रांचीः झारखंड लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में स्थाई शिक्षकों की बहाली की गई है. यह नियुक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद पहली बार हुई है, जिसमें 4 शिक्षक और एक लाइब्रेरियन शामिल हैं. बता दें कि विश्वविद्यालय स्थापना के बाद से इस विश्वविद्यालय में अस्थाई शिक्षकों से काम चलाया जा रहा था.
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झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का गठन वर्ष 2016 में किया गया. इस विश्वविद्यालय में कई वोकेशनल कोर्स के साथ-साथ सुरक्षा और सिविल सर्विसेज से जुड़ी कई गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती है. पुलिस सेवा में योगदान देने वाले छात्र-छात्राओं के लिए भी विश्वविद्यालय में कोर्स संचालित की जा रही है. लेकिन गठन के बाद से यहां स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई थी. इससे विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ साथ विद्यार्थियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. बता दें कि विश्वविद्यालय में 9 कोर्स की पढ़ाई होती हैं, जिसमें 610 सीटें हैं. इस साल 550 विद्यार्थियों ने नामांकन लिया है.
विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से अनुबंध पर विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिनके भरोसे विश्वविद्यालय में पठन पाठन का कार्य चल रहा है. बता दें कि विश्वविद्यालय में स्थाई शिक्षकों के स्वीकृत पद 27 हैं, जिनमें अभी 4 स्थाई शिक्षक और एक सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. झारखंड लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर 4 स्थाई शिक्षकों और लाइब्रेरियन को सोमवार को नियुक्ति पत्र दिया गया. हालांकि, विश्वविद्यालय ने जेपीएससी को परीक्षा नियंत्रक, वित्त पदाधिकारी और डिप्टी रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए पत्र भेजा है.
नवनियुक्त स्थाई शिक्षक एक मार्च से योगदान देंगे. इनमें डॉ. जे शशि कुमार (क्रिमिनोलॉजी), डॉ. कीर्ति निगम (फॉरेंसिक साइंस), प्रिया नम्रता टोपनो (डिजास्टर मैनेजमेंट), विकास कुमार अग्रवाल (कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड साइबर सिक्योरिटी) शामिल हैं. वहीं नागेश कुमार सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष के पद पर योगदान देंगे.