रांचीः झारखंड सरकार ने गरीबों के लिए पेट्रोल सब्सिडी योजना चला रही है. जिसके तहत अधिकतम 10 लीटर प्रतिमाह पेट्रोल खरीदने पर प्रति लीटर 25 रुपये की सब्सिडी उन्हें मिलेगी. गरीबों के लिए शुरू की गई इस योजना पर शुरू से ही सियासत होती रही है. विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठाती रही है, वहीं सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस ने इसको लेकर पलटवार किया है.
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पेट्रोल सब्सिडी योजना इसको लेकर झारखंड में राजनीति हो रही है. सरकार की इस योजना को राज्य में 26 जनवरी शुरू की गई है. शुरुआत में तो इसका लाभ लेने के लिए दो पहिया वाहन रखनेवाले गरीबों ने रुचि दिखाई. लेकिन धीरे धीरे सब्सिडी की जटिल प्रक्रिया के कारण लोग सब्सिडी का लाभ नहीं ले रहे हैं. हकीकत यह है कि जनवरी में 1.15 लाख लोगों ने इसका लाभ लिया मगर मार्च में संख्या घटकर 23 हजार के करीब हो गई है.
पेट्रोल सब्सिडी पर सियासतः गरीबों के लिए शुरू की गई इस योजना पर शुरू से ही सियासत होती रही है. अब तीन महीने के अंदर इस योजना के प्रति लोगों की उदासीनता सामने आ रही है तो विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि गरीबों को सब्सिडाइज्ड रेट पर सरकार पेट्रोल देना नहीं चाह रही है, इसलिए ऐसी जटिल प्रक्रिया बनाया गया है कि लोग इसका लाभ नहीं ले पाएंगे.
उन्होंने कहा कि जागरुकता फैलाने का काम सरकार का है मगर विभाग अन्य योजनाओं में खुब प्रचार करती है और पेट्रोल सब्सिडी पर चुप है आखिर ऐसा क्यों. इधर सरकार की सहयोगी दल कांग्रेस ने जागरुकता की कमी के कारण सब्सिडी का लाभ लेने वालों की संख्या कम होने को स्वीकारते हुए संगठन और सरकार स्तर पर इसे जागरुकता कार्यक्रम चलाने की बात कही है. कांग्रेस नेता राजीव रंजन ने बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को भी लोगों को जागरूक करने में आगे आना चाहिए ना कि इसपर सिर्फ और सिर्फ राजनीति करनी चाहिए.