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UCC को झामुमो ने बताया विभाजनकारी, कांग्रेस और राजद ने कहा चुनावी एजेंडा, पूछा- आदिवासी परंपराओं को लेकर भाजपा की क्या है सोच - झारखंड राष्ट्रीय जनता दल

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफार्म सिविल कोड पर झारखंड में भी राजनीतिक बयानबाजी शुरू है. झारखंड सरकार में शामिल झामुमो, कांग्रेस और राजद ने यूसीसी को देश के लिए विभाजनकारी बताया है.

Uniform Civil Code
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Published : Jul 2, 2023, 10:48 AM IST

नेताओं के बयान

रांची: यूनिफार्म सिविल कोड(UCC) इन दिनों देश-भर में बहस और चर्चा का मुद्दा बना हुआ है. मध्य प्रदेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के बीच इस विषय का जिक्र करने और विधि विभाग की ओर से देशवासियों से राय मांगने के बाद इस मुद्दे ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है. झारखंड में भी ये मुद्दा छा गया है. झारखंड में भाजपा की नीति सिद्धांतों का विरोध करने वाले सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने भी देश में समान नागरिक कानून लागू करने के प्रयासों को विभाजनकारी करार दिया है.

यह भी पढ़ें: Uniform Civil Code: मॉनसून सत्र में UCC बिल लाने की तैयारी में मोदी सरकार, बुलाई अहम बैठक

यूसीसी देश के लिए विभाजनकारी- झामुमो: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और शिबू सोरेन परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले सुप्रियो भट्टाचार्य ने यूसीसी लागू करने के मोदी सरकार के प्रयासों को विभाजनकारी बताते हुए कहा कि देश इसे स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार का सिर्फ चुनावी एजेंडा भर है और बेहद गंभीर मुद्दा भी है. उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता यूसीसी की बात करते हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि आदिवासी समुदाय जिनके जीवन में प्राचीन काल से चले आ रहे रीति रिवाजों का खास महत्व है, उसे लेकर उनकी सोच क्या है.

संविधान से मिले प्रोटेक्शन को कैसे चेंज करेंगे: जनजातीय समुदायों के रीति रिवाजों को संविधान के आर्टिकल 5 और आर्टिकल 6 का जिक्र करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान से उसे प्रोटेक्शन मिला हुआ है, उसे कैसे चेंज करेंगे? झामुमो नेता ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड से सिर्फ विभाजन होगा, क्या आदिवासी और मूलवासियों को बाहर निकाल दिया जाएगा, यह आज एक बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि ट्राइबल सोसाइटी को लेकर भाजपा की सोच क्या है, यह उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए. सरना धर्म कोड का क्या हुआ, यह बताना चाहिए. झामुमो नेता ने कहा कि यूसीसी एक मनुवादी सोच भर है और देश उसे स्वीकार नहीं करेगा.

भारत विविधताओं में एकता वाला देश है-राजद: यूसीसी पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने बहुत सोच समझ कर संविधान की रचना की थी. उन्होंने सभी धर्म और पंथ के लोगों को अपने-अपने तरीके से रहने की आजादी दी थी. अब पीएम मोदी की सोच क्या है, यह तो वहीं जानते हैं, लेकिन राजद की राय में सबके लिए एक कानून सही नहीं है.

यूसीसी की बात मतलब कहीं चुनाव होनेवाला है-कांग्रेस: केंद्र की सरकार द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने के प्रयासों को चुनावी लाभ लेने की भाजपा की कोशिश करार देते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि जब मणिपुर जल रहा था, तब प्रधानमंत्री अपना बूथ मजबूत कर रहे थे और गृहमंत्री का कहीं अता पता नहीं था. ऐसे में जब भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात अपने कार्यकर्ताओं से कही, तब देशवासी समझ गए कि कहीं ना कहीं चुनाव होने वाला है. राकेश सिन्हा ने कहा कि अभी यूसीसी को लेकर देशवासियों से राय मांगी गई है. उन्होंने कहा कि राय आने दीजिए कांग्रेस सही समय पर अपनी बात देश की जनता के सामने रख देगी.

नेताओं के बयान

रांची: यूनिफार्म सिविल कोड(UCC) इन दिनों देश-भर में बहस और चर्चा का मुद्दा बना हुआ है. मध्य प्रदेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के बीच इस विषय का जिक्र करने और विधि विभाग की ओर से देशवासियों से राय मांगने के बाद इस मुद्दे ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है. झारखंड में भी ये मुद्दा छा गया है. झारखंड में भाजपा की नीति सिद्धांतों का विरोध करने वाले सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने भी देश में समान नागरिक कानून लागू करने के प्रयासों को विभाजनकारी करार दिया है.

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यूसीसी देश के लिए विभाजनकारी- झामुमो: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और शिबू सोरेन परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले सुप्रियो भट्टाचार्य ने यूसीसी लागू करने के मोदी सरकार के प्रयासों को विभाजनकारी बताते हुए कहा कि देश इसे स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार का सिर्फ चुनावी एजेंडा भर है और बेहद गंभीर मुद्दा भी है. उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता यूसीसी की बात करते हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि आदिवासी समुदाय जिनके जीवन में प्राचीन काल से चले आ रहे रीति रिवाजों का खास महत्व है, उसे लेकर उनकी सोच क्या है.

संविधान से मिले प्रोटेक्शन को कैसे चेंज करेंगे: जनजातीय समुदायों के रीति रिवाजों को संविधान के आर्टिकल 5 और आर्टिकल 6 का जिक्र करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान से उसे प्रोटेक्शन मिला हुआ है, उसे कैसे चेंज करेंगे? झामुमो नेता ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड से सिर्फ विभाजन होगा, क्या आदिवासी और मूलवासियों को बाहर निकाल दिया जाएगा, यह आज एक बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि ट्राइबल सोसाइटी को लेकर भाजपा की सोच क्या है, यह उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए. सरना धर्म कोड का क्या हुआ, यह बताना चाहिए. झामुमो नेता ने कहा कि यूसीसी एक मनुवादी सोच भर है और देश उसे स्वीकार नहीं करेगा.

भारत विविधताओं में एकता वाला देश है-राजद: यूसीसी पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने बहुत सोच समझ कर संविधान की रचना की थी. उन्होंने सभी धर्म और पंथ के लोगों को अपने-अपने तरीके से रहने की आजादी दी थी. अब पीएम मोदी की सोच क्या है, यह तो वहीं जानते हैं, लेकिन राजद की राय में सबके लिए एक कानून सही नहीं है.

यूसीसी की बात मतलब कहीं चुनाव होनेवाला है-कांग्रेस: केंद्र की सरकार द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने के प्रयासों को चुनावी लाभ लेने की भाजपा की कोशिश करार देते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि जब मणिपुर जल रहा था, तब प्रधानमंत्री अपना बूथ मजबूत कर रहे थे और गृहमंत्री का कहीं अता पता नहीं था. ऐसे में जब भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात अपने कार्यकर्ताओं से कही, तब देशवासी समझ गए कि कहीं ना कहीं चुनाव होने वाला है. राकेश सिन्हा ने कहा कि अभी यूसीसी को लेकर देशवासियों से राय मांगी गई है. उन्होंने कहा कि राय आने दीजिए कांग्रेस सही समय पर अपनी बात देश की जनता के सामने रख देगी.

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