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बैंकों की लापरवाही से साइबर अपराधियों की बल्ले-बल्ले, स्पेशल-18 टीम परेशान

रांची में साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) पर नकेल कसने के लिए स्पेशल-18 टीम (Special-18 Team) बनाई गई है, लेकिन बैंक कर्मियों के लापरवाही की वजह से स्पेशल टीम को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस को साइबर अपराध के मामले में बैंकों से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है, जिसके कारण लंबित मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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साइबर अपराध
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Published : Jun 30, 2021, 1:08 AM IST

Updated : Jun 30, 2021, 1:30 AM IST

रांची: राजधानी रांची में साइबर मामलों (Cyber Crime) को सुलझाने के लिए बनाई गई स्पेशल-18 टीम (Special-18 Team) इन दिनों परेशान है. रांची के सिटी एसपी ने रांची के अलग-अलग थानों में दर्ज साइबर मामलों को सुलझाने के लिए 18 पुलिस अफसरों की एक टीम बनाई थी, ताकि साइबर अपराधियों पर नकेल कसा जा सके, लेकिन बैंक कर्मियों के लापरवाही की वजह से स्पेशल टीम को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें: सावधानः रांची में एटीएम बदलकर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय, जानें कैसे बचें ऐसे साइबर अपराधियों से


क्या है पूरा मामला
रांची पुलिस को साइबर अपराध के मामले में बैंकों से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. जरूरी सहयोग नहीं मिलने की वजह से पुलिस को इस संबंध में दर्ज दर्जनों मामले में साइबर अपराधियों का पता नहीं चल पा रहा है. बैंक न तो पुलिस को अवैध निकासी किए गए खातों की जानकारी उलब्ध करा रही है और न ही एटीएम का सीसीटीवी फुटेज. यहां तक कि लोन फ्रॉड के मामलों में भी बैंक ब्योरा उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रही है. इस कारण पिछले कई महीने से ठगी के दर्ज मामलों में आगे की कार्रवाई सुस्त पड़ गई है. ऐसा होने से जहां एक ओर मामले के अनुसंधान करने में परेशानी बढ़ गई है. वहीं दूसरी ओर साइबर ठगी के शिकार लोग न्याय नहीं मिलने से हताश हो गए हैं.

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जागते रहो



200 से अधिक मामले लंबित
रांची के साइबर थाने में दो सौ से अधिक मामले बैंक का ब्योरा नहीं मिलने के वजह से लंबित है. रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर अपराधी विभिन्न बैंको से लाखों रुपये का निकासी कर चुके हैं, ऐसे मामले में जिस बैंक से निकासी हुई है, उसके रांची स्थित अंचल कार्यालय से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि रांची के किसी व्यक्ति के खाते से धोखाधड़ी कर अगर कोई साइबर अपराधी महाराष्ट्र के किसी बैंक के जरिए रुपये निकासी करता है, तो उससे संबंधित ब्योरा उसी बैंक के रांची अंचल कार्यालय से पुलिस को सुगमता से उपलब्ध नहीं हो रहा है, बैंक इस मामले पुलिस का सहयोग नहीं कर रहा है.

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यहां करें शिकायत

इसे भी पढ़ें: हाईटेक क्रिमिनल पुलिस के लिए सिर दर्द, इंटरनेट से बुनते हैं 'मायाजाल'

बैंक से नहीं मिल रहा पुलिस को सहयोग

सिटी एसपी ने कहा, कि बैंकों को पत्राचार करने पर बताया जाता है, कि रुपये की निकासी किसी राज्य के जिस बैंक से हुई है, वहां से उसका ब्योरा ले लें, ऑनलाइन व्यवस्था के तहत रांची स्थित उस बैंक के कर्मचारियों को संबंधित ब्योरा उपलब्ध कराने में परेशानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन व्यवहार तौर साइबर ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने में बैंक अहम भूमिका नहीं निभा रही है, जिसके कारण लंबित मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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साइबर ठगी से बचने के उपाय



ठेका कंपनी से सीसीटीवी फुटेज
सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर ठगों के ओर से रुपये निकासी किए जाने का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके कारण रुपये निकासी करने वाले ठग या साइबर अपराध से जुड़े संगठित गिरोह के सदस्य के हुलिया का भी पता नहीं चल पा रहा है.


इसे भी पढ़ें: ATM बदल कर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय, जानें इन शातिर ठगों से बचने के उपाय


स्पेशल टीम के काम पर असर
बैंक अफसरों के लापरवाही के वजह से साइबर मामले में पेंडिंग केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्पेशल टीम को अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाने के कारण जांच की रफ्तार बेहद धीमी है.


नोडल अधिकारी करें नियुक्त
रांची के सिटी एसपी ने खुद पहल करते हुए एक सप्ताह पहले ही बैंक अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी, जिसमें बैंक अधिकारियों ने यह पहल की, थी कि वह साइबर अपराध से जुड़े सभी मामलों में पुलिस की मदद करेंगे, लेकिन नतीजा सिफर रहा. ऐसे में सिटी एसपी ने एक बार फिर से बैंकों को पत्र लिखा है. पत्र में यह लिखा गया है, कि बैंक एक नोडल अफसर नियुक्त करें, ताकि पुलिस उससे पत्रचार कर मामले की पूरी जानकारी हासिल कर सके. बैंक अफसरों ने इस बार भी आश्वासन दिया कि वे इस दिशा में जल्द कार्रवाई करेंगे.

रांची: राजधानी रांची में साइबर मामलों (Cyber Crime) को सुलझाने के लिए बनाई गई स्पेशल-18 टीम (Special-18 Team) इन दिनों परेशान है. रांची के सिटी एसपी ने रांची के अलग-अलग थानों में दर्ज साइबर मामलों को सुलझाने के लिए 18 पुलिस अफसरों की एक टीम बनाई थी, ताकि साइबर अपराधियों पर नकेल कसा जा सके, लेकिन बैंक कर्मियों के लापरवाही की वजह से स्पेशल टीम को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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क्या है पूरा मामला
रांची पुलिस को साइबर अपराध के मामले में बैंकों से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. जरूरी सहयोग नहीं मिलने की वजह से पुलिस को इस संबंध में दर्ज दर्जनों मामले में साइबर अपराधियों का पता नहीं चल पा रहा है. बैंक न तो पुलिस को अवैध निकासी किए गए खातों की जानकारी उलब्ध करा रही है और न ही एटीएम का सीसीटीवी फुटेज. यहां तक कि लोन फ्रॉड के मामलों में भी बैंक ब्योरा उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रही है. इस कारण पिछले कई महीने से ठगी के दर्ज मामलों में आगे की कार्रवाई सुस्त पड़ गई है. ऐसा होने से जहां एक ओर मामले के अनुसंधान करने में परेशानी बढ़ गई है. वहीं दूसरी ओर साइबर ठगी के शिकार लोग न्याय नहीं मिलने से हताश हो गए हैं.

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200 से अधिक मामले लंबित
रांची के साइबर थाने में दो सौ से अधिक मामले बैंक का ब्योरा नहीं मिलने के वजह से लंबित है. रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर अपराधी विभिन्न बैंको से लाखों रुपये का निकासी कर चुके हैं, ऐसे मामले में जिस बैंक से निकासी हुई है, उसके रांची स्थित अंचल कार्यालय से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि रांची के किसी व्यक्ति के खाते से धोखाधड़ी कर अगर कोई साइबर अपराधी महाराष्ट्र के किसी बैंक के जरिए रुपये निकासी करता है, तो उससे संबंधित ब्योरा उसी बैंक के रांची अंचल कार्यालय से पुलिस को सुगमता से उपलब्ध नहीं हो रहा है, बैंक इस मामले पुलिस का सहयोग नहीं कर रहा है.

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सिटी एसपी ने कहा, कि बैंकों को पत्राचार करने पर बताया जाता है, कि रुपये की निकासी किसी राज्य के जिस बैंक से हुई है, वहां से उसका ब्योरा ले लें, ऑनलाइन व्यवस्था के तहत रांची स्थित उस बैंक के कर्मचारियों को संबंधित ब्योरा उपलब्ध कराने में परेशानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन व्यवहार तौर साइबर ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने में बैंक अहम भूमिका नहीं निभा रही है, जिसके कारण लंबित मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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साइबर ठगी से बचने के उपाय



ठेका कंपनी से सीसीटीवी फुटेज
सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर ठगों के ओर से रुपये निकासी किए जाने का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके कारण रुपये निकासी करने वाले ठग या साइबर अपराध से जुड़े संगठित गिरोह के सदस्य के हुलिया का भी पता नहीं चल पा रहा है.


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नोडल अधिकारी करें नियुक्त
रांची के सिटी एसपी ने खुद पहल करते हुए एक सप्ताह पहले ही बैंक अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी, जिसमें बैंक अधिकारियों ने यह पहल की, थी कि वह साइबर अपराध से जुड़े सभी मामलों में पुलिस की मदद करेंगे, लेकिन नतीजा सिफर रहा. ऐसे में सिटी एसपी ने एक बार फिर से बैंकों को पत्र लिखा है. पत्र में यह लिखा गया है, कि बैंक एक नोडल अफसर नियुक्त करें, ताकि पुलिस उससे पत्रचार कर मामले की पूरी जानकारी हासिल कर सके. बैंक अफसरों ने इस बार भी आश्वासन दिया कि वे इस दिशा में जल्द कार्रवाई करेंगे.

Last Updated : Jun 30, 2021, 1:30 AM IST
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