रांची: रिम्स अस्पताल से पीजी कर रहे डॉक्टर मदन की मौत मामले में परिजनों के बयान पर रांची के बरियातू थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. डॉ मदन के पिता ने अपने बेटे के मौत को संदेहास्पद मानते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
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तमिलनाडु के रहने वाले डॉक्टर मदन के पिता शुक्रवार की सुबह रांची पहुंचे. इसके बाद उन्होंने रांची के बरियातू थाने में अपने बेटे के संदेहास्पद मौत को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई. पिता के बयान पर एफआईआर में 302 की धारा जोड़ी गई है. मामले को लेकर बरियातू थाने में केस नंबर 344/23 दर्ज किया गया है. अपने आवेदन में डॉक्टर मदन के पिता मदीअलागन ने लिखा है कि उनका बेटा ऐसी मौत नहीं मर सकता है, उनके बेटे की मौत में किसी साजिश का अंदेशा लग रहा है ऐसे में उनके बेटे की मौत की उच्च स्तरीय जांच की जाए.
मेरा बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता: डॉ मदन की मौत की खबर सुनकर शुक्रवार को उनके पिता मदीअलागन और मामा रांची पहुंचे. राजभवन की तरफ से डॉ मदन के पिता को वाहन उपलब्ध करवाया गया था, उसी वाहन से वे सबसे पहले बरियातू थाना पहुंचे, जिसके बाद उन्हें रिम्स के मोर्चरी में रखे गए डॉ मदन का शव दिखाया गया. अपने इकलौते बेटे का शव देखकर पिता मदीअलागन बेसुध हो गए, वे लगातार रोए जा रहे थे. पिता का मानना था कि उनका बेटा इतनी भयानक मौत कैसे मर सकता है. डॉ मदन के पिता हॉस्टल नंबर 5 के कमरा नंबर 79 भी गए. उसी कमरे में डॉ मदन दो सालों से रह रहे थे. कमरे के अंदर जाते ही डॉक्टर मदन के पिता फफक-फफक कर रोने लगे. अपने बेटे के कमरे में पड़े उसके समान को गले लगा कर वह काफी देर तक रोते रहे साथ पहुंचे रिश्तेदारों ने उन्हें दिलाशा दिया और कमरे से बाहर निकाला.
विसरा को रखा गया है सुरक्षित: मामले की गंभीरता को देखते हुए बरियातू पुलिस के द्वारा रिम्स को यह लिखित निर्देश दिया गया है कि वह पोस्टमार्टम के बाद विसरा, हार्ट ब्लड पंक्चर और बोन सीरम के अलावा बर्न क्लॉथ ऑफ बॉडी को सुरक्षित रखे. ताकि मामले के उच्च स्तरीय जांच में किसी भी तरह के तथ्य की कमी ना हो.
मामले में जांच जारी है: वहीं दूसरी तरफ एफआईआर दर्ज कर बरियातू पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है. सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि डॉक्टर मदन के परिजनों के बयान पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने मौके से जो भी एविडेंस जुटाए हैं उनका गहन अध्ययन किया जा रहा है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
गौरतलब है कि गुरुवार की सुबह: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के पीजी के छात्र मदन कुमार एम का शव जले हुए अवस्था में रिम्स के हॉस्टल नंबर 5 से मिला था. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि आग लगने के बाद वह तीसरे माले से नीचे कूद गए थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. डॉ मदन ने तमिलनाडु से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी, उसके बाद वह पीजी करने के लिए रांची के रिम्स अस्पताल आ गए थे.
कमरे में मिला दो लोगों के पैरों का निशान तो हो सकता है हत्या: हॉस्टल नंबर पांच की छत में मोबिल लगे कदमों का निशान मिले हैं. पुलिस एफएसएल से इसकी जांच करा रही है. पुलिस का कहना है कि अगर मृतक मदन के अलावा अन्य किसी के कदमों का निशान जांच में पाए गए तो यह मामला हत्या से जुड़ा हो सकता है. वैसे पुलिस को घटना स्थल से न तो पेट्रोलियम पदार्थ का बोतल मिला है और न ही कोई डिब्बा.
5.40 बजे हुई जोरदार आवाज, उस वक्त जल रहा था शव: हॉस्टल में रह रहे छात्रों से पूछताछ में पता चला कि गुरुवार सुबह 5.40 बजे हॉस्टल परिसर में जोरदार आवाज हुई. कुछ देर तक कोई नहीं निकला. दस मिनट के बाद जब कुछ छात्र अपने कमरे में बाहर निकले तो देखा कि हॉस्टल के पीछे साइड में एक युवक जलकर पड़ा है. उसके शरीर जल रहा था. इसकी सूचना के बाद बरियातू पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने शव में लगे आग को बुझाया. उस वक्त तक मदन के शरीर के कपड़े के अलावा पैर और अन्य अंग जल चुके थे और शरीर काला पड़ चुका था.