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सरकार का फैसला: निजी हाथों में झारखंड के आठ राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, उठने लगे हैं सवाल

झारखंड के आठ राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान (Government Polytechnic Institute) को निजी हाथों में देने के फैसले पर राजनीति शुरू हो गयी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रही है. वहीं कांग्रेस की दलील है कि आईटीआई की बदहाल स्थिति को लेकर ऐसा कदम उठाया गया है.

Politics in Jharkhand over giving eight ITI colleges to private hands
आईटीआई कॉलेज
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Published : Jul 26, 2022, 9:16 AM IST

Updated : Jul 26, 2022, 1:54 PM IST

रांचीः झारखंड में 59 आईटीआई कॉलेज हैं लेकिन आईटीआई की बदहाल स्थिति किसी से भी छुपी नहीं है. कहीं मशीन है तो अनुदेशक नहीं तो कहीं बिल्डिंग है तो कोई स्टाफ नहीं. ऐसे में सरकार द्वारा आठ आईटीआई को एनजीओ के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है, जिसको लेकर सवाल उठने लगे हैं और मामले पर राजनीति शुरू हो गई है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बदहाल, 59 कॉलेज के महज 4 प्रिंसिपल से चल रहा काम


राज्य सरकार ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के 08 नये राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान (Government Polytechnic Institute) खूंटी, चतरा, लोहरदगा, हजारीबाग, जामताड़ा, गोड्डा, बगोदर एवं पलामू का PanIIT Alumni Reach for Jharkhand Foundation यानी PREJHA Foundation के सहयोग से संचालन करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के बाद सरकार पर निजी हाथों में शैक्षणिक संस्थान सौंपे जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

इसको लेकर पूर्व स्पीकर और बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने संस्थान में सुविधा मुहैया नहीं करा पा रही है, जिस वजह से निजी हाथों में इसे दिया जा रहा है. सरकार को शैक्षणिक संस्थान में पढ़ई की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे शैक्षणिक माहौल बेहतर हो सके. खूंटी सहित अन्य जिलों में बने नये आईटीआई के लिए बिल्डिंग पिछली सरकार ने तैयार किये थे. उनमें सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही थीं मगर सरकार बदल गई और वर्तमान सरकार ने इन आईटीआई में नियुक्ति नहीं की.

सत्तापक्ष ने विपक्ष पर किया पलटवारः राज्य सरकार के निर्णय को सही बताते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा है कि सरकार ने इन आईटीआई संस्थानों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बने उसको लेकर यह निर्णय लिया गया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बीजेपी ने कई ऐसे निर्णय लिये हैं जिसमें महत्वपूर्ण संस्थाओं को निजी हाथों में सौपा है, ऐसे में उन्हें बोलने का कोई अधिकार नहीं है.


राज्य में 59 आईटीआई कॉलेजः पूरे झारखंड में कुल 59 आईटीआई हैं, सभी आईटीआई की स्थिति कमोबेश खस्ताहाल ही है. इतना ही नहीं इन 59 आईटीआई कॉलेजों में 55 में प्रिंसिपल नहीं है. प्रभारी प्राचार्य के भरोसे किसी तरह चल रहे इन आईटीआई कॉलेजों में आसपास के आईटीआई में तैनात प्रशिक्षक एक-दूसरे के पास जाकर घंटी के हिसाब से पढ़ाते हैं. 2016 में राज्य में 32 नये आईटीआई खोले गए, जिसमें 4 ट्रेड की शुरुआत हुई थी. प्रत्येक वर्ष 9000 स्टूडेंट हर आईटीआई में एडमिशन लेते हैं. सरकार ने आइटीआई तो खोला ट्रेड भी बढ़ा दिए मगर इसकी पढ़ाई कैसे होगी इसके लिए नियुक्ति नहीं की. ऐसे में 50% से अधिक प्रशिक्षक के पद खाली हैं.

रांचीः झारखंड में 59 आईटीआई कॉलेज हैं लेकिन आईटीआई की बदहाल स्थिति किसी से भी छुपी नहीं है. कहीं मशीन है तो अनुदेशक नहीं तो कहीं बिल्डिंग है तो कोई स्टाफ नहीं. ऐसे में सरकार द्वारा आठ आईटीआई को एनजीओ के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है, जिसको लेकर सवाल उठने लगे हैं और मामले पर राजनीति शुरू हो गई है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बदहाल, 59 कॉलेज के महज 4 प्रिंसिपल से चल रहा काम


राज्य सरकार ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के 08 नये राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान (Government Polytechnic Institute) खूंटी, चतरा, लोहरदगा, हजारीबाग, जामताड़ा, गोड्डा, बगोदर एवं पलामू का PanIIT Alumni Reach for Jharkhand Foundation यानी PREJHA Foundation के सहयोग से संचालन करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के बाद सरकार पर निजी हाथों में शैक्षणिक संस्थान सौंपे जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

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इसको लेकर पूर्व स्पीकर और बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने संस्थान में सुविधा मुहैया नहीं करा पा रही है, जिस वजह से निजी हाथों में इसे दिया जा रहा है. सरकार को शैक्षणिक संस्थान में पढ़ई की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे शैक्षणिक माहौल बेहतर हो सके. खूंटी सहित अन्य जिलों में बने नये आईटीआई के लिए बिल्डिंग पिछली सरकार ने तैयार किये थे. उनमें सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही थीं मगर सरकार बदल गई और वर्तमान सरकार ने इन आईटीआई में नियुक्ति नहीं की.

सत्तापक्ष ने विपक्ष पर किया पलटवारः राज्य सरकार के निर्णय को सही बताते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा है कि सरकार ने इन आईटीआई संस्थानों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बने उसको लेकर यह निर्णय लिया गया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बीजेपी ने कई ऐसे निर्णय लिये हैं जिसमें महत्वपूर्ण संस्थाओं को निजी हाथों में सौपा है, ऐसे में उन्हें बोलने का कोई अधिकार नहीं है.


राज्य में 59 आईटीआई कॉलेजः पूरे झारखंड में कुल 59 आईटीआई हैं, सभी आईटीआई की स्थिति कमोबेश खस्ताहाल ही है. इतना ही नहीं इन 59 आईटीआई कॉलेजों में 55 में प्रिंसिपल नहीं है. प्रभारी प्राचार्य के भरोसे किसी तरह चल रहे इन आईटीआई कॉलेजों में आसपास के आईटीआई में तैनात प्रशिक्षक एक-दूसरे के पास जाकर घंटी के हिसाब से पढ़ाते हैं. 2016 में राज्य में 32 नये आईटीआई खोले गए, जिसमें 4 ट्रेड की शुरुआत हुई थी. प्रत्येक वर्ष 9000 स्टूडेंट हर आईटीआई में एडमिशन लेते हैं. सरकार ने आइटीआई तो खोला ट्रेड भी बढ़ा दिए मगर इसकी पढ़ाई कैसे होगी इसके लिए नियुक्ति नहीं की. ऐसे में 50% से अधिक प्रशिक्षक के पद खाली हैं.

Last Updated : Jul 26, 2022, 1:54 PM IST
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