रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 25 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में झारखंड आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म(Documentary film) बनाने का निर्णय लिया गया. फिल्म बनाने की जिम्मेदारी नेशनल ज्योग्राफिक को दी गई है, जिसपर 2.37 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. कैबिनेट की इस निर्णय पर राजनीति गरमा गई है. बीजेपी ने कहा कि राज्य सरकार प्रसार-प्रसार के सहारे चल रही है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि फिल्म के माध्यम से दुनिया को झारखंड के सभ्यता और संस्कृति से अवगत कराया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः16 दिसंबर से झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र. हेमंत कैबिनेट की बैठक में 13 प्रस्तावों पर मुहर
कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस ब्रिफिंग में कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि नेशनल ज्योग्राफिक चार श्रेणियों में डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाएगी. इसमें वाइल्ड लाइफ, एडवेंचर, पीपल एंड कल्चर और प्रिसटीन झारखंड शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस डक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से झारखंड के बारे में देश-दुनिया के लोग जान सकेंगे.
विज्ञापन पर किया जा रहा करोड़ों रुपये खर्च
कैबिनेट के निर्णय पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ प्रोपगेंडा करने में विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में गलियों और मुहल्ले में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं, जिसपर करोड़ों रुपये खर्च किए गए. लेकिन सरकार की हकीकत जनता जानती है. उन्होंने कहा कि अब डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर खर्च किए जाएंगे, जिसका लाभ जनता को नहीं मिलने वाला है.
झारखंड की विरासत जान सकेंगे लोग
सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने बीजेपी के बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा है झारखंड की विरासत को देश-दुनिया के लोगों को बताना है. इसमें गुनाह क्या है. उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री के के माध्यम से झारखंड की संस्कृति, सभ्यता, आदिवासी कल्चर से लोगों को अवगत कराना है. उन्होंने कहा कि बिरसा की इस भूमि के बारे में बीजेपी दुनिया को बताना नहीं चाहती है. झारखंड के इतिहास से जब युवा रू-ब-रू होंगे तो बीजेपी की जमीन खिसक जायेगी. इसलिए बीजेपी गलत बयानबाजी कर रही है.