रांची: डीवीसी के घोषित शेड्यूल के तहत बिजली कटौती को लेकर राजनीति तेज हो गई है. डीवीसी कमांड एरिया में 50 प्रतिशत बिजली की कटौती की जा रही है. ऐसे में सत्ताधारी दल और विपक्ष बिजली कटौती के मामले पर आमने सामने आ गए हैं. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने भी इसे लेकर हेमंत सरकार को घेर रही है. इस क्रम में भाजपा ने कहा किस्तों में ही सही, लेकिन बकाया भुगतान करना चाहिए, जबकि सत्ताधारी दल कांग्रेस का मानना है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां गैर भाजपा शासित राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रहीं हैं.
ये भी पढ़ें- डीवीसी की बकाया राशि की किस्त होगी कम, आखिर कैसे, पढ़ें रिपोर्ट
कब तक पिछली सरकार पर लगाएंगें आरोप
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने डीवीसी बिजली कटौती मामले को लेकर कहा कि जब 5,500 करोड़ का बकाया है, तो किसी भी कंपनी को इसे चलाने में सहूलियत नहीं होगी. ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि किस्तों में ही सही, लेकिन भुगतान करे, लेकिन सरकार सिर्फ पिछली सरकार पर जवाबदेही डालकर बचना चाहती है. उन्होंने कहा कि 1 साल बीत गया है. ऐसे में पिछली सरकार पर कितना आरोप लगाएंगे. सिर्फ राजनीति के लिए केंद्र के पाले में गेंद डाल देना कहीं से उचित नहीं है.
केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां कर रहीं परेशान
वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बार-बार झारखंड की जनता को प्रताड़ित करने का काम केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां कर रहीं हैं. कहीं न कहीं यह झारखंड विरोधी कदम है. उन्होंने कहा कि गैर भाजपा शासित प्रदेशों की जनता के साथ लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं और ये बीजेपी की नीति और नियत में खोट को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि झारखंड की तुलना में उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में बिजली का ज्यादा बकाया है, लेकिन वहां इस तरह की कमांड एरिया में बिजली की कटौती नहीं हो रही है. कहीं न कहीं बीजेपी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से राज्य की जनता के साथ राजनीतिक ब्लैकमेल करना चाहती है.