रांची: मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal Scheme) मद की राशि केंद्र द्वारा नहीं दिये जाने को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की नाराजगी पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के आश्वासन पर भले ही विराम लगता हुआ दिख रहा हो लेकिन इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में आरोप प्रत्यारोप का दौर जरूर शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि जब सरकार उपयोगिता प्रमाण पत्र ही नहीं भेजेगी तो आगे की राशि कैसे आवंटित होगी.
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बीजेपी ने कहा कि केंद्र पर ठिकरा फोड़ती है राज्य सरकार: बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए हर वक्त राज्य सरकार केंद्र पर ठिकरा फोड़ती रहती है जबकि, मध्याह्न भोजन मद की बकाया राशि के लिए कोई पहल ही नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि मध्याह्न भोजन में होनेवाले खर्च में 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार को देने होते हैं. केंद्रीय राशि तभी मिलेगी जब पूर्व में दी गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को भेजा जायेगा.
कांग्रेस ने किया पलटवार: इधर बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) की नाराजगी को सही ठहराया है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन पर कोई राजनीति नहीं हो और केंद्र सरकार को अविलंब झारखंड को राशि देनी चाहिए.
क्य है पूरा मामला: झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में मध्याह्न भोजन और समग्र शिक्षा अभियान मद के चार महीने की राशि नहीं दिये जाने के कारण मिड डे मील बंद हो जाने की बात कही है. इस मामले में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को फोन कर नाराजगी जताई थी. हालांकि, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने एक सप्ताह में राशि मिल जाने का आश्वासन दिया है.