ETV Bharat / state

झारखंड में बेरोजगारी दर में 18 फीसदी की वृद्धि के साथ पांचवें स्थान पर, सियासी गलियारों में आरोप प्रत्यारोप शुरू - ईटीवी भारत न्यूज

झारखंड में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत होने के साथ देश के पांचवें स्थान पर है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Center for Monitoring Indian Economy) के नये आंकड़े आने से सियासी गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है (Politics over unemployment rate of Jharkhand). बीजेपी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है तो सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष पर तगड़ा पलटवार किया है.

Politics over unemployment rate of Jharkhand
कोलार्ज इमेज
author img

By

Published : Jan 2, 2023, 7:49 PM IST

देखें पूरी खबर

रांचीः बेरोजगारी को लेकर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Center for Monitoring Indian Economy) के नए आंकड़ें ने झारखंड की भी राजनीति को गरमा दिया (Politics over unemployment rate of Jharkhand) है. क्योंकि सीएमआईई के आंकड़े के अनुसार झारखंड में बेरोजगारी की दर बढ़ी है. दिसंबर 2022 में बढ़कर यह 18 प्रतिशत हो गया है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर दिसंबर 2022 में 8.30 फीसदी है.

इसे भी पढ़ें- क्या बेरोजगारी भत्ता देने से मुकर रही सरकार! सुनिए, चुनावी वायदों पर मंत्री और नेता के बोल



सीपी सिंह का सरकार पर तंजः CMIE के बेरोजगारी दर के आंकड़े को लेकर झारखंड में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां हेमंत सोरेन सरकार को रोजगार देने के मुद्दे पर पूरी तरह फ्लॉप बताया है (Jharkhand BJP targeted Hemant Government). पार्टी के विधायक सीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि जो हेमंत सोरेन सरकार युवाओं से यह वादा करके सत्ता में आई थी कि स्नातक पास बेरोजगारों को 5 हजार और स्नातकोत्तर पास बेरोजगारों को 7 हजार रुपए का बेरोजगारी भत्ता देगी, उसकी सरकार में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत तक जा पहुंची है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने झारखंड में बढ़ी बेरोजगारी दर को राज्य के युवाओं के साथ धोखा का नतीजा बताते हुए कहा कि दरअसल सरकार युवाओं को रोजगार नहीं देना चाहती, इसीलिए वह ऐसी नीति बनाती है जो विधिसम्मत नहीं होती है और इस वजह से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं होती.

झामुमो-कांग्रेस का भाजपा पर पलटवारः वहीं भारतीय जनता पार्टी के आरोपों पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा की नीतियों को ही बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताया है. झारखंड में सत्ताधारी दल के नेताओं ने कहा कि झारखंड को लेकर कुछ नकारात्मक खबरें आती हैं तब भारतीय जनता पार्टी के नेता बहुत बढ़-चढ़कर बयानबाजी करते हैं. जबकि वह नहीं बताते की उत्तर प्रदेश हरियाणा सहित अन्य भाजपा शासित प्रदेशों में महंगाई की दर इतनी अधिक क्यों है?


झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा और झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देशभर में बेरोजगारी की दर बढ़ी है और यह इस वजह से है क्योंकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, जिसे वह आज तक पूरा नहीं कर पाई. ऐसे में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाने की जगह झारखंड के नेताओं को अपने प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि राज्य में और देश में रोज के युवाओं को रोजगार देने के लिए उन्होंने क्या किया.

क्या है CMIE की रिपोर्ट मेंः दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर के ताजा आकंड़े के अनुसार देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा में 35.4 प्रतिशत रहा है. जबकि राजस्थान 28.5 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर, दिल्ली 20.8 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर, बिहार 19.1 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ चौथे स्थान पर और झारखंड 18 फीसदी बेरोजगारी दर (Jharkhand unemployment rate increased 18 percent) के साथ पांचवें स्थान पर रहा है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) के अनुसार भारत में भी बेरोजगारी दर नवंबर 2022 के मुकाबले दिसंबर 2022 में बढ़ा है.

देखें पूरी खबर

रांचीः बेरोजगारी को लेकर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Center for Monitoring Indian Economy) के नए आंकड़ें ने झारखंड की भी राजनीति को गरमा दिया (Politics over unemployment rate of Jharkhand) है. क्योंकि सीएमआईई के आंकड़े के अनुसार झारखंड में बेरोजगारी की दर बढ़ी है. दिसंबर 2022 में बढ़कर यह 18 प्रतिशत हो गया है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर दिसंबर 2022 में 8.30 फीसदी है.

इसे भी पढ़ें- क्या बेरोजगारी भत्ता देने से मुकर रही सरकार! सुनिए, चुनावी वायदों पर मंत्री और नेता के बोल



सीपी सिंह का सरकार पर तंजः CMIE के बेरोजगारी दर के आंकड़े को लेकर झारखंड में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां हेमंत सोरेन सरकार को रोजगार देने के मुद्दे पर पूरी तरह फ्लॉप बताया है (Jharkhand BJP targeted Hemant Government). पार्टी के विधायक सीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि जो हेमंत सोरेन सरकार युवाओं से यह वादा करके सत्ता में आई थी कि स्नातक पास बेरोजगारों को 5 हजार और स्नातकोत्तर पास बेरोजगारों को 7 हजार रुपए का बेरोजगारी भत्ता देगी, उसकी सरकार में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत तक जा पहुंची है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने झारखंड में बढ़ी बेरोजगारी दर को राज्य के युवाओं के साथ धोखा का नतीजा बताते हुए कहा कि दरअसल सरकार युवाओं को रोजगार नहीं देना चाहती, इसीलिए वह ऐसी नीति बनाती है जो विधिसम्मत नहीं होती है और इस वजह से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं होती.

झामुमो-कांग्रेस का भाजपा पर पलटवारः वहीं भारतीय जनता पार्टी के आरोपों पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा की नीतियों को ही बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताया है. झारखंड में सत्ताधारी दल के नेताओं ने कहा कि झारखंड को लेकर कुछ नकारात्मक खबरें आती हैं तब भारतीय जनता पार्टी के नेता बहुत बढ़-चढ़कर बयानबाजी करते हैं. जबकि वह नहीं बताते की उत्तर प्रदेश हरियाणा सहित अन्य भाजपा शासित प्रदेशों में महंगाई की दर इतनी अधिक क्यों है?


झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा और झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देशभर में बेरोजगारी की दर बढ़ी है और यह इस वजह से है क्योंकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, जिसे वह आज तक पूरा नहीं कर पाई. ऐसे में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाने की जगह झारखंड के नेताओं को अपने प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि राज्य में और देश में रोज के युवाओं को रोजगार देने के लिए उन्होंने क्या किया.

क्या है CMIE की रिपोर्ट मेंः दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर के ताजा आकंड़े के अनुसार देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा में 35.4 प्रतिशत रहा है. जबकि राजस्थान 28.5 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर, दिल्ली 20.8 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर, बिहार 19.1 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ चौथे स्थान पर और झारखंड 18 फीसदी बेरोजगारी दर (Jharkhand unemployment rate increased 18 percent) के साथ पांचवें स्थान पर रहा है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) के अनुसार भारत में भी बेरोजगारी दर नवंबर 2022 के मुकाबले दिसंबर 2022 में बढ़ा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.