर करने की भी है. झारखंड में विधानसभा की 28 सीट अनुसूचित जनजाति और 09 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.