रांची: सेवा सदन को तोड़ने के मुद्दे पर रांची की मेयर और सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग चल रही है. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए मेयर और डिप्टी मेयर पर जनता को परेशान करने का आरोप लगाया. दीपिका पांडेय को जवाब देते हुए मेयर ने नगर आयुक्त को कानून के दायरे में रहने की हिदायत दी है.
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हाई कोर्ट के फैसले पर खुशी
सेवा सदन को लेकर झारखंड हाई कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम के अस्पताल के साथ अन्य भवनों के तोड़ने के तुगलकी निर्णय पर हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाया है. नगर निगम के इस निर्णय ने रांची ही नहीं पूरे झारखंड के लोगों को परेशान कर दिया था. उन्होंने इसके लिए बीजेपी के मेयर और डिप्टी मेयर को जिम्मेवार ठहराया है.
हाई कोर्ट में खुली नगर निगम की पोल
दीपिका पांडेय ने कहा कि नगर निगम ने पिछले पांच साल में रांची को खूबसूरत बनाने के बजाय बदसूरत बना दिया है. उन्होंने कहा कि नगर निगम में पदाधिकारियों और इसके उच्च पदस्थ जनप्रतिनिधियों को भी जनता को जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में नगर निगम की पोल खुल गई है.
हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत
वहीं मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि हाई कोर्ट के सेवा सदन को तोड़े जाने से संबंधित नोटिस पर रोक लगाने के आदेश की सराहना की है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देश से न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार हो या रांची नगर निगम के नगर आयुक्त उन्हें कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए, न कि कानून की आड़ में लोगों को मानसिक रूप से परेशान करना चाहिए.
नगर निगम ने बनाया भय का माहौल
डिप्टी मेयर संजीव विजय वर्गीय ने झारखंड हाई कोर्ट को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा पिछले कई दिनों से शहर में भय का माहौल बना रहा था. डिप्टी मेयर ने कहा कि वे कई दिनों से भवनों को रेगुलराइज करने के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने झारखंड सरकार से भी भवनों को रेगुलराइज करने के लिए नियमावली बनाने की मांग की है. ताकि लोगों के बीच भय का जो माहौल बना हुआ है उसे दूर किया जा सके.