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झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर, कर्मचारी चयन से जुड़ा है मामला - कर्मचारी चयन से जुड़ा मामला

पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे ललित दास के नजदीकी कंपनियों की तरफ से आउटसोर्सिंग के काम दिए जाने के मामले की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर किया गया है. याचिकाकर्ता प्रिंस कुमार ने जनहित याचिका दायर कर मामले की एसीबी से जांच कराने की मांग की है.

Jharkhand Highcourt, झारखंड हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Feb 12, 2020, 11:17 PM IST

रांची: झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से जुड़ी एक याचिका झारखंड हाई कोर्ट में दायर की गई है. यह याचिका पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे ललित दास के नजदीकी कंपनियों की तरफ से आउटसोर्सिंग के काम दिए जाने के मामले की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर किया गया है. याचिकाकर्ता प्रिंस कुमार ने जनहित याचिका दायर कर मामले की एसीबी से जांच कराने की मांग की है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- 17 फरवरी को BJP और JVM का मिलन समारोह, शाह और नड्डा भी रहेंगे मौजूद

चहेते कंपनी को काम देने का आरोप

याचिका के माध्यम से अदालत को बताया है कि पूर्व में रघुवर सरकार में कुछ कंपनियों ने मनमाने ढंग से आउटसोर्सिंग का काम दिया गया. इन कंपनियों पर प्रति वर्ष लगभग 300 करोड़ रुपये आउटसोर्सिंग के लिए दिया जाता था. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह कंपनी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बेटे ललित दास का है. उन्होंने तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव की ओर से नियम की अनदेखी कर चहते कंपनी को आउटसोर्सिंग का काम दिए जाने का भी आरोप लगाया है.

रांची: झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से जुड़ी एक याचिका झारखंड हाई कोर्ट में दायर की गई है. यह याचिका पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे ललित दास के नजदीकी कंपनियों की तरफ से आउटसोर्सिंग के काम दिए जाने के मामले की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर किया गया है. याचिकाकर्ता प्रिंस कुमार ने जनहित याचिका दायर कर मामले की एसीबी से जांच कराने की मांग की है.

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चहेते कंपनी को काम देने का आरोप

याचिका के माध्यम से अदालत को बताया है कि पूर्व में रघुवर सरकार में कुछ कंपनियों ने मनमाने ढंग से आउटसोर्सिंग का काम दिया गया. इन कंपनियों पर प्रति वर्ष लगभग 300 करोड़ रुपये आउटसोर्सिंग के लिए दिया जाता था. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह कंपनी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बेटे ललित दास का है. उन्होंने तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव की ओर से नियम की अनदेखी कर चहते कंपनी को आउटसोर्सिंग का काम दिए जाने का भी आरोप लगाया है.

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