रांची: हेमंत सरकार को लेकर इन दिनों झारखंड की राजनीति में कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. राज्यपाल रमेश बैस का दिल्ली में पीएम और गृहमंत्री से मुलाकात को भी इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है. फिलहाल दिल्ली से राज्यपाल रमेश बैस रांची लौट चुके हैं और शुक्रवार को शाम रायपुर जानेवाले हैं. मगर सरकार के अस्तित्व को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.
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विपक्षी दल बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर खनिज लीज मामले में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहा है. पूर्व विधायक और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी के अनुसार मुख्यमंत्री पर जिस तरह से गंभीर आरोप लगे हैं वो बेहद ही गंभीर हैं. यही वजह है कि राज्यपाल रमेश बैस को केन्द्र को वर्तमान परिस्थिति से अवगत कराना पड़ा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस पर सरकार के द्वारा भेजे गये रिपोर्ट पर फैसला लेगी उसका इंतजार करना होगा.
इधर, सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस ने बीजेपी पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए सरकार पर कोई खतरा होने से इनकार किया है. कांग्रेस नेता राजीव रंजन ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि मुंगेरी लाल के हसीन सपने बीजेपी भले ही लाख देख ले मगर जमीन पर यह उतरने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल केन्द्र को रिपोर्ट भेजते रहते हैं जो एक रुटीन प्रक्रिया है. इसे बीजेपी अफवाह फैलाकर सरकार को अस्थिर करना चाहती है, जो संभव नहीं है.
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क्या है मामला: पूर्व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व में 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर भाजपा नेताओं के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अनगड़ा पत्थर खदान लीज मामले में राजभवन द्वारा भेजे गये दस्तावेज के बारे में राज्य सरकार से जवाब मांगा था.