रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ी सक्रियता पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चिंता जताई है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य के मुख्य सचिव को राज्यपाल ने अवगत कराया है. राज्यपाल ने कहा कि इसके कारण आदिवासी सभ्यता संस्कृति पर खतरा होने की आशंका है. राज्यपाल की इसी चिंता पर पक्ष और विपक्ष की ओर से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.
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राज्यपाल ने कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठिए धड़ल्ले से आदिवासी महिलाओं के साथ शादी कर उनका शोषण कर रहे हैं. राज्यपाल की इस टिप्पणी के बाद राज्य की सियासत में एक बार फिर से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गरमा गया है.
जामताड़ा विधायक ने लगाए आरोप: बांग्लादेशी घुसपैठ पर राज्यपाल की टिप्पणी के बाद झारखंड की सियासत गरमा गई है. बीजेपी इसी बहाने सत्तारूढ़ हेमंत सरकार को घेरने में जुटी है. वहीं विधायक इरफान अंसारी ने इस पर नाराजगी जाहिर की है. विधायक इरफान ने कहा कि राज्यपाल झारखंड को बदनाम कर रहे हैं. उनकी यह टिप्पणी दिल्ली तक पहुंच गई है. कहा कि राज्यपाल को झारखंड के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा के लिखे हुए स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं राज्यपाल: जामताड़ा विधायक ने कहा कि राज्यपाल भाजपा के लिखे हुए स्क्रिप्ट को पढ़कर ऐसी बात बोल रहे हैं. कहा कि राज्यपाल झारखंड के जिस क्षेत्र की बात कर रहे हैं, वहां एक भी बांग्लादेशी नहीं है. विधायक ने कहा कि साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा जैसे क्षेत्र में वो खुद मेरे साथ चलें उन्हें एक भी बांग्लादेशी नहीं मिलेगा. हाल के वर्षों में इन जिलों में जो जनसंख्या बढ़ी है, वह बांग्लादेशियों की नहीं है, बल्कि बीजेपी के लोगों की है. कहा कि ये वो लोग हैं, जो माइंस एवं अन्य उद्योग धंधे में शामिल होकर अपना घर बनाने में लगे हैं.
राज्यपाल की चिंता, हेमंत को आईना: बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आदिवासियों की सरकार होने का दंभ भरने वाली हेमंत सरकार को राज्यपाल ने आईना दिखाने का काम किया है. राज्यपाल ने बिल्कुल सही कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की संस्कृति और सभ्यता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. उनका यह कहना भी उचित है कि घुसपैठिए आदिवासी बेटियों से विवाह कर उनका शोषण कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री को निभाना चाहिए राजधर्म: प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अब राजधर्म निभाना चाहिए. राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल बता रहे हैं कि झारखंड में घुसपैठ चरम पर है. कहा कि फिर भी सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है. कहा कि अविलंब राज्य सरकार घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें बाहर निकालने का काम करे. गौरतलब है कि मानसून सत्र से पहले राज्यपाल की यह टिप्पणी फिर से झारखंड विधानसभा में गूंजने की संभावना है.