रांचीः प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी ने विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है. इसके तहत प्रदेश उपाध्यक्ष बिनोद शर्मा ने मंगलवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के ट्रिब्यूनल में दोनों विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए मामला दायर किया है.
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने दसवीं अनुसूची का उलंघन किया है, जो दलबदल के दायरे में आता है. इस कारण उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाए. इस संदर्भ में विनोद शर्मा ने बताया की 23 दिसंबर 2019 को प्रदीप यादव, पोरैयाहट विधानसभा से और बंधु तिर्की मांडर विधानसभा के लिए झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार के तौर पर विधायक निर्वाचित हुए थे.
उन्होंने कहा है कि विधायक निर्वाचित होने के बाद से ही बंधु तिर्की और प्रदीप यादव दोनों ही पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहे. इसे देखते हुए जेवीएम ने 17 जनवरी 2020 को बंधु तिर्की को कारण बताओ नोटिस जारी किया और जवाब की समय सीमा समाप्त होने के बाद 21 जनवरी 2020 को झारखंड विकास मोर्चा ने बंधु तिर्की को प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया. इसके साथ ही प्रदीप यादव को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, प्रदीप यादव ने भी जवाब दाखिल नहीं किया. 6 फरवरी 2020 को जेवीएम ने प्रदीप यादव को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया. दोनों की बर्खास्तगी की सूचना विधानसभा अध्यक्ष को दी गई. साथ ही तत्काल 11 फरवरी 2020 को झारखंड विकास मोर्चा के कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई, जिसमें दोनों विधायकों की बर्खास्तगी की संपुष्टि की गई.
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इसके साथ ही झारखंड विकास मोर्चा का भी भारतीय जनता पार्टी में कार्यकारिणी के सर्वसम्मति से विलय करने का फैसला लिया गया, विलय की सूचना भी भारत निर्वाचन आयोग को दी गई. इसके आधार पर भारत निर्वाचन आयोग ने इस विलय को स्वीकार किया. उन्होंने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग ने 11 जून 2020 को झारखंड राज्य सभा चुनाव के पीठासीन पदाधिकारी को सूचित किया कि बाबूलाल मरांडी, विधायक धनवार राज्य सभा चुनाव में भाजपा के विधायक के तौर पर मतदान करेंगे. जबकि बंधु तिर्की और प्रदीप यादव निर्दलीय उम्मीदवार के तहत मतदान में हिस्सा लेंगे. इसके बाद बंधु तिर्की, प्रदीप यादव दोनों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की, जो सीधा दसवीं अनुसूची को प्रभावित करता है. मामले में प्रदीप यादव, बंधु तिर्की को तत्काल प्रभाव से उनकी सदस्यता को अयोग्य घोषित कर उनकी सदस्यता रद्द करने की अपील किया गया है.