रांची: दसम फॉल इलाके में मिले अज्ञात शव की पहचान करते हुए रांची पुलिस ने एक ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझा दी है. इस हत्याकांड में शामिल तीन आरोपियों को भी पुलिस ने धर दबोचा है. 7 फरवरी को रांची के दशम फॉल इलाके से एक युवक का चेहरा जला हुआ शव बरामद किया गया था. जांच के दौरान मृतक की पहचान जमशेदपुर के रहने वाले देवानंद माझी के रूप में हुई. देवानंद की हत्या अवैध संबंध के वजह से जमशेदपुर में की गई थी और उसके शव को रांची के दशम फॉल इलाके में फेंक दिया गया था, ताकि हत्यारों तक पुलिस ना पहुंचा सके.
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फेसबुक से दोस्ती, फिर बना अवैध संबंध
जमशेदपुर में छोटे-मोटे ठेकेदारी करने वाले देवानंद की पहचान फेसबुक के जरिए सोमाय टुडू की पत्नी से हुई. दोनों में फेसबुक के जरिए ही नजदीकियां बढ़ी और धीरे-धीरे दोनों के बीच अवैध संबंध कायम हो गया. इसके बाद चोरी छुपे मिलने का दौर शुरू हुआ और इस अवैध संबंध का अंजाम भी आखिरकार बेहद खौफनाक हुआ. सोमाय को अपनी पत्नी और देवानंद के बीच चल रहे अवैध संबंध की जानकारी हो गई, जिसके बाद उसने देवानंद की हत्या करने की प्लानिंग शुरू कर दी.
तीन साथियों ने किया अपहरण
अपनी पत्नी के बेवफाई की वजह से बदले की आग में जल रहे सोमाय टुडू ने अपने दोस्त सीताराम सरदार और वीर सिंह को पूरी बात बताई, जिसके बाद तीनों ने मिलकर देवानंद की हत्या की साजिश रची. 26 जनवरी को सोमाय ने देवानंद को कुछ काम के सिलसिले में जमशेदपुर के सुंदर नगर इलाके में बुलाया. देवानंद के पहुंचने पर अपने साथियों के साथ मिलकर उसने उसका अपहरण कर लिया और लगभग 5 घंटे तक उसे जमशेदपुर में ही घुमाते रहा.
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चौका में की हत्या
जमशेदपुर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चौका लाने के बाद सोमाय और उसके साथियों ने मिलकर गला दबाकर देवानंद की हत्या कार के अंदर ही कर दी. हत्या करने के बाद उसे वे लोग रांची के दशम फॉल इलाके लेकर आ गए और दशम फॉल स्थित काली मां के मंदिर के पीछे स्थित एक खाई में फेंक दिया. खाई में फेंकने से पहले देवानंद के चेहरे को बुरी तरह से जला दिया गया. उसकी हर पहचान को छुपा दी गई, ताकि पुलिस कभी भी उन तक ना पहुंच पाए.
7 फरवरी को मिला शव
7 फरवरी को ग्रामीणों की सूचना पर दशम फॉल थाने की टीम ने देवानंद के शव को बरामद किया. उस दौरान उसकी पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन गहनता से जांच के बाद उसके हाथ में देवानंद लिखा हुआ मिला, जिसके बाद रांची पुलिस ने सोशल मीडिया और विज्ञापन के जरिए उसकी पहचान करवाने की कोशिश की. इसी बीच सरायकेला खरसावां के आदित्यपुर थाने के पुलिस ने रांची पुलिस को यह जानकारी दी कि जिस व्यक्ति का शव रांची से बरामद किया गया है, उसकी गुमशुदगी से संबंधित रिपोर्ट थाने में 28 जनवरी को दर्ज करवाई गई है.
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कॉल डंप से खुला राज
इधर हत्यारों की तलाश में जुटी रांची पुलिस को कॉल डंप के जरिए बड़ी सफलता हाथ लगी. कॉल डंप में सोमाय, सीताराम सरदार, वीर सिंह देवगम और देव आनंद के मोबाइल का लोकेशन एक साथ मिला. ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने में लगी पुलिस सबसे पहले सोमाय तक पहुंची. हिरासत में लिए जाने के बाद सोमाय ने हत्याकांड के रहस्य से पर्दा हटाया और तब खुलासा हुआ कि अवैध संबंध की वजह से देवानंद की हत्या की गई थी. सोमाय के निशानदेही पर ही सीताराम सरदार और वीर सिंह देवगम को गिरफ्तार किया गया.
पत्नी की भी करने वाला था हत्या
पत्नी के धोखे का शिकार सोमाय अपनी पत्नी की भी हत्या करने वाला था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे धर दबोचा.
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एक आरोपी भी गिरा खाई में, मुश्किल से बची जान
जिस समय आरोपी देवानंद के शव को खाई में फेंक रहे थे, उसी दौरान पैर फिसलने की वजह से हत्या के एक आरोपी सीताराम सरदार भी खाई में जा गिरा था. बड़ी मुश्किल से उसे उस दौरान खाई से निकाला गया था. खाई में गिरने की वजह से वह बेहद चोटिल हुआ था और उसका इलाज भी अस्पताल में हुआ.
ब्लाइंड मर्डर सुलझाने में इनका अहम योगदान
ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाने में रांची के रूरल एसपी नौसाद आलम, बुंडू डीएसपी अजय कुमार और उनकी टीम का अहम योगदान रहा. जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया था और शव के चेहरे को जला दिया गया था. ऐसे में पुलिस के सामने इस मर्डर मिस्ट्री को सॉल्व करना एक बड़ी चुनौती थी. रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि मर्डर मिस्ट्री को सॉल्व करने वाली टीम को डीजीपी के ओर से सम्मानित भी किया जाएगा.