रांची: कोरोना महामारी के कारण अप्रैल और मई महीने में बने त्राहिमाम की स्थिति को लोग भूले नहीं हैं. अब इसी बात पर राजनीति भी शुरू हो गई है. झारखंड के स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता ने देश में हुई ऑक्सीजन की कमी से मौत के मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार पर संसद में गलतबयानी का आरोप लगाया है तो बीजेपी ने झारखंड सरकार से पूछा है कि झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन की कमी से हुई कितनी मौत की जानकारी केंद्र को दी है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मौत की राजनीति कर रहे हैं.
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क्या है केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री का बयान
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने संसद में सरकार की ओर से दिए बयान में कहा है कि कोरोना महामारी के दूसरे लहर में किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली. केंद्रीय मंत्री ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये बात कही थी.
बढ़ गई थी ऑक्सीजन की खपत
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक महामारी की शुरुआत से पहले पिछले साल 2020 के जनवरी, फरवरी और मार्च के महीनों में भारत में औसतन 850 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन मेडिकल क्षेत्र में उपयोग हो रहा था. अप्रैल 2020 से इसकी मांग बढ़ने लगी और 18 सितंबर तक तीन हजार टन प्रतिदिन इस्तेमाल होने लगा था. बन्ना गुप्ता ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से इसलिए मौतें हुईं, क्योंकि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात को 700 फीसदी तक बढ़ा दिया था. सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की थी. इसके अलावे केंद्र सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता भी नहीं दिखाई थी.
बन्ना गुप्ता का पीएम पर निशाना
बन्ना गुप्ता ने ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि हर बात पर क्रेडिट लेने वाले आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत के लिए सार्वजनिक तौर पर देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कोरोना के कुप्रबंधन के बाद मोदी सरकार फर्जी आंकड़ों और झूठी जवाबदेही का सहारा लेकर बचना चाहती है.
डेथ ऑडिट रिपोर्ट में हो रही है देरी
राज्य सरकार कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौत के उन दो महीनों अप्रैल और मई 2021 का ऑडिट करा रही है. जिसकी रिपोर्ट 30 जून तक ही सार्वजनिक करने की बात कही गयी थी पर आज तक रिपोर्ट नहीं आयी है. डेथ ऑडिट रिपोर्ट आने में देरी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.