रांची: झारखंड पुलिस पर हर वक्त सवाल उठते रहे हों, लेकिन उनके अपने दुखदर्द हैं जिन्हें वे ठीक से बयां भी नहीं कर पाते हैं. अपराधियों से दो-दो हाथ करनेवाले पुलिस के अधिकारियों को वर्दी भत्ता भी नहीं मिल रहा है. महज एक हजार हर साल मिलनेवाला वर्दी भत्ता भी सरकार लंबे समय से नहीं दे पा रही है. वीआईपी मूवमेंट के साथ ड्यूटी करना हो या स्पेशल ब्रांच में रहकर महत्वपूर्ण काम करना हो, इन पदाधिकारियों को वर्दी भत्ता नहीं मिल रहा है. डीएसपी को एक हजार और दारोगा को 4500 रुपये वर्दी भत्ता प्रतिवर्ष देने का प्रावधान है. स्पेशल ब्रांच की हालत और भी खराब है. स्पेशल ब्रांच के पदाधिकारियों को वर्दी भत्ता लंबे समय से नहीं मिल रहा है, जिसको लेकर एडीजी को पत्र भी लिखा गया है.
इसे भी पढे़ं: मॉब लिंचिंग पर रोकथाम के लिए रांची पुलिस ने जारी किया ऑडियो संदेश, कानून को हाथ में नहीं लेने की अपील
बिहार में 2017 से है नई वर्दी भत्ता
- बिहार आरक्षी सेवा के पदाधिकारी को 12000 प्रतिवर्ष
- सहायक अवर निरीक्षक से आरक्षी निरीक्षक तक 11000 प्रतिवर्ष
- हवलदार/सिपाही को 10000 प्रतिवर्ष
मंत्री ने दिया एरियर के साथ वर्दी भत्ता देने का आश्वासन
झारखंड अवर सेवा से सेवानिवृत्त पदाधिकारी पीएन सिंह ने चिंता जताते हुए कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग की बात भले ही हम कर लें, लेकिन पुलिस को चुस्त दुरुस्त रखने में सहायक वर्दी भत्ता भी नहीं मिले तो क्या कहेंगे. उन्होंने बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी वर्दी भत्ता देने की मांग की है. इधर वर्दी भत्ता को लेकर विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि यह एक गंभीर मामला है. इसको लेकर वो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखेंगे. वहीं राज्य सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा है कि कोविड काल में कई भत्ता नहीं मिल रहे थे, अगर इस तरह के मामले हैं तो इसे सुलझा लिया जाएगा और एरियर के साथ डीएसपी को वर्दी भत्ता मिलेगा.
इसे भी पढे़ं: लातेहारः एक गांव ऐसा है जहां नहीं होता पलायन, जानिए वजह
पुलिस में वर्दी का खास महत्व
पुलिस सेवा में वर्दी का खास महत्व है. यही वजह है कि इसकी साफ-सफाई के लिए भी विशेष भत्ते छोटे से बड़े पदाधिकारियों को दी जाती है, लेकिन इसे विभागीय उदासीनता कहें या कोई मजबूरी, जिसके कारण एक हजार रुपया वार्षिक भी सरकार समय पर नहीं दे पा रही है.