रांचीः राजधानी सहित राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति व्यवस्था बाधित है. स्थिति यह है कि मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं की जा रही है. इससे कुछ वीवीआईपी इलाके को छोड़ दें तो सभी जगहों और जिलों में लोड शेडिंग किया जा रहा है. राज्य में बिजली संकट (Power crisis in Jharkhand) के मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है.
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राज्यसभा सांसद और झारखंड बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने राज्य में लचर बिजली आपूर्ति को हेमंत सरकार की नाकामी बताते हुए कहा कि जनता में बिजली को लेकर आक्रोश है. जनता कभी भी इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतर सकती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल दलों के विधायक और मंत्री को बिजली समस्या की जानकारी नहीं है. क्योंकि उन्हें निर्बाध बिजली मिल रही है.
आदित्य साहू ने कहा कि गांव और दूरदराज के इलाकों की स्थिति काफी खराब है. किसान बिजली के बिना खेतों में लगी सब्जियों और रबी फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. बिजली गुल रहने से बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में किसान विद्युत मोटर पंप से पटवन करते हैं. लेकिन बिजली के अभाव में खेती प्रभावित हो रही है.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य की खस्ताहाल बिजली आपूर्ति को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार के जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने और बदनाम करने के लिए बीदेपी साजिश रच रही है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय पूल से मिलने वाली बिजली की कटौती भी इसमें एक है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि देश के फेडरल स्ट्रक्चर यानि संघीय व्यवस्था के लिए यह ठीक नहीं है.