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वन संरक्षण कानून में संशोधन को झारखंड कांग्रेस ने बताया आदिवासी-वनवासी विरोधी, आंदोलन की दी चेतावनी

देश की संसद से वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 पारित होने के बाद झारखंड कांग्रेस ने इसे आदिवासी और वनवासी विरोधी करार दिया है. इस विधेयक के खिलाफ कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी.

Forest Conservation Amendment Bill 2023
Forest Conservation Amendment Bill 2023
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Published : Aug 6, 2023, 7:59 PM IST

राकेश सिन्हा, प्रदेश महासचिव, कांग्रेस

रांची: लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 पारित हो गया. इस विधेयक के पारित होते ही कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है. झारखंड कांग्रेस ने इस विधेयक को आदिवासी और वनवासी विरोधी करार दिया है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने वन संरक्षण कानून के तहत जो अधिकार आदिवासियों और वनवासियों को दिया गया था, उसे संशोधन कर वर्तमान सरकार ने समाप्त कर दिया है.

यह भी पढ़ें: वन संरक्षण नियम 2022 समाप्त करे भारत सरकार या फिर 20 करोड़ आदिवसियों को दें इच्छा मृत्युः जेएमएम

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पहले इस कानून में वनक्षेत्र में बिना ग्राम सभा के सहमति के कोई कार्य नहीं करने का प्रावधान था. लेकिन, अब इस संशोधन वाले विधेयक में इस अधिकार को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने सरकार पर पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के लिए जंगल को खोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब ग्रामसभा की सहमति के बिना ही कोई पूंजीपति जंगल या वनक्षेत्र की भूमि पर अपना काम शुरू कर देगा.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह बर्दाश्त नहीं हुआ कि देश के आदिवासी-वनवासी जंगल के मालिक हों. भाजपा को मंजूर नहीं है कि ग्रामसभा के माध्यम से जंगल को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाए और छोटे-छोटे वनोत्पादों पर वनवासियों का हक हो. वन संरक्षण संशोधन विधेयक 2023 का सदन से लेकर सड़क तक विरोध की घोषणा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जो अधिकार आदिवासियों और वनवासियों को दिए गए थे, आज उसे छीना जा रहा है. ऐसे में झारखंड की जनता के सहयोग से कांग्रेस इसका विरोध करेगी.

झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले ही कर चुका है विरोध: भारत सरकार द्वारा लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पारित करा लिए गए वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 का झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले ही कई बार विरोध कर चुका है. राज्यसभा से भी इस विधेयक को पारित करा लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने फोन पर बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले से ही इन संशोधनों का विरोध करता रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे पर वह मीडिया से मुखातिब होकर झामुमो का पक्ष और आशंकाओं को राज्य की जनता के सामने रखेंगे.

कांग्रेस को अच्छी चीजें नहीं दिखती-भाजपा: वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने ईटीवी भारत से फोन पर कहा कि विपक्ष और खास कर कांग्रेस को अच्छी चीजें नहीं दिखती हैं. इस संशोधन से वन क्षेत्र तेजी से बढ़ेंगे, पर्यावरण बढ़िया होगा, तब उसका लाभ सबको मिलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर कांग्रेस चुप क्यों है.

राकेश सिन्हा, प्रदेश महासचिव, कांग्रेस

रांची: लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 पारित हो गया. इस विधेयक के पारित होते ही कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है. झारखंड कांग्रेस ने इस विधेयक को आदिवासी और वनवासी विरोधी करार दिया है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने वन संरक्षण कानून के तहत जो अधिकार आदिवासियों और वनवासियों को दिया गया था, उसे संशोधन कर वर्तमान सरकार ने समाप्त कर दिया है.

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कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पहले इस कानून में वनक्षेत्र में बिना ग्राम सभा के सहमति के कोई कार्य नहीं करने का प्रावधान था. लेकिन, अब इस संशोधन वाले विधेयक में इस अधिकार को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने सरकार पर पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के लिए जंगल को खोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब ग्रामसभा की सहमति के बिना ही कोई पूंजीपति जंगल या वनक्षेत्र की भूमि पर अपना काम शुरू कर देगा.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह बर्दाश्त नहीं हुआ कि देश के आदिवासी-वनवासी जंगल के मालिक हों. भाजपा को मंजूर नहीं है कि ग्रामसभा के माध्यम से जंगल को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाए और छोटे-छोटे वनोत्पादों पर वनवासियों का हक हो. वन संरक्षण संशोधन विधेयक 2023 का सदन से लेकर सड़क तक विरोध की घोषणा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जो अधिकार आदिवासियों और वनवासियों को दिए गए थे, आज उसे छीना जा रहा है. ऐसे में झारखंड की जनता के सहयोग से कांग्रेस इसका विरोध करेगी.

झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले ही कर चुका है विरोध: भारत सरकार द्वारा लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पारित करा लिए गए वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 का झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले ही कई बार विरोध कर चुका है. राज्यसभा से भी इस विधेयक को पारित करा लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने फोन पर बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले से ही इन संशोधनों का विरोध करता रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे पर वह मीडिया से मुखातिब होकर झामुमो का पक्ष और आशंकाओं को राज्य की जनता के सामने रखेंगे.

कांग्रेस को अच्छी चीजें नहीं दिखती-भाजपा: वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने ईटीवी भारत से फोन पर कहा कि विपक्ष और खास कर कांग्रेस को अच्छी चीजें नहीं दिखती हैं. इस संशोधन से वन क्षेत्र तेजी से बढ़ेंगे, पर्यावरण बढ़िया होगा, तब उसका लाभ सबको मिलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर कांग्रेस चुप क्यों है.

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