रांची: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंडल कारा के उस पवित्र स्थान का दर्शन करने आ रहे हैं, जहां भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की कैद के बाद अंतिम सांस ली थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी के उलिहातू का दौरा करने के बाद रांची के पुराने जेल परिसर का भी दौरा करेंगे, जिसे आज बिरसा मुंडा संग्रहालय के नाम से जाना जाता है.
झारखंड स्थापना दिवस के साथ-साथ जनजातीय गौरव दिवस के इस शुभ अवसर पर पीएम मोदी का झारखंड दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है. 15 नवंबर को पीएम मोदी करीब 20 मिनट तक रांची के पुराने जेल परिसर में रहेंगे. इस दौरान वह भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पुरानी जेल के बैरक नंबर 4 का दौरा करेंगे, जिसे संग्रहालय के रूप में विकसित किया गया है. इसी कमरे में भगवान बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने बंदी बनाकर रखा था, जहां उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी थी.
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी की जा रही है. संग्रहालय के अंदर और बाहर सुरक्षा के मद्देनजर सोमवार को स्थानीय प्रशासन की ओर से निरीक्षण भी किया गया. पीएम के कार्यक्रम के दौरान करीब 500 सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे.
पीएम के कार्यक्रम को लेकर लोग उत्साहित: झारखंड की धरती पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था. सुगना और करमी के घर जन्मे इस आदिवासी योद्धा ने महज 25 साल में आजादी के आंदोलन में जिस तरह भूमिका निभाई, वह स्वर्णिम इतिहास बन गई है. शायद यही वजह है कि लोगों ने उन्हें कोई सामान्य आंदोलनकारी नहीं बल्कि भगवान का दर्जा दिया, जो न सिर्फ झारखंड बल्कि देश के कोने-कोने में व्याप्त है. भारत सरकार ने भी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है. पीएम के आगमन को लेकर यहां रोजाना आने वाले पर्यटकों में काफी उत्साह है.
पर्यटक भी काफी खुश: इस म्यूजियम और पार्क को देखने के लिए वाराणसी से आए अब्दुल भाई का कहना है कि पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, उनका दौरा वाकई महत्वपूर्ण है. हम वाराणसी से आये हैं, उन्होंने काशी बदल दी है. भले ही यहां किसी दूसरी पार्टी की सरकार हो लेकिन प्रधानमंत्री तो प्रधानमंत्री ही हैं. इसी तरह बंगाल से आईं निकिता का कहना है कि यह म्यूजियम बहुत ही खूबसूरती से तैयार किया गया है. हम भी पीएम मोदी को देखने के लिए उत्साहित हैं. बिरसा मुंडा के गांव की ग्रामीण बिरसामिन कच्छप कहती हैं कि यह वह पवित्र स्थान है जहां हमारे भगवान शहीद हुए थे. हम प्रधानमंत्री के इस धरती पर आने से बेहद खुश हैं.'