रांची: झारखंड में युवाओं को नौकरी और रोजगार के मुद्दे पर सत्ताधारी महागठबंधन दलों और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है. जैसे जैसे लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहा हैं, वैसे वैसे झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल जैसी पार्टियां नरेंद्र मोदी की सरकार से 20 करोड़ युवाओं को दिए नौकरी का हिसाब मांग कर तंज कस रही है.
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने यह कहकर पलटवार किया है कि 2019 में हर साल 05 लाख नौकरी का वादा कर हेमंत सोरेन की सरकार ने किया था. उस वादे का क्या हुआ. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि महागठबंधन की सरकार 20 लाख नौकरियों का हिसाब जनता को दे. उन्होंने कहा कि विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान सरकार की ओर से सिर्फ 350 के करीब नौकरी देने की बात कही गयी थी. अभी भी यह आंकड़ा कुछ हजारों तक ही सीमित होगा.
जनता से किये सभी वादों पर कितना खरा उतरे हम, 2024 में देंगे जानकारी- सुप्रियो: केंद्र से 09 वर्षों में 18 करोड़ नौकरी की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग सुप्रियो भट्टाचार्या ने की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम युवाओं से जो वादा करके आये थे, उसका हिसाब 2024 में जनता के सामने सार्वजनिक करेंगे. उन्होंने कहा को कोरोना की वजह से दो वर्ष हम थोड़ा पीछे जरूर हुए हैं, लेकिन अब सरकार तेजी से युवाओं को नौकरी और रोजगार के काम में लग गयी है. उन्होंने कहा कि करीब एक लाख नौकरियां दे दी गई हैं.
भाजपा पहले बताएं 09 वर्षों में कितनी नौकरियां दी: युवाओं को नौकरी देने के मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस ने भी भाजपा के नेताओं पर देश के युवाओं से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा करोड़ों रुपये खर्च कर चंद नौकरियों का विज्ञापन देने वाली केंद्र की भाजपा सरकार ने युवाओं को धोखा दिया है, उसे हेमंत सोरेन सरकार ने कितने को नौकरी दी है यह पूछने का अधिकार भाजपा के नेताओं को नहीं है.
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