रांची: श्रीवास्तव गिरोह के सरगना अमन श्रीवास्तव को सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद झारखंड एटीएस, सीआईडी और एसआईबी एक साथ मिलकर अब दूसरे संगठित आपराधिक गिरोह पर नकेल कसने की प्लानिंग पर काम कर रहे हैं. इसके लिए बकायदा एक पूरी लिस्ट तैयार की गई है, जिनमें झारखंड के टॉप 10 संगठित आपराधिक गिरोहों के प्रमुख चेहरों को शामिल किया गया है. अब कोशिश यह है कि लिस्ट में शामिल हर अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाए.
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डीजीपी भी है रेस: झारखंड के नए डीजीपी अजय सिंह संगठित आपराधिक गिरोहों को नेस्तनाबूद करने लिए खुद भी रेस है. यही वजह है कि झारखंड में सक्रिय बड़े आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने के लिए पुलिस अपने प्लान पर काम करना शुरू कर चुकी है. इसमें पहली सफलता अमन श्रीवास्तव के रूप में पुलिस को मिल चुकी है.
इस बार झारखंड पुलिस एक साथ कई मोर्चे पर काम कर रही है, मसलन जो कुख्यात अपराधी झारखंड के बाहर पनाह लिए हुए हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए एक अलग स्पेशल टीम का गठन किया गया है. वहीं दूसरी तरफ राज्य के अंदर काम करने के लिए भी एक अलग टीम का गठन किया गया है. यह टीम संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों के साथ-साथ उनके पैरवीकार, सलाहकार और जमानतदार तक पर नजर रखे हुए हैं.
एटीएस को दी गई है जिम्मेदारी: झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर्स या तो जेल में रह कर अपने गिरोह का संचालन कर रहे या तो फिर झारखंड के बाहर से, कुछ अपराधी तो देश के बाहर से भी झारखंड में अपने गैंग को ऑपरेट कर रहे है. लेकिन अब ऐसे गैंग्स के मुश्किलों भरा समय आने वाला है, क्योंकि झारखंड पुलिस संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. इसके लिए एटीएस में ही एक स्पेसल सेल का गठन किया गया है. तीन आईपीएस रैंक के अधिकारी इस सेल को लीड कर रहे जबकि पुलिस मुख्यालय एडीजी और आईजी रैंक के अधिकारी पूरे सेल की मॉनिटरिंग कर रहे है.
कौन कौन से गैंग हैं रडार पर: झारखंड में फिलहाल आठ से दस संगठित आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं, जिनमें से अधिकांश के गैंग लीडर जेल में बंद हैं, कुछ फरार हैं जबकि कुछ के गैंगवार में मारे जाने के बाद भी उनके परिवार के सदस्य या फिर उनके बेहद करीबी रहे गिरोह का संचालन कर रहे हैं. जो प्रमुख गैंगस्टर्स सलाखों के पीछे हैं, उनमें प्रमुख रूप से डॉन अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अमन साव, अमन सिंह और अनिल शर्मा, अमन श्रीवास्तव शामिल है. ये सभी राज्य के अलग अलग जेलों में बंद हैं.
वहीं कुख्यात गैंगस्टर भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव दोनों ही गैंगवार में मारे गए हैं, लेकिन दोनों के ही गैंग राज्य में बेहद सक्रिय हैं. इस समय भोला पांडेय गिरोह को विकाश पांडेय संभाल रहा है, वहीं सुशील श्रीवास्तव गैंग को उसका बेटा अमन श्रीवास्तव संभाल रहा था लेकिन इसी महीने उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
कई गैंग्स के मुखिया के साथ पुलिस की आंख मिचौली: वहीं कई ऐसे गैंग्स भी हैं, जिनके मुखिया और पुलिस के बीच लगातार आंख मिचौली चल रही है. उनमें प्रमुख नाम डब्ल्यू सिंह उर्फ गौतम सिंह का है. डब्लू सिंह को पलामू में आतंक का रूप में जाना जाता है. दूसरे नबंर पर गैंग्स ऑफ वासेपुर का प्रिंस खान है, प्रिंस खान फिलहाल दुबई में है और वहीं से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है. इसके अलावा युपी के अमन सिंह का गैंग भी झारखंज में बेहद सक्रिय है. हाल के दिनों में राजधानी से बीड़ी जैसे कुख्यात अपराधी भी सामने आए हैं, इनके पीछे भी पुलिस लगी हुई है.
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सदस्यों की जानकारी जुटा रहा स्पेशल सेल: स्पेशल सेल के अफसर सभी गैंग्स मेंबर, उनके करीबियों, उनको पनाह देने वाले, उनके जमानतदार, उनकी अकूत संपत्ति का निवेश करने वाले तक की सूची तैयार कर चुके हैं. साथ ही किस गैंग के कौन से सदस्य जेल में है, कौन जमानत पर हैं और कौन फरार हैं, इसकी भी सूची तैयार की गई है.
इन अपराधियों की है तलाश: श्रीवास्तव गिरोह का सरदार सिंह, गैंग्स्टर डब्ल्यू सिंह उर्फ गौतम सिंह, मोहम्मद उर्फ नेपाली जहीर और फिरोज खान. गैंग्स्टर अमन साहू गिरोह के पंकज करमाली उर्फ खटिया, सुनील पासी, दुर्गा महतो उर्फ रॉकी और कालू बंगाली. अमन सिंह गिरोह के आशीष रंजन सिंह, राहुल नोनिया, सतीश महतो और शेख मोहम्मद. भोला पांडेय गिरोह के विकास साहू, बबलू ठाकुर, सुमन कुमार सिंह, प्रेम प्रकाश पांडे, संजीत नियोगी और अभिमन्यु मिश्रा की तलाश की जा रही है.
क्या कहते हैं एडीजी अभियान : झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान के अनुसार, संगठित आपराधिक गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया गया है. स्पेशल सेल राज्य के बाहर और अंदर दोनो ही जगह छिपे कुख्यात अपराधियों पर भी कार्रवाई कर रही है. अपराधियों की धर पकड़ के लिए एटीएस की भी मदद ली जा रही है, साथ ही सीआईडी से भी इस मामले में भरपूर मदद मिल रही है. स्पेशल टीम के इनपुट पर कई अपराधियों को दबोचा भी गया, जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा.