रांची: झारखंड में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने एक साथ 32 जगहों पर छापेमारी की. यह छापेमारी राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव सहित कई हस्तियों के ठिकानों पर हुई है. जिसके बाद राज्य की राजनीति भी गरमा गई है. कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र की भाजपा सरकार और जांच एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने ईडी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट बताया है. वहीं भाजपा ने इस आरोप को निराधार बताया है.
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झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के घर सहित 32 स्थानों पर शराब घोटाले के मामले में हुई छापेमारी को केंद्र की साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि यह छापेमारी केंद्र इशारे पर हुई है. उन्होंने कहा कि शराब गोवा में भी बिकती है, मध्य प्रदेश में भी बिकती है और अन्य भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में भी बिकती है. लेकिन ईडी की कार्रवाई वहीं होती है, जहां भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियों की सरकार है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम ईडी की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. राज्य की जनता सब देख रही है और 2024 में केंद्र की सत्ता से भाजपा की विदाई तय है.
सबूत मिलने पर ही कार्रवाई करती है ईडी-सीपी सिंह: वहीं कांग्रेस के इस आरोप पर वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने इस छापेमारी को ईडी की खुद की कार्रवाई बताई है. उन्होंने कहा कि ईडी स्वायत्तशासी संस्था है. जहां भी मनी लॉन्ड्रिंग या जमीन घोटाले के सबूत प्रवर्तन निदेशालय को मिलते हैं या किसी अन्य भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं, तब ईडी इस तरह की कार्रवाई करती है. ऐसे में इन दिनों यह फैशन बन गया है कि जब भी ईडी, इनकम टैक्स या सीबीआई कोई कार्रवाई करे तो उसे केंद्र के इशारे पर हुई कार्रवाई बता दिया जाए. उन्होंने कहा कि जो सही है, उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है. ईडी की हर कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बता देना ठीक नहीं है. भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासनकाल या मोदी सरकार ने इन संस्थाओं को नहीं बनाया है. सभी संस्थाएं पहले से बनीं हुई हैं और अपना काम करती रही हैं.