रांचीः वैश्विक महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण बंद की गई फिजिकल कोर्ट एक बार शुरू हो गई है. यहां रांची व्यवहार न्यायालय (Ranchi civil Court )में हाई कोर्ट की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सुनवाई की जा रही है. लंबी अवधि के बाद फिजिकल कोर्ट शुरू होने से अधिवक्ताओं में खुशी का माहौल है.
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अधिवक्ताओं की मांग पर झारखंड हाई कोर्ट ने फिजिकल कोर्ट शुरू करने की इजाजत दे दी थी. इसको लेकर रांची व्यवहार न्यायालय के प्रधान न्याय आयुक्त नवनीत कुमार ने आदेश जारी किया था. इसके तहत रांची सिविल कोर्ट के 50% अदातल में मामले की सुनवाई फिजिकल मोड में होगी, जबकि आधी अदालतों में अब भी वर्चुअल मोड में ही मुकदमों की सुनवाई होगी. रांची व्यवहार अदालत के अधिवक्ता लंबे समय से फिजिकल कोर्ट शुरू करने की मांग कर रहे थे.
हाथ सेनेटाइज कराकर दिया जा रहा प्रवेश
इसको लेकर तमाम तरह की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. अधिवक्ताओं का हैंड सेनेटाइजर हाथ सेनेटाइज कराने और थर्मल स्क्रीनिंग कर उन्हें कोर्ट परिसर में प्रवेश करने दिया जा रहा है.
अधिवक्ताओं को हो रही थी दिक्कत
दरअसल, अभी तक अदालतों में न्यायिक कार्य वर्चुअल मोड में हो रहे थे, जहां केवल अर्जेंट मैटर की ही सुनवाई हो रही थी. इससे अधिकतर अधिवक्ताओं का कामकाज प्रभावित हो रहा था. लगभग 90 फीसदी अधिवक्ताओं को काम नहीं मिल पा रहा था. मुवक्किलों के मामलों का निष्पादन कराने में भी दिक्कत हो रही थी. खास तौर पर जूनियर अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस पूरी तरह से प्रभावित थी.
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बढ़ रहे थे लंबित मामले
इसके अलावा सिर्फ अर्जेंट मैटर की सुनवाई होने से लंबित मामलों का आंकड़ा भी दिनोंदिन बढ़ रहा था. 4 महीनों में रांची व्यवहार न्यायालय में काफी मामले लंबित (pending case in ranchi court)हो गए थे. फिजिकल कोर्ट शुरू होने से लंबित मामलों का निष्पादन में भी तेजी आएगी. साथ ही अधिवक्ता अब कोरोना से प्रभावित हुई जिंदगी को पटरी पर ला पाएंगे.
कोरोना काल के शुरुआत में झारखंड समेत देशभर की अदालतों में न्यायिक प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई थी. बाद में हालात पर नियंत्रण होने से राज्य सरकार ने धीरे धीरे कई सेक्टर्स में छूट दे दी. इसके बाद से राज्यभर के वकील कोर्ट को भी रेग्युलर किए जाने की मांग कर रहे थे. जिसपर हाईकोर्ट ने पहल की और अब रांची व्यवहार न्यायालय में भी फिजिकल कोर्ट शुरू हो गई.