रांची: झारखंड में कोरोना के बढ़ रहे केस को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूल कॉलेज बंद करने सहित कई पाबंदियां लगाई है. राज्य सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक दलों ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सरकार में शामिल कांग्रेस ने इसकी जहां सराहना की है. वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि पाबंदी के बजाय सरकार को वैक्सीनेशन पर जोर देना चाहिए था मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
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कांग्रेस ने सराहा
राज्य सरकार द्वारा पाबंदी लगाये जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने इसकी सराहना करते हुए कहा है कि इस फैसले से किसी तरह का पैनिक होने की बात नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जीवन भी चले और जीविका भी चले इसी सोच के साथ सरकरा ने फैसला लिया है.
भाजपा ने कुछ इस तरह की आलोचना
इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि केवल पाबंदी ही नही, राज्य सरकार को बचाव की तैयारी पर श्वेतपत्र भी जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन द्वारा केवल कुछ पाबंदियों से कोरोना का समाधान नहीं बल्कि स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी लहर में राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं लोगों को डराने वाली रही है. पहली और दूसरी लहर में पाबंदियों के बावजूद संक्रमण बढ़ता गया था और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में कमी के कारण ही अधिकांश जानें गई थी. आज भी सरकार संक्रमण पर गंभीर नहीं दिख रही.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि सरकार ने केवल पाबंदी पर फैसला लिया और टीकाकरण पर गंभीरता नहीं दिखाई है. उन्होंने कहा कि टीका के दोनों डोज लेने वालों पर संक्रमण का असर कम हो रहा है. इस बात को मेडिकल साइंस भी मान रही है. इसके बाबजूद सरकार टीकाकरण में उदासीन है.