रांचीः झारखंड में 20 सूत्री निगरानी समिति का गठन सरकार के लिए गले की हड्डी बन गयी है. काफी जद्दोजहद के बाद जिला स्तरीय कमिटी का गठन होना शुरू हुआ था. मगर जैसे ही इसकी अधिसूचना जारी होने लगी सत्तारूढ़ दलों के बीच हिस्सेदारी को लेकर घमासान भी शुरू हो गया. हालत यह है कि राज्य में रांची सहित कई जिलों में बीस सूत्री निगरानी कमिटी की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है.
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20 सूत्री कमिटी गठन के पीछे सत्तारूढ़ दलों के बीच अंर्तविरोध माना जा रहा है. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सत्तारूढ़ दलों के बीच ऑल इज नॉट वेल होने का परिणाम बताया है. उन्होंने सत्तारुढ़ झामुमो कांग्रेस-राजद पर तंज कसते हुए कहा कि ढाई वर्ष में लीज लेने का उन्हें समय मिला मगर 20 सूत्री कमिटी बनाने के लिए इस सरकार को समय नहीं मिला. खास बात यह है कि सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम भी मानते हैं कि 9 जिलों में अब तक 20 सूत्री गठन नहीं हुआ है, जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री से बात करके गठन कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे का भी झारखंड दौरा हो रहा है और जल्द ही इस मुद्दे पर बातचीत करके सुलझा लिया जाएगा.