रांची: झारखंड के वरिष्ठ नेता और जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने एक ट्वीट कर राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी है. उन्होंने आशंका जतायी है कि ईडी अब सीएम के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू को समन करना चाहती है. ईटीवी भारत की टीम को उन्होंने फोन पर बताया कि ईडी को जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो इसकी आंच पूर्ववर्ती डबल इंजन की सरकार पर पहुंचेगी.
सरयू राय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'ED अभिषेक पिंटू को समन करना चाहती है. कारण कि पंकज मिश्रा और पिंटू के बीच बातचीत का विवरण ईडी को मिल गया है. पिंटू जी को साहेबगंज में पत्थर खदान का लीज तो डबल इंजन सरकार में ही मिला था. उसी सरकार ने विभूति कुमार को भी साहेबगंज का जिला खनन पदाधिकारी बनाया था. कड़ियां जुड़ रही हैं.'
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#ED अभिषेक पिंटू को समन करना चाहती है.कारण कि पंकज मिश्रा और पिंटू के बीच बातचीत का विवरण #ED को मिल गया है.पिंटु जी को साहेबगंज में पत्थर खदान का लीज़ तो डबल इंजन सरकार में ही मिला था.उसी सरकार ने विभूति कुमार को भी साहेबगंज का ज़िला खान पदाधिकारी बनाया था.कड़ियाँ जुड़ रही हैं.
— Saryu Roy (@roysaryu) July 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Saryu Roy (@roysaryu) July 26, 2022
इससे पहले 25 जुलाई को भी सरयू राय ने इसी मसले पर एक ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था कि 'मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने ईडी को क्या बताया, यह तो ईडी जाने. पर मीडिया में चल रही खबरों से साहिबगंज के सभी लोग परिचित हैं. ईडी को चाईबासा के जिला खनन पदाधिकारी से हुई पूछताछ का खुलासा करना चाहिए. यह 2015-21 के बीच हुए कई सौ करोड़ के धन-शोधन के भंडोफोड़ का मामला है.'
दोनों ट्वीट का मतलब पूछने पर उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई में उसकी मंशा झलक रही है. उन्होंने कहा कि जब जांच हो रही है तो बारीकी से होनी चाहिए. उन्होंन इस बात पर भी फोकस किया है कि अभिषेक पिंटू को पत्थर खदान का लीज पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही आवंटित हुआ था. आपको बता दें कि मनरेगा घोटाले को लेकर 6 मई को ईडी ने निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले में पूजा सिंघल और उनके सीए न्यायिक हिरासत में हैं.
इस मामले में कई जिलों के खनन पदाधिकारियों से भी पूछताछ हो चुकी है. इस बीच ईडी ने पिछले दिनों सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद पंकज मिश्रा को पूछताछ के दौरान हिरासत में ले लिया गया था. फिलहाल वह ईडी की रिमांड पर हैं. ईडी जांच के बढ़ते दायरे को देखते हुए पूरे झारखंड में एक ही चर्चा है कि अब किसकी बारी है. दूसरी तरफ सत्ताधारी दल लगातार ईडी की कार्रवाई के तरीके पर सवाल खड़ी कर रहे हैं.