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1932 आधारित स्थानीय नीति पर फिर गरमाई झारखंड की राजनीति, आजसू के आरोप पर झामुमो और कांग्रेस का पलटवार

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 1932 आधारित स्थानीय नीति पर बयान ने फिर से झारखंड की राजनीति को एक मुद्दा दे दिया है. सीएम के बयान पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने तंज कसा. जिसके बाद झामुमो की ओर से भी पलटवार किया गया है.

Politics of Jharkhand
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Published : Jul 15, 2023, 9:53 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: झारखंड की राजनीति में स्थानीयता, नियोजन नीति अक्सर सुर्खियों में रही हैं. आदिवासी-मूलवासी, भीतरी बाहरी की राजनीति में प्रायः सभी दलों के नेता अपना-अपना नफा नुकसान देखते हुए बयान देते रहे हैं. बोकारो में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर दिए बयान के बाद फिर से यह मुद्दा सुर्खियों में है. आजसू ने हेमंत सोरेन के इस बयान पर जहां कटाक्ष किया है, वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन किया है.

यह भी पढ़ें: डुमरी विधानसभा क्षेत्र में गरजे सीएम हेमंत सोरेन, कहा- 1932 हमारा अधिकार, हम इसे लेकर रहेंगे

हेमंत सोरेन ने कहा था कि 1932 का मुद्दा अब भी कायम है. इस दिशा में लंबी छलांग लगाने से वह दो कदम पीछे हटे हैं. आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने इसे हेमंत सोरेन का चुनावी बयान करार देते हुए कहा कि जब-जब राज्य में कहीं चुनाव आनेवाले होता है, तब-तब झामुमो और हेमंत सोरेन को 1932 की याद आती है. उन्होंने कहा कि उनके लिए 1932 का खतियान एक मुद्दा हो सकता है, आजसू के लिए यह माद्दा है. उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में 1932 आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू नहीं होता, आजसू पार्टी चुप नहीं बैठेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा के पटल पर आजसू पार्टी का जो स्टैंड रहा है, उससे वह पीछे हटने वाले नहीं हैं.

सुदेश महतो की यादाश्त कमजोर- झामुमो: 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर हेमंत सोरेन के बयान को चुनावी बयान बताने पर प्रतिक्रिया देते हुए झामुमो के नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि इन दिनों सुदेश महतो की यादाश्त कमजोर हो गयी है. सत्ता सुख के लिए खुद विपक्ष में रहकर अपने विधायक को मंत्री बनाने वाले आजसू प्रमुख को यह याद नहीं है कि झामुमो का शुरू से एक ही स्टैंड रहा है कि '1932 का खतियान, झारखंड की पहचान'. झामुमो नेता ने कहा कि सुदेश महतो का चरित्र की घालमेल वाला रहा है. सत्ता में भी रहो, विशेष राज्य के लिए मानव श्रृंखला भी बनाओ और केंद्र सरकार के साथ भी रहो. ये सारा घालमेल वाला चरित्र आजसू का रहा है. उन्हें हेमंत सोरेन पर बोलने का कोई हक नहीं बनता है.

कांग्रेस 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के साथ: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 2 दिन पहले बोकारो के डुमरी विधानसभा क्षेत्र में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से हेमंत सोरेन के बयान के साथ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का भी मानना है यहां के आदिवासी मूलवासियों को उनका अधिकार मिलना चाहिए. कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति का विरोध करने के सवाल पर राजेश ठाकुर ने कहा कि वह अपने क्षेत्र की जनता की भावनाओं को प्रकट कर रही हैं. वहां 1932 के बहुत बाद सर्वे हुआ था. ऐसे में कोल्हान के लोगों के हितों की रक्षा करने वाली स्थानीय नीति उस इलाके के लिए बनें यही पार्टी भी चाहती है.

नेताओं के बयान

रांची: झारखंड की राजनीति में स्थानीयता, नियोजन नीति अक्सर सुर्खियों में रही हैं. आदिवासी-मूलवासी, भीतरी बाहरी की राजनीति में प्रायः सभी दलों के नेता अपना-अपना नफा नुकसान देखते हुए बयान देते रहे हैं. बोकारो में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर दिए बयान के बाद फिर से यह मुद्दा सुर्खियों में है. आजसू ने हेमंत सोरेन के इस बयान पर जहां कटाक्ष किया है, वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन किया है.

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हेमंत सोरेन ने कहा था कि 1932 का मुद्दा अब भी कायम है. इस दिशा में लंबी छलांग लगाने से वह दो कदम पीछे हटे हैं. आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने इसे हेमंत सोरेन का चुनावी बयान करार देते हुए कहा कि जब-जब राज्य में कहीं चुनाव आनेवाले होता है, तब-तब झामुमो और हेमंत सोरेन को 1932 की याद आती है. उन्होंने कहा कि उनके लिए 1932 का खतियान एक मुद्दा हो सकता है, आजसू के लिए यह माद्दा है. उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में 1932 आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू नहीं होता, आजसू पार्टी चुप नहीं बैठेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा के पटल पर आजसू पार्टी का जो स्टैंड रहा है, उससे वह पीछे हटने वाले नहीं हैं.

सुदेश महतो की यादाश्त कमजोर- झामुमो: 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर हेमंत सोरेन के बयान को चुनावी बयान बताने पर प्रतिक्रिया देते हुए झामुमो के नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि इन दिनों सुदेश महतो की यादाश्त कमजोर हो गयी है. सत्ता सुख के लिए खुद विपक्ष में रहकर अपने विधायक को मंत्री बनाने वाले आजसू प्रमुख को यह याद नहीं है कि झामुमो का शुरू से एक ही स्टैंड रहा है कि '1932 का खतियान, झारखंड की पहचान'. झामुमो नेता ने कहा कि सुदेश महतो का चरित्र की घालमेल वाला रहा है. सत्ता में भी रहो, विशेष राज्य के लिए मानव श्रृंखला भी बनाओ और केंद्र सरकार के साथ भी रहो. ये सारा घालमेल वाला चरित्र आजसू का रहा है. उन्हें हेमंत सोरेन पर बोलने का कोई हक नहीं बनता है.

कांग्रेस 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के साथ: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 2 दिन पहले बोकारो के डुमरी विधानसभा क्षेत्र में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से हेमंत सोरेन के बयान के साथ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का भी मानना है यहां के आदिवासी मूलवासियों को उनका अधिकार मिलना चाहिए. कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति का विरोध करने के सवाल पर राजेश ठाकुर ने कहा कि वह अपने क्षेत्र की जनता की भावनाओं को प्रकट कर रही हैं. वहां 1932 के बहुत बाद सर्वे हुआ था. ऐसे में कोल्हान के लोगों के हितों की रक्षा करने वाली स्थानीय नीति उस इलाके के लिए बनें यही पार्टी भी चाहती है.

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