रांची: राजधानी के हिंदपीढ़ी नेजाम नगर के एक घर में एखलाक उर्फ राजू की फंदे से झूलने और उसी घर में रहने वाली महिला शाइस्ता पर हुई गोलीबारी के मामले में पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू कर दी है.
जमीन विवाद भी आया सामने
रांची के रातू स्थित एक आदिवासी जमीन के विवाद में बात बढ़ी और फायरिंग की घटना हुई है. संबंधित जमीन शाइस्ता के नाम से है. शाइस्ता पूर्व में आदिवासी समुदाय से थी. संबंधित जमीन इसलिए उसी के नाम से ली गई थी. हालांकि पुलिस को इससे संबंधित दस्तावेज नहीं मिले हैं. पुलिस फिलहाल आत्महत्या और फायरिंग की बिंदू पर फोकस कर रही है. एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस यह तय कर पाएगी कि पूरी घटनाक्रम क्या थी. इस मामले में अबतक दो एफआइआर दर्ज की गई है. एक एफआइआर शाइस्ता के पति इरशाद के बयान पर दर्ज की गई है. जबकि दूसरी एफआइआर मृतक एखलाक के भाई परवेज की ओर से दर्ज कराई गई है. जिसमें सोची समझी साजिश के तहत हत्या कर लटकाए जाने का आरोप लगाया गया है. घटना के बाद मौके से एक पिस्टल व चाकू बरामद की गई. चाकू एखलाख की कमर में खोंसा हुआ था. पिस्टल की चार गोलियों का खोखा, एक 315 बोर की गोली का खोखा और एक जिंदा गोली भी बरामद की गई थी.
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देसी कट्टा का पता लगा रही पुलिस
घटनास्थल से गायब प्रतीत हो रही प्वाइंट 315 बोर का देसी कट्टा का पुलिस पता लगा रही है. हालांकि यह भी आशंका है कि प्वाइंट 315 बोर की गोलियों का खोखा पहले की हो. घटना के बाद पिस्टल की गोलियाें का खोखा और प्वाइंट 315 बोर की गोली का खोखा मिला, पर प्वाइंट 315 बोर की देसी कट्टा बरामद नहीं किया जा सका है. खोखा मिलना यह स्पष्ट कर रहा कि देसी कट्टा से भी फायरिंग की गई है. वह कट्टा घटनास्थल से बरामद नहीं की गई. अब उस कट्टे पर पूरी घटना का राज खंगालने में पुलिस जुट गई है.