रांची: राजधानी रांची में बीट पुलिसिंग को कामयाब बनाने के लिए अब चौक चौराहों पर पुलिस सहायता केंद्र खोले जा रहे हैं. इस पुलिस सहायता केंद्र में सब इंस्पेक्टर स्तर का एक अधिकारी आमलोगों की समस्या के समाधान के लिए 24 घंटे तैनात रहेगा. पुलिस सहायता केंद्र की शुरुआत रांची के सहजानंद चौक से की गई है.
पहला सहायता केंद्र खुला
रांची के सहजानंद चौक के समीप बुधवार को पुलिस सहायता केंद्र का उद्घाटन किया गया. रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने पुलिस सहायता केंद्र का उद्घाटन किया.
यह पुलिस सहायता केंद्र अपराधियों पर पैनी नजर रखने के लिए बनाया गया है, जहां से बीट पुलिसिंग को मजबूत करने का काम किया जाएगा इसके अलावा अपराधियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी.
रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि पुलिस सहायता केंद्र में सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे और इसकी निगरानी उस क्षेत्र के थाना प्रभारी करेंगे.
यह भी पढ़ेंः 17 दिसंबर से टाटा स्टील टूर चैंपियनशिप, डेढ़ करोड़ के लिए 125 गोल्फर लगाएंगे जोर
सीनियर एसपी के अनुसार बीट पुलिसिंग को नए कलेवर के साथ लॉन्च किया जा रहा है. पुलिस सहायता केंद्र में लोगों को थाना जाने से पहले ही उचित सहायता मिलेगी. इसके अलावा भविष्य में ऐसे 45 और पुलिस सहायता केंद्र शहर में खुलने वाले हैं जिसके बाद थाना पर दबाव काफी कम होगा और पुलिसिंग स्मूथ होगा.
पुलिसवालों को भी मिलेगी राहत
अक्सर चौक चौराहों पर जाड़ा ,बरसात और भीषण गर्मी के दौरान पुलिस के जवानों और अधिकारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह पुलिस सहायता केंद्र पुलिस वालों के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है.
रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि पुलिस सहायता केंद्र में को बनाने में जिस मटेरियल का प्रयोग किया गया है वह बेहद उच्च तकनीक का है. इसमें ठंड के दिनों में कम ठंड और गर्मी में कम गर्म रहता है.
इसके अलावा सैंडविच मटेरियल के वजह से आंधी तूफान में भी यह पुलिस सहायता केंद्र सुरक्षित रहेगा. कोरोना संक्रमण की वजह से राजधानी रांची में बीट पुलिसिंग का काम बेहद प्रभावित हुआ था. बीट पुलिसिंग के जरिए राजधानी किराएदार वेरिफिकेशन, पासपोर्ट वेरीफिकेशन के साथ-साथ गली मोहल्लों में होने वाले छोटे-मोटे मामलों को सुलझाया जाते थे.
अब बीट पुलिसिंग में तैनात सब इंस्पेक्टर 12 घंटे की ड्यूटी के दौरान सहायता केंद्र में ही मौजूद रहेंगे ,जबकि बाकी दूसरे बीट पुलिस में लगे पुलिसकर्मी मोहल्लों में लगातार एक्टिव रहेंगे. इस दौरान जरूरत के अनुसार आम लोग भी पुलिस सहायता केंद्र पहुंचकर मौजूद अधिकारी को अपनी समस्या बता सकते हैं.