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छठी जेपीएससी गड़बड़ी के लिए दोष मढ़ने में जुटा झामुमो-बीजेपी

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Published : Feb 24, 2022, 5:16 PM IST

Updated : Feb 24, 2022, 7:02 PM IST

छठी जेपीएससी रिजल्ट को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने के बाद छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करनेवाले जेपीएससी के दोषी अधिकारियों पर कारवाई की मांग तेज हो गई है.

political Reaction on Jharkhand High Court decision on 6th JPSC Result
political Reaction on Jharkhand High Court decision on 6th JPSC Result

रांची: छठी जेपीएससी रिजल्ट को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने के बाद एक बार फिर झारखंड लोक सेवा आयोग की कारगुजारी सामने आई है. जेपीएससी के द्वारा की गई गड़बड़ी से एक बार फिर छात्रों का भविष्य दांव पर है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले जेपीएससी के दोषी अधिकारियों पर कारवाई की मांग तेज हो गई है.

ये भी पढ़ें- छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणाम रद्द, जानिए हाई कोर्ट के फैसले पर किसने क्या कहा

हाई कोर्ट के सिंगल बेंच द्वारा दिये गये आदेश में सरकार को इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों को चिंहित कर कार्रवाई करने को कहा गया था, इसके बाबजूद सरकार ने अब तक कार्रवाई के नाम पर आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटाकर खानापूर्ति करने का काम किया है. इधर, हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. वर्तमान सरकार के कामकाज को लेकर हाई कोर्ट की आ रही टिप्पणी पर जहां विपक्ष हमलावर हो गया है, वहीं सत्तारूढ़ दल झामुमो सफाई देने में जुटा है.

बीजेपी और जेएमएम नेता का बयान

झामुमो नेता मनोज पांडे ने छठी जेपीएससी रिज्लट में हुई गड़बड़ी के लिए पिछली सरकार पर दोष मढ़ते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार ने भले ही नियुक्ति करने का काम किया है, लेकिन सभी प्रक्रिया पिछली सरकार में हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर समुचित कार्रवाई जरुर करेगी. वहीं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पूरे गड़बड़ी के लिए वर्तमान सरकार दोषी है. उन्होंने सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर हेमंत सरकार ने दोषी अधिकारी पर कार्रवाई अब तक क्यों नहीं की, जबकि हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने इस मामले में आदेश दिया था.

हाई कोर्ट ने निरस्त करने का दिया है आदेश: मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने वुधवार को एतिहासिक फैसला सुनाते हुए पूर्व में दिये गये सिंगल बेंच के फैसले को सही बताते हुए छठी जेपीएससी रिजल्ट को निरस्त करने का फैसला सुनाया. हाई कोर्ट के इस फैसले से छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए नियुक्त 326 अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने हालांकि यह भी कहा है कि आयोग फिर से मेरिट लिस्ट जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया को फिर से शुरु कर सकती है.

ये भी पढ़ें- छठी जेपीएससी के सफल अभ्यर्थी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, डबल बेंच ने भी रिजल्ट को किया खारिज

गौरतलब है कि आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा के पेपर वन हिंदी और अंग्रेजी का क्वालिफाई मार्क्स के बदले फूल मार्क्स को प्राप्तांक में जोड़कर रिजल्ट घोषित किया था. जिसके खिलाफ छात्रों द्वारा हाईकोर्ट में केस फाइल किया गया था. हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने छात्रों की अपील को सही मानते हुए जेपीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था. सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ सफल अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट के डबल बेंच में अपील की थी.

रांची: छठी जेपीएससी रिजल्ट को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने के बाद एक बार फिर झारखंड लोक सेवा आयोग की कारगुजारी सामने आई है. जेपीएससी के द्वारा की गई गड़बड़ी से एक बार फिर छात्रों का भविष्य दांव पर है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले जेपीएससी के दोषी अधिकारियों पर कारवाई की मांग तेज हो गई है.

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हाई कोर्ट के सिंगल बेंच द्वारा दिये गये आदेश में सरकार को इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों को चिंहित कर कार्रवाई करने को कहा गया था, इसके बाबजूद सरकार ने अब तक कार्रवाई के नाम पर आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटाकर खानापूर्ति करने का काम किया है. इधर, हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. वर्तमान सरकार के कामकाज को लेकर हाई कोर्ट की आ रही टिप्पणी पर जहां विपक्ष हमलावर हो गया है, वहीं सत्तारूढ़ दल झामुमो सफाई देने में जुटा है.

बीजेपी और जेएमएम नेता का बयान

झामुमो नेता मनोज पांडे ने छठी जेपीएससी रिज्लट में हुई गड़बड़ी के लिए पिछली सरकार पर दोष मढ़ते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार ने भले ही नियुक्ति करने का काम किया है, लेकिन सभी प्रक्रिया पिछली सरकार में हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर समुचित कार्रवाई जरुर करेगी. वहीं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पूरे गड़बड़ी के लिए वर्तमान सरकार दोषी है. उन्होंने सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर हेमंत सरकार ने दोषी अधिकारी पर कार्रवाई अब तक क्यों नहीं की, जबकि हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने इस मामले में आदेश दिया था.

हाई कोर्ट ने निरस्त करने का दिया है आदेश: मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने वुधवार को एतिहासिक फैसला सुनाते हुए पूर्व में दिये गये सिंगल बेंच के फैसले को सही बताते हुए छठी जेपीएससी रिजल्ट को निरस्त करने का फैसला सुनाया. हाई कोर्ट के इस फैसले से छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए नियुक्त 326 अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने हालांकि यह भी कहा है कि आयोग फिर से मेरिट लिस्ट जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया को फिर से शुरु कर सकती है.

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गौरतलब है कि आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा के पेपर वन हिंदी और अंग्रेजी का क्वालिफाई मार्क्स के बदले फूल मार्क्स को प्राप्तांक में जोड़कर रिजल्ट घोषित किया था. जिसके खिलाफ छात्रों द्वारा हाईकोर्ट में केस फाइल किया गया था. हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने छात्रों की अपील को सही मानते हुए जेपीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था. सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ सफल अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट के डबल बेंच में अपील की थी.

Last Updated : Feb 24, 2022, 7:02 PM IST
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