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कोल्हान में कई इनामी नक्सली पुलिस से घिरे, लगातार जारी है पुलिस-नक्सली मुठभेड़

कोल्हान के जंगल में पुलिस का नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है. इस दौरान 10 अक्टूबर से अब तक आधा दर्जन बार पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है. जिसमें कई नक्सलियों को गोली लगने की खबर है. वहीं कई इनामी नक्सली पुलिस की घेराबंदी में फंस गए हैं. Police And Naxalite encounter in Kolhan.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 15, 2023, 1:20 PM IST

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Police And Naxalite Encounter In Kolhan

रांची: झारखंड के कोल्हान में पुलिस और नक्सलियों के बीच एक बार फिर से घमासान शुरू हो चुका है. छोटी-छोटी टुकड़ियों में बंट कर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के हर ठिकाने पर एक साथ वार किया है. पुलिस की इस कार्रवाई से नक्सलियों को न सिर्फ बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है, बल्कि उनके शीर्ष नक्सली नेता पुलिस की घेराबंदी में फंस गए हैं.

ये भी पढ़ें-पश्चिमी सिंहभूम जिला में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, दोनों तरफ से चलीं दर्जनों राउंड गोलियां

10 अक्टूबर से शुरू हुआ है अभियान: कोल्हान में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी बम को निष्क्रिय कर पुलिस नक्सलियों की टोह में लगातार जंगल में आगे बढ़ रही है. इस क्रम में पुलिस और नक्सलियों के बीच आधा दर्जन बार मुठभेड़ हुई है. जिसमें घायल एक नक्सली को पुलिस को ही रेस्क्यू करना पड़ा. घायल नक्सली ने पुलिस को बताया है कि एनकाउंटर में कई नक्सलियों को गोली लगी है. वे इलाज के लिए गांव के झोलाछाप डॉक्टरों से संपर्क में हैं.नक्सल कैंप में जो दवाइयां थी उससे भी घायल नक्सली अपना इलाज कर रहे हैं.

कोल्हान के जंगल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज रहेः गौरतलब है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो और गोइलकेरा सीमा को जोड़ने वाले जंगलों और बीहड़ों में सुरक्षा बलों ने 10 अक्टूबर से नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है. कोल्हान के जंगलों में 2000 से ज्यादा जवानों को एक साथ अभियान में लगाया गया है. जवानों के सपोर्ट के लिए बम निरोधक दस्ता भी अभियान में शामिल है. 10 अक्टूबर से लेकर अब तक नक्सलियों के साथ पुलिस का आधा दर्जन से ज्यादा बार सामना हो चुका है. जिसमें दोनों तरफ से जमकर गोलियां चली हैं. कोल्हान के जंगल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज रहे हैं.

बड़े नक्सली सुरक्षा बलों की घेराबंदी में फंसे: कोल्हान जंगल की घेराबंदी तो सुरक्षा बलों के द्वारा पिछले साल दिसंबर महीने से ही शुरू कर दी गई थी, लेकिन आईईडी के भरोसे नक्सलियों ने पुलिस को लगभग एक साल तक रोक रखा था. इस दौरान पुलिस को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. कई जवानों को अपनी जीवन की आहूति देनी पड़ी. 16 से ज्यादा ग्रामीण अपनी जान गवां बैठे. पुलिस ने कोल्हान से लगभग 5000 से ज्यादा आईईडी बम को निष्क्रिय किया है. उसके बाद अब जोरदार तरीके से अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में नक्सलियों के शीर्ष नेता पुलिस की घेराबंदी में फंस गए हैं. सूचना के अनुसार 100 से ज्यादा नक्सली कैडरों के साथ एक करोड़ का इनामी मिसिर बेसरा कोल्हान में पुलिस की घेराबंदी में फंस गया है. नक्सली कैडर अपने शीर्ष नेताओं को जंगल में सुरक्षा देने में लगे हुए हैं.

कोल्हान के जंगल में नक्सलियों के शीर्ष नेताओं ने ले रखी है पनाहः दरअसल, कोल्हान में नक्सलियों के शीर्ष नेताओं ने पनाह ले रखी है. बूढ़ापहाड़ के बाद कोल्हान ही एक मात्र वो जगह है जिसे नक्सलियों ने अपने मुख्यालय के रूप में स्थापित किया था. मुख्यालय होने के नाते यहां एक करोड़ के इनामी नक्सली नेताओं का भी बसेरा है. जानकारी के अनुसार सारंडा में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा, अनमोल दा, टेक विश्वनाथ उर्फ संतोष, मोचु, चमन, कंडे, अजय महतो, सागेन अंगारिया और अश्विन जैसे खतरनाक नक्सली कमांडर मौजूद हैं. इनके पास 60 से ज्यादा लड़ाके हैं जो गुरिल्ल वार में माहिर हैं.

ये भी पढ़ें-पुलिस मुठभेड़ में घायल नक्सली का पुलिस ने किया रेस्क्यू, एयरलिफ्ट कर लाया गया रांची

पुलिस ने की आत्मसमर्पण करने की अपील: शनिवार को पुलिस ने घायल नक्सली को रेस्क्यू कर उसे एयरलिफ्ट कर रांची लाया है, ताकि उसका बेहतर इलाज हो सके. झारखंड पुलिस के द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में साफ लिखा गया है कि कोल्हान में पुलिस अभियान चला रही है. जिसमें नक्सलियों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में नक्सलियों के लिए झारखंड पुलिस का स्पष्ट रुख है कि वह हथियार डालकर मुख्य धारा से जुड़ जाएं, पुलिस उनका स्वागत करेगी.

रांची: झारखंड के कोल्हान में पुलिस और नक्सलियों के बीच एक बार फिर से घमासान शुरू हो चुका है. छोटी-छोटी टुकड़ियों में बंट कर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के हर ठिकाने पर एक साथ वार किया है. पुलिस की इस कार्रवाई से नक्सलियों को न सिर्फ बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है, बल्कि उनके शीर्ष नक्सली नेता पुलिस की घेराबंदी में फंस गए हैं.

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10 अक्टूबर से शुरू हुआ है अभियान: कोल्हान में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी बम को निष्क्रिय कर पुलिस नक्सलियों की टोह में लगातार जंगल में आगे बढ़ रही है. इस क्रम में पुलिस और नक्सलियों के बीच आधा दर्जन बार मुठभेड़ हुई है. जिसमें घायल एक नक्सली को पुलिस को ही रेस्क्यू करना पड़ा. घायल नक्सली ने पुलिस को बताया है कि एनकाउंटर में कई नक्सलियों को गोली लगी है. वे इलाज के लिए गांव के झोलाछाप डॉक्टरों से संपर्क में हैं.नक्सल कैंप में जो दवाइयां थी उससे भी घायल नक्सली अपना इलाज कर रहे हैं.

कोल्हान के जंगल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज रहेः गौरतलब है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो और गोइलकेरा सीमा को जोड़ने वाले जंगलों और बीहड़ों में सुरक्षा बलों ने 10 अक्टूबर से नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है. कोल्हान के जंगलों में 2000 से ज्यादा जवानों को एक साथ अभियान में लगाया गया है. जवानों के सपोर्ट के लिए बम निरोधक दस्ता भी अभियान में शामिल है. 10 अक्टूबर से लेकर अब तक नक्सलियों के साथ पुलिस का आधा दर्जन से ज्यादा बार सामना हो चुका है. जिसमें दोनों तरफ से जमकर गोलियां चली हैं. कोल्हान के जंगल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज रहे हैं.

बड़े नक्सली सुरक्षा बलों की घेराबंदी में फंसे: कोल्हान जंगल की घेराबंदी तो सुरक्षा बलों के द्वारा पिछले साल दिसंबर महीने से ही शुरू कर दी गई थी, लेकिन आईईडी के भरोसे नक्सलियों ने पुलिस को लगभग एक साल तक रोक रखा था. इस दौरान पुलिस को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. कई जवानों को अपनी जीवन की आहूति देनी पड़ी. 16 से ज्यादा ग्रामीण अपनी जान गवां बैठे. पुलिस ने कोल्हान से लगभग 5000 से ज्यादा आईईडी बम को निष्क्रिय किया है. उसके बाद अब जोरदार तरीके से अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में नक्सलियों के शीर्ष नेता पुलिस की घेराबंदी में फंस गए हैं. सूचना के अनुसार 100 से ज्यादा नक्सली कैडरों के साथ एक करोड़ का इनामी मिसिर बेसरा कोल्हान में पुलिस की घेराबंदी में फंस गया है. नक्सली कैडर अपने शीर्ष नेताओं को जंगल में सुरक्षा देने में लगे हुए हैं.

कोल्हान के जंगल में नक्सलियों के शीर्ष नेताओं ने ले रखी है पनाहः दरअसल, कोल्हान में नक्सलियों के शीर्ष नेताओं ने पनाह ले रखी है. बूढ़ापहाड़ के बाद कोल्हान ही एक मात्र वो जगह है जिसे नक्सलियों ने अपने मुख्यालय के रूप में स्थापित किया था. मुख्यालय होने के नाते यहां एक करोड़ के इनामी नक्सली नेताओं का भी बसेरा है. जानकारी के अनुसार सारंडा में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा, अनमोल दा, टेक विश्वनाथ उर्फ संतोष, मोचु, चमन, कंडे, अजय महतो, सागेन अंगारिया और अश्विन जैसे खतरनाक नक्सली कमांडर मौजूद हैं. इनके पास 60 से ज्यादा लड़ाके हैं जो गुरिल्ल वार में माहिर हैं.

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पुलिस ने की आत्मसमर्पण करने की अपील: शनिवार को पुलिस ने घायल नक्सली को रेस्क्यू कर उसे एयरलिफ्ट कर रांची लाया है, ताकि उसका बेहतर इलाज हो सके. झारखंड पुलिस के द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में साफ लिखा गया है कि कोल्हान में पुलिस अभियान चला रही है. जिसमें नक्सलियों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में नक्सलियों के लिए झारखंड पुलिस का स्पष्ट रुख है कि वह हथियार डालकर मुख्य धारा से जुड़ जाएं, पुलिस उनका स्वागत करेगी.

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