अतिक्रमण मुक्त अभियान में गठबंधन सरकार की भूमिका नहीं, RMC के अधिकारियों का हो सोशल ऑडिट: कांग्रेस - अतिक्रमण मुक्त अभियान पर राजनीति
रांची में नगर निगम की तरफ से की गई कार्रवाई को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि पूर्व की भाजपा सरकार के पाप का घड़ा गठबंधन सरकार के सिर पर फूट रहा है. इसके कारण गरीबों का आशियाना छीन रहा है. अतिक्रमण मुक्त अभियान में गठबंधन सरकार की कोई भूमिका नहीं है.
रांची: रांची नगर निगम की कार्रवाई का असर वर्तमान गठबंधन सरकार पर पड़ सकता है. नगर निगम की कार्रवाई की वजह से विपक्ष में बैठी भाजपा को सरकार को घेरने का अच्छा अवसर मिल गया है. हालांकि, सत्ताधारी दल कांग्रेस का मानना है कि पूर्व की भाजपा सरकार के पाप का घड़ा गठबंधन सरकार के सिर पर फूट रहा है. जिसकी वजह से गरीबों का आशियाना छीन रहा है. अधिकारियों का भी सोशल ऑडिट होना चाहिए ताकि साफ हो सके कि ऐसे निर्णय के लिए जिम्मेदार कौन हैं?
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कांग्रेस ने भाजपा पर किया पलटवार
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने शनिवार को कांग्रेस से स्टेट हेड क्वार्टर में रांची नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई की वजह से उत्पन्न वर्तमान स्थिति के लिए पूर्व की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी अतिक्रमण अभियान चलाया गया था. उस दौरान भी कांग्रेस ने मांग की थी कि हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके उन घरों को बचाने की दिशा में काम करना चाहिए. लेकिन पूर्व की अर्जुन मुंडा सरकार और रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. जिसका परिणाम है कि वर्तमान में गरीबों का आशियाना टूट रहा है और लोग बेघर हो रहे हैं.
अधिकारियों का हो सोशल ऑडिट
कांग्रेस का यह भी मानना है कि नगर निगम में जो पॉलिसी को लेकर फैसले लेते हैं, वैसे अधिकारियों की सोशल ऑडिट होनी चाहिए. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर लोगों को बेघर करने वाले वैसे लोग जो जिम्मेदार हैं, वह खुद पल्ला झाड़ रहे हैं. उनकी वजह से जनता परेशान है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर हुआ था और उसमें जो फैसले हुए थे, उसकी जगह दूसरे तरीके से नगर आयुक्त मनमानी कर रहे हैं. इसमें गठबंधन सरकार की कोई भूमिका नहीं है.
राजेश गुप्ता ने कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार जहां-जहां रहे हैं, उन्होंने क्या काम किया है यह सामने लाया जाना चाहिए. राजधानी रांची में भी उनके द्वारा क्या काम किया गया है, यह बताना चाहिए. वर्तमान में कुछ देर की बारिश में ही रांची में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में अधिकारियों का सोशल ऑडिट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेयर और नगर आयुक्त एक ही धारा में बहने वाले लोग हैं और मेयर पर्दे के पीछे राजनीति कर रही हैं. सिर्फ नगर आयुक्त से अनबन का दिखावा सामने करती है. इससे आम जनता का भला नहीं हो सकता है.