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बाबूलाल के सलाहकार सुनील तिवारी मामले की जल्द सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट से आग्रह, अदालत ने दिया आश्वासन

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी (Sunil Tiwari) प्रकरण में रांची अनगड़ा निवासी चैता बेदिया द्वारा दायर हेबियस कॉपर्स याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) से आग्रह किया गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत में मेंशन स्लिप दायर कर याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर करने की प्रार्थना की. अदालत ने विचार कर शीघ्र सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर करने का आश्वासन दिया.

Jharkhand High Court
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Published : Aug 23, 2021, 1:59 PM IST

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार (Babulal Marandi Advisor) सुनील तिवारी मामले में चैता बेदिया ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में हेबियस कॉपर्स याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत से गुहार लगाई है कि उनके परिजन की रिहाई हो और मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उनके परिजन को अदालत में पेश किया जाए.

ये भी पढ़ें- EX CM बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार पर दुष्कर्म का केस, सलाहकार ने कहा-आरोप लगाने वाली लड़की बेटी समान

चैता बेदिया ने याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी है कि पुलिस ने उनके पिता, बहन, पत्नी और बच्चे को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी सूचना उन्हें नहीं दी जा रही है कि क्यों उन्हें गिरफ्तार किया गया है? कहां पर रखा गया है? कई दिन बीत गए हैं लेकिन पुलिस ने ना तो उन्हें रिहा किया है और ना ही किसी अदालत में पेश किया है. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस उनके परिवार पर सुनील तिवारी के ऊपर केस करने का दबाव बना रहा है.

15 अगस्त को चैता बेदिया को मिली मामले की जानकारी

बेदिया ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे और उनके पिता शिवाली बेदिया, बहन पुष्पमनी, पत्नी सुपोती देवी और उसके दो बच्चे को जबरन साथ ले गए हैं. उन्होंने याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी भी दी है कि उन्होंने ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है कि पुलिस उनके परिजनों को जबरन उठाकर ले गई है और प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिस समय पुलिस उनके घर पहुंची उस समय वह घर में नहीं थे. वह किसी काम से 14 अगस्त को गिरिडीह गए हुए थे. 15 अगस्त को उन्हें पुलिस के आने और परिजनों को ले जाने की सूचना मिली. उनके परिजन कहां है? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई है.

सुनील तिवारी ने चैता बेदिया के भाई को पढ़ाया

याचिका में प्रार्थी ने कहा है कि उन्हें पता चला है कि बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी (Sunil Tiwari) के खिलाफ गलत मामला दर्ज कराने के लिए परिवार के सदस्यों को उठाया गया है. उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया है. प्रार्थी का कहना है कि सुनील तिवारी के घर पर रहकर उनके भाई ने पढ़ाई की है और वह अभी चेन्नई में नौकरी कर रहा है. उनकी पढ़ाई का खर्च भी सुनील तिवारी ने ही उठाया था.

क्या है मामला?

एक पत्रकार के तौर पर अपना करिअर शुरू करने वाले सुनील तिवारी पिछले 25 साल से ज्यादा समय से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) के नजदीकी हैं. सुनील तिवारी उनके राजनीतिक सलाहकार भी हैं. सुनील तिवारी पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. एक साल पूर्व युवती उनके घर पर काम करती थी. प्राथमिकी में पीड़िता ने उन पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने और विरोध करने पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मंगलवार को पुलिस ने पीड़िता का न्यायालय में 164 का बयान भी दर्ज करा लिया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड के एक पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार पर यौन शोषण का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

एफआईआर में क्या है?

ईटीवी भारत के पास सुनील तिवारी पर दर्ज कराई गई एफआईआर की पूरी कॉपी है. इसमें युवती के बताया है कि वह घरेलू कामकाज करने के साथ कॉलेज जा कर पढ़ाई भी करती थी. उसने बताया कि वह सुनील तिवारी के एजी कॉलोनी स्थित मकान नंबर 81 में खाना बनाती थी. पीड़िता का आरोप है कि सुनील तिवारी का व्यवहार उसके साथ कभी अच्छा नहीं रहा, वह उसे गंदी नजर से देखा करते थे.

प्राथमिकी में पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि मार्च 2020 में रात के करीब 10 बजे सुनील तिवारी शराब के नशे में घर पहुंचे और नशे की हालत में उसके साथ छेड़खानी करने लगे. इसके बाद उसने किसी तरह उनके चंगुल से छूटने की कोशिश की तो उन्होंने मारपीट की. वह सुनील तिवारी के चंगुल से छूट कर किसी तरह छत पर पहुंची तो नशे की हालत में वे वहां भी पहुंच गए. इसके बाद वह भाग नहीं सकी और एक कमरे में बंद कर सुनील तिवारी ने उससे दुष्कर्म किया.

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार (Babulal Marandi Advisor) सुनील तिवारी मामले में चैता बेदिया ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में हेबियस कॉपर्स याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत से गुहार लगाई है कि उनके परिजन की रिहाई हो और मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उनके परिजन को अदालत में पेश किया जाए.

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चैता बेदिया ने याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी है कि पुलिस ने उनके पिता, बहन, पत्नी और बच्चे को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी सूचना उन्हें नहीं दी जा रही है कि क्यों उन्हें गिरफ्तार किया गया है? कहां पर रखा गया है? कई दिन बीत गए हैं लेकिन पुलिस ने ना तो उन्हें रिहा किया है और ना ही किसी अदालत में पेश किया है. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस उनके परिवार पर सुनील तिवारी के ऊपर केस करने का दबाव बना रहा है.

15 अगस्त को चैता बेदिया को मिली मामले की जानकारी

बेदिया ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे और उनके पिता शिवाली बेदिया, बहन पुष्पमनी, पत्नी सुपोती देवी और उसके दो बच्चे को जबरन साथ ले गए हैं. उन्होंने याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी भी दी है कि उन्होंने ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है कि पुलिस उनके परिजनों को जबरन उठाकर ले गई है और प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिस समय पुलिस उनके घर पहुंची उस समय वह घर में नहीं थे. वह किसी काम से 14 अगस्त को गिरिडीह गए हुए थे. 15 अगस्त को उन्हें पुलिस के आने और परिजनों को ले जाने की सूचना मिली. उनके परिजन कहां है? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई है.

सुनील तिवारी ने चैता बेदिया के भाई को पढ़ाया

याचिका में प्रार्थी ने कहा है कि उन्हें पता चला है कि बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी (Sunil Tiwari) के खिलाफ गलत मामला दर्ज कराने के लिए परिवार के सदस्यों को उठाया गया है. उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया है. प्रार्थी का कहना है कि सुनील तिवारी के घर पर रहकर उनके भाई ने पढ़ाई की है और वह अभी चेन्नई में नौकरी कर रहा है. उनकी पढ़ाई का खर्च भी सुनील तिवारी ने ही उठाया था.

क्या है मामला?

एक पत्रकार के तौर पर अपना करिअर शुरू करने वाले सुनील तिवारी पिछले 25 साल से ज्यादा समय से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) के नजदीकी हैं. सुनील तिवारी उनके राजनीतिक सलाहकार भी हैं. सुनील तिवारी पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. एक साल पूर्व युवती उनके घर पर काम करती थी. प्राथमिकी में पीड़िता ने उन पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने और विरोध करने पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मंगलवार को पुलिस ने पीड़िता का न्यायालय में 164 का बयान भी दर्ज करा लिया है.

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एफआईआर में क्या है?

ईटीवी भारत के पास सुनील तिवारी पर दर्ज कराई गई एफआईआर की पूरी कॉपी है. इसमें युवती के बताया है कि वह घरेलू कामकाज करने के साथ कॉलेज जा कर पढ़ाई भी करती थी. उसने बताया कि वह सुनील तिवारी के एजी कॉलोनी स्थित मकान नंबर 81 में खाना बनाती थी. पीड़िता का आरोप है कि सुनील तिवारी का व्यवहार उसके साथ कभी अच्छा नहीं रहा, वह उसे गंदी नजर से देखा करते थे.

प्राथमिकी में पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि मार्च 2020 में रात के करीब 10 बजे सुनील तिवारी शराब के नशे में घर पहुंचे और नशे की हालत में उसके साथ छेड़खानी करने लगे. इसके बाद उसने किसी तरह उनके चंगुल से छूटने की कोशिश की तो उन्होंने मारपीट की. वह सुनील तिवारी के चंगुल से छूट कर किसी तरह छत पर पहुंची तो नशे की हालत में वे वहां भी पहुंच गए. इसके बाद वह भाग नहीं सकी और एक कमरे में बंद कर सुनील तिवारी ने उससे दुष्कर्म किया.

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