रांची: स्टूडेंट्स को किताबें मिल सके इसे लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने किताब दुकान खोलने को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी. इसके बाद पुस्तक विक्रेताओं ने भी रांची जिला प्रशासन से स्कूल कैंपस में ही किताब मुहैया कराने को लेकर अनुमति मांगी थी. वहीं, गृह मंत्रालय के आदेश के बाद रांची जिला प्रशासन ने शहर के निजी स्कूलों से स्टूडेंट्स को किताबें उपलब्ध कराने को लेकर प्रस्ताव मंगाये थे. इस पर शहर के 14 स्कूलों ने अपने-अपने यहां पुस्तकें उपलब्ध कराने को लेकर तरीका और शेड्यूल के साथ प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया था.
इस पर जिला प्रशासन ने शर्त के साथ स्वीकृति प्रदान की है. प्रशासन की ओर से दी गई शर्त के अनुसार स्कूलों को प्रत्येक दिन केवल एक ही क्लास की किताबें देनी हैं. स्कूल ही सोशल डिस्टेंस सुनिश्चित करेंगे. इसके लिए दो-दो मीटर की दूरी पर सर्कल बना कर दूरी मेंटेन करते हुए किताबें देंगे. किताबें अभिभावक या स्टूडेंट्स दोनों में किसी एक को ही दी जाएगी. इसलिए किताब लेने अभिभावक आएं या फिर स्टूडेंट्स.
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पैरेंट्स को किताब देने की सूचना एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से विद्यालय द्वारा दी जाएगी. सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक किताबें वितरित की जाएंगी. सेनिटाइजर की व्यवस्था करना स्कूल की जिम्मेदारी होगी. संभव हो तो स्कूल के असेंबली हॉल में किताबें दी जाएं. किताब बेचने वाले एक ही वाहन का इस्तेमाल करेंगे. इसकी स्वीकृति स्कूल प्रबंधन देगा. स्कूल सभी कर्मचारियों का नाम, स्थानीय पता और मोबाइल नंबर अपने पास रखेंगे.
60 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को काम पर नहीं लगाएंगे. कार्यरत कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच स्कूल प्रबंधन ही कराएगा. किताबें उपलब्ध कराने की स्वीकृति जिन स्कूलों को मिली है. उनमें ब्रिजफोर्ड स्कूल तुपुदाना, ब्रीजफोर्ड जीपी जलान मेमोरियल स्कूल तुपुदाना, आचार्य कुलम स्कूल नामकुम, कैंब्रियन पब्लिक स्कूल कांके रोड, कैंब्रियन पब्लिक स्कूल धुर्वा, डीएवी हेहल, डीएवी बरियातू, डीएवी कपिलदेव, निरजा सहाय डीएवी, एसआर डीएवी पुंदाग, गुरू गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल कमड़े, डीपीएस सेल सिटी, डीएवी महात्मा आनंद स्वामी पब्लिक स्कूल सिल्ली और सच्चिदानंद ज्ञान भारती मॉडल स्कूल डोरंडा हैं.