रांचीः राजधानी रांची में कोरोना की जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में नया तथ्य सामने आया है. सीआईडी ने इस मामले में हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेटर मनीष सिन्हा को हिरासत में लिया है. जांच के संबंध में सीआईडी के अधिकारी कुछ कहने से फिलहाल बच रहे, लेकिन जानकारी के मुताबिक, मनीष सिन्हा द्वारा अस्पताल में भर्ती मरीजों के नाम पर स्वास्थ्य विभाग से रेमडेसिविर मंगवायी जाती थी.
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इसके बाद इसे अरगोड़ा के दवा दुकानदार राकेश रंजन को दिया जाता था. जहां से राजीव सिंह इस दवा को लेकर बाहर बेचता था. सीआईडी सूत्रों के मुताबिक, रेमडेसिविर मंगवाने के लिए दवा दुकानदार पर राजीव सिंह द्वारा दबाव डाले जाने की बात भी सामने आयी है.
सीआईडी को मिले सारे लिंक
28 अप्रैल को रांची में रेमेडसिविर की कालाबाजारी से जुड़ा मामला सामने आया था, जिसके बाद रांची पुलिस ने राजीव सिंह को हिरासत में ले लिया था. 29 अप्रैल को सीआईडी ने इस केस को टेकओवर कर लिया था. केस टेकओवर करने के बाद सीआईडी ने राजीव सिंह से पूछताछ की थी.
वहीं रिमांड पर भी लेकर भी राजीव सिंह से पूछताछ की थी. सीआईडी ने इस मामले में संदेह के घेरे में आए दवा दुकान के आसपास की सीसीटीवी फुटेज निकाली थी, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई थी कि राजीव सिंह ने अरगोड़ा स्थित राकेश रंजन की दुकान से ही रेमडेसिविर लिया था. दवा दुकानदार की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल संचालक की भूमिका मामले में सामने आयी, जिसके बाद उसे भी हिरासत में ले लिया गया.
आरोपी के बाद अनुसंधान पदाधिकारी में कोरोना के लक्षण
सीआईडी ने शनिवार को आरोपी राजीव सिंह को जेल भेजने के पूर्व कोरोना जांच कराई थी. जांच में राजीव सिंह कोरोना संक्रमित पाया गया था. इस मामले में केस के अनुसंधानकर्ता डीएसपी अनुदीप सिंह ने राजीव से लंबी पूछताछ की थी. डीएसपी अनुदीप सिंह में भी कोरोना के लक्षण मिले हैं, जिसके बाद वह आइसोलेशन में चले गए हैं. वहीं आरोपी राजीव सिंह को खेलगांव स्थित प्रशासनिक कोरोना सेंटर में रखा गया है.