रांचीः विपक्षी एकता की चल रही कवायद के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से होने वाली मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. शुक्रवार यानी 2 जून को दोपहर 12 बजे रांची सीएम आवास पर दोनों नेताओं की मुलाकात होगी.
इसे भी पढ़ें- अरविंद केजरीवाल करेंगे झारखंड के सीएम हेमंत से मुलाकात, आज चेन्नई से आएंगे रांची, जानिए पूरा शिड्यूल
इस मुलाकात के दौरान जहां केन्द्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे मुहिम पर समर्थन की मांग केजरीवाल करने वाले हैं. वहीं 2024 के चुनाव को लेकर राजनीतिक चर्चा भी होगी. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अच्छी मित्रता रही है. बिहार सीएम नीतीश कुमार के पहल पर 12 जून को पटना में होनेवाली विपक्षी एकता की कवायद से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल का सीएम हेमंत सोरेन से मिलना राजनीतिक दृष्टि से खास माना जा रहा है.
कांग्रेस से अरविंद केजरीवाल के अच्छे संबंध नहीं रहे हैं. आप और कांग्रेस के बीच राजनीतिक दूरी के बीच विपक्षी एकता की कवायद शुभ संकेत नहीं दे रहा है. ऐसे में अपने दोस्त के दर पहुंच रहे अरविंद केजरीवाल कितने सफल होंगे. यह वक्त ही बतायेगा, क्योंकि जिस मित्र से वो समर्थन मांगने के लिए रांची आ रहे हैं वो खुद कांग्रेस के भरोसे झारखंड में सरकार चला रहे हैं.
अरविंद केजरीवाल के दौरे पर राजनीतिः दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के आगमन को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा बताते हुए हमला बोला है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे अहम मानते हुए 2024 की दशा और दिशा बदलने वाली राजनीतिक बैठक बताया है. बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने हमला बोलते हुए कहा है कि दिल्ली में शराब घोटाला हुआ है और झारखंड में भी वही स्थिति है. दिल्ली सरकार के दो-दो मंत्री भ्रष्टाचार के कारण जेल में हैं, झारखंड में भी कुछ ऐसे ही हालात बन रहे हैं. ऐसे में मोदी सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा को जनता जान रही है जो सफल नहीं हो पायेगा.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने इस मुलाकात को अहम बताया है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि 2024 के चुनाव में केन्द्र की भाजपा सरकार का जाना तय है जिसके लिए विपक्षी एकता की कवायद सही दिशा में है. कांग्रेस से आप के संबंध में खटास होने पर मनोज पांडे ने कहा कि दो अलग अलग दलों के विचारधारा अलग जरूर हो सकती है, मगर मकसद भाजपा को हटाना है इसपर सभी एकमत हैं.
कांग्रेस और आप में दूरीः इन सबके बीच कांग्रेस और आप के संबंध में दूरी साफ तौर पर दिख रही है. सीएम अरविंद केजरीवाल के द्वारा बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधने के बाद नाराज कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह पांडे ने कहा है कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में मर्यादा नहीं खोना चाहिए. बहरहाल झारखंड में आप का कोई खास जनाधार नहीं है. पार्टी संगठन की मजबूती को लेकर संघर्ष कर रही है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल के आगमन से जहां संगठन मजबूती को लेकर कवायद की जायेगी. वहीं सीएम हेमंत सोरेन से मिलकर राजनीतिक संकेत देने में वे जरूर सफल होंगे.